भगवान राम भारत के सांस्कृतिक राष्ट्रवाद के जनक: शान्ता कुमार
शिमला, 2 जनवरी (हि. स.)। पूर्व मुख्यमंत्री एवं पूर्व केन्द्रीय मंत्री शान्ता कुमार ने कहा कि इस बार का नया साल 2024 साधारण नही है। भारत के लिए विश्व इतिहास में नया अध्याय जुड़ेगा। 500 वर्षों से उपेक्षित अयोध्या नरेन्द्र मोदी और योगी आदित्यनाथ के प्रयास से विश्व का सबसे बड़ा तीर्थ बनेगा।
पूर्व केन्द्रीय मंत्री शान्ता कुमार ने मंगलवार को एक बयान जारी कर कहा कि प्रभु राम ने कभी भीलनी के बेर खाये थे तो इस बार राम भक्त मोदी ने निषाद के घर मीरा माझी के हाथ की चाय पीकर उस इतिहास को दोहराकर एक नया इतिहास बनाया है। कुमार ने कहा कि राम भारत के आध्यात्मिक प्राण पुरुष ही नही बल्कि भारत के सांस्कृतिक राष्ट्रवाद के जनक भी हैं। हमारा सांस्कृतिक राष्ट्रवाद किसी नेता या पार्टी ने नही दिया, स्वयं प्रभु राम ने इसकी घोषणा की थी। रावण का वध और लंका जीतने के बाद जब राम अयोध्या आने की तैयारी कर रहे थे, तब लक्षमण ने कहा था - भईया यह सोने की लंका है, यहीं रहकर राज्य करते हैं। बाल्मीकि रामायण के अनुसार तब प्रभु राम ने कहा था, लंका सोने की है, परन्तु जननी जन्मभूमि स्वर्ग से भी श्रेष्ठ होती है। उन्होंने कहा कि यही भारत का राष्ट्रवाद है, जो उस समय प्रभु राम ने दिया था। भगवान राम की अयोध्या में इस बार 22 जनवरी 2024 को दूसरी दीवाली मनेगी है। उस दिन पूरा भारत संकल्प करे कि 'सबसे पहले देश।'
हिन्दुस्थान समाचार/सुनील/सुनील
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