स्वतंत्रता दिवस समारोह में पहली बार गांव गांव से किसान प्रतिनिधि मेहमान बने-- शिवराज सिंह चाैहान
नई दिल्ली, 15 अगस्त (हि.स.)। दिल्ली स्थित पूसा संस्थान में स्वतंत्रता दिवस पर आयाेजित स्वागत सम्मान संवाद में केन्द्रीय कृषि व किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अपने व्यवहार से लोगों का दिल जीत लिया। उन्होंने समारोह में आए हुए किसानाें से स्वयं काे स्वागत कराने से यह कहते हुए इंकार कर दिया कि इस संस्थान में किसान हमारे मेहमान हैं और हम मेजबान, हम किसानों का स्वागत करेंगे। ऐसा करके उन्होंने उन्हीं किसानों का सम्मान किया जो उनका सम्मान करने मंच पर आए थे।
शिवराज सिंह चाैहान ने राष्ट्रीय नाशीजीव (कीट) निगरानी प्रणाली के शुभारम्भ के अवसर पर आयोजित समारोह में अपने संबाेधन में कहा कि लाल किले की प्राचीर से प्रधानमंत्री 1947 से झण्डा फहराते हैं, लेकिन पहले कोई किसानों को नहीं बुलाता था। नाम तक नहीं लिया जाता था। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने किसानों को स्वतंत्रता दिवस पर लालकिले बुलावाया। इस साल आजादी के महोत्सव में देश के गाँव-गाँव से किसान भाई पधारे हैं। जाे देश की धड़कन हैं और जनता के दिल की धड़कन हैं। ऐसे हमारे अन्नदाता किसानाें काे को सुखी और समृद्ध बनाना लक्ष्य है। शिवराज सिंह चाैहान ने आगे कहा कि उन्हें खुशी है कि किसानाें के सेवक के रूप में काम दिया गया है। साथ ही उन्हाेंने कांग्रेस पर कटाक्ष करते हुए कहा कि जिन्हाेंने गांव नहीं देखा, उसकी गलियां नहीं देखी, खेत नहीं देखे खेत की पगडंडियां नहीं देखी, वे आजकल खेती की बात करने की काेशिश कर रहे हैं।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि आजादी हमें चांदी की तश्तरी में रखकर भेंट नहीं की गई है। हजारों लोग फाँसी के फंदे पर हँसते-हँसते झूल गए थे। उनके हृदय में दृढ़ संकल्प होता था और वो प्रार्थना करते थे कि हमें पुनः इसी धरती पर जन्म देना, ताकि हम भारत माता के काम आ सकें। हमारे अमर क्रांतिकारी आजादी के तराने गाया करते थे। जिन्होंने अपने खून की अंतिम बूंद देकर भारत को आजादी दिलाई थी। उनकाे हम प्रणाम करते हैं। याद करें कि चंद्रशेखर आजाद भारत माता की जय बोलते हुए निकले तो पकड़ लिए गए। उन्हें 15 कोड़े की सजा मिली। हर कोड़े पर वो भारत माता की जय बोलते। जब एक गद्दार की गद्दारी के कारण अल्फ्रेड पार्क में घेर लिए गए, तो अपनी पिस्तौल की आखिरी गोली से अपना जीवन समाप्त कर लिया। आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि अब देश के लिए मरने की नहीं, जीने की आवश्यकता है। हमें प्रधानमंत्री के नेतृत्व में किसानाें के लिए महत्वपूर्ण काम करने हाेंगे।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि हाल ही में प्रधानमंत्री ने 109 प्रकार के ज्यादा उपज देने वाले बीज किसानों को समर्पित किये। विज्ञान का फायदा तुरंत किसानों को मिले, इसके लिये हम महीने में एक दिन किसानों की बात कार्यक्रम शुरू करेंगे। रेडियो पर ये कार्यक्रम होगा, इसमें वैज्ञानिक बैठेंगे, कृषि विभाग के अधिकारी बैठेंगे, मैं भी बैठूँगा और किसानों को जो-जो जरूरी है, उसके बारे में जानकारी दी जाएगी। पुरानी सरकारों में सिंचाई के बारे में ध्यान नहीं दिया जाता था। हमने मध्य प्रदेश में ही सिंचाई की क्षमता को 45 लाख हेक्टेयर कर दिया। किसानों का बजट एक समय 27 हजार करोड़ रू. था, प्रधानमंत्री मोदी ने इस बजट को बढ़ाकर 1.52 लाख करोड़ रू. कर दिया।
केंद्रीय मंत्री ने आगे कहा कि तुअर, मसूर, उड़द जितना भी किसान भाई उगाएंगे, वो सब हमारी सरकार खरीदेगी। पहले के जमाने में तो खरीद ही नहीं होती थी। दाल की खरीदी केवल 6 लाख मीट्रिक टन की गई थी पुरानी सरकार में, मोदी सरकार ने 1.70 करोड़ मीट्रिक टन दाल खरीदी। इसके साथ ही उत्पादन की लागत घटाने के प्रयास भी जारी हैं। पीएम किसान सम्मान निधि के तहत अब तक 3.24 लाख करोड़ रुपये किसानों के खातों में डाल दिए गए हैं। पीएम फसल बीमा योजना आज दुनिया की सबसे बड़ी फसल बीमा योजना है। हम निरंतर प्रयत्न करेंगे कि उसमें सुधार करते रहें।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि मृदा का स्वास्थ्य ठीक करने के लिए हम किसानों से आग्रह करेंगे कि अपने खेत के कुछ हिस्से में प्राकृतिक खेती करो। इसका मिशन बहुत जल्दी आने वाला है, इसकी रूपरेखा बन गई है। एफपीओ और बनने चाहिये। इससे हम कई तरह के काम करके अपनी आय बढ़ा सकते हैं। कृषि विकास केंद्र को पूरी तरह से किसानों से जोड़ने की जरूरत है।
हिन्दुस्थान समाचार
हिन्दुस्थान समाचार / बिरंचि सिंह / जितेन्द्र तिवारी
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