पानी की रायॅल्टी के लिए मैं और हिमाचल नरसिम्हा राव का हमेशा ऋणी रहेंगे : शान्ता कुमार

पानी की रायॅल्टी के लिए मैं और हिमाचल नरसिम्हा राव का हमेशा ऋणी रहेंगे : शान्ता कुमार
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पानी की रायॅल्टी के लिए मैं और हिमाचल नरसिम्हा राव का हमेशा ऋणी रहेंगे : शान्ता कुमार


शिमला, 12 फरवरी (हि.स.)। पूर्व मुख्यमंत्री एवं पूर्व केन्द्रीय मंत्री शान्ता कुमार ने कहा कि इस बार भारत रतन से सम्मानित भारत के महापुरुषों में पूर्व प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव के प्रति हिमाचल प्रदेश विशेष रूप से ऋणी है। उन्होंने हिमाचल प्रदेश को एक बहुत बड़ा वरदान दिया था जो हमेशा के लिए हिमाचल प्रदेश को लाभ देता रहेगा। मैं उस संस्मरण को पाठकों से कह रहा हूं।

उन्होंने कहा कि 1990 में मैं हिमाचल प्रदेश का दूसरी बार मुख्यमंत्री बना। अधिक विकास करने के लिए साधन जुटाने की कोशिश कर रहा था। तब एक विचार आया कि पन बिजली परियोजनाओं में हिमाचल रायॅल्टी की मांग करें। मन्त्रिमण्डल ने निर्णय किया और फिर विधान सभा में प्रस्ताव रखा। मुझे याद है उस समय के विपक्ष के नेता वीरभद्र सिंह ने विरोध करते हुए कहा था, ”ऐसी मांग करके हिमाचल अपना मजाक करवाएगा क्योंकि पानी की रायॅल्टी भारत में कहीं भी नही मिलती।“ मैंने उत्तर देते हुए कहा था, ”हिमाचल का पानी केवल पानी नहीं है। बिजली पैदा करने वाला साधन है। जिन प्रदेशों में लोहा, सोना इत्यादि पैदा होता है उन्हें रायॅल्टी मिलती है। हिमाचल का पानी बिजली पैदा करता है। हिमाचल की धरती डूबती है। कई जगह लोग वे-घर होते हैं। बिजली बनती है, भारत लाभ उटाता है परन्तु इसके बदले में हिमाचल प्रदेश को कुछ नही मिलता।“

शान्ता कुमार ने कहा कि केन्द्र में बिजली मंत्री कल्पनाथ राय को मैं कई बार मिला। रायॅल्टी की मांग की। वे कहते थे कहीं पर पानी की रायॅल्टी नहीं मिलती यह कैसे दी जा सकती। उन्होंने कहा दिल्ली में कांग्रेस सरकार थी और मैं भाजपा प्रदेश का मुख्यमंत्री था परन्तु उस समय राजनीति का स्तर भी ऊंचा था। मैं भी केन्द्र सरकार की व्यर्थ अलोचना नही करता था। इसी का परिणाम था कि एक दिन जब मैंने कल्पनाथ राय के सामने बड़े जोर से मांग रखी तो उन्होंने कहा वे तो कुछ नहीं कर सकते परन्तु मुझे प्रधानमंत्री के पास ले जा सकते हैं। आज की राजनीति में कोई सोच भी नहीं सकता कि केन्द्र की कांग्रेस सरकार के मंत्री ने भाजपा की प्रदेश सरकार के मुख्यमंत्री को स्वंय प्रधानमंत्री से मिलवाया। मैं छोटे से हिमाचल का मुख्यमंत्री था। संकोच से प्रधानमंत्री के कमरे में गया। कल्पनाथ राय ने मेरी तरफ इशारा किया और कहा कि यह हिमाचल के मुख्यमंत्री बार बार पानी की रायॅल्टी के लिए मुझे कहता रहा है। मैं इन्हें आपके पास लाया हूं। मैंने जाते ही कहा, ”प्रधानमंत्री जी हूं तो भाजपा का परन्तु बहुत आवश्यक मांग लेकर आया हूं। प्रधानमंत्री गुस्से में बोले- ”खड़े रहो दुबारा ऐसा कभी मत बोलना।“ मैं घबरा कर उन्हें देखने लगा। वे बोले- ”याद रखना पार्टियों की सरकारें होती है परन्तु सरकार की कोई पार्टी नहीं होती।“ अब बैठो और अपनी बात कहो।

उन्होंने कहा कि नरसिम्हा राव बहुत विद्वान और योग्य प्रधानमंत्री थे। उन्होंने एक वाक्य में लोकतंत्र का सरांश कह दिया। विस्तार से मेरी बात सुनते रहे। बीच बीच में कुछ प्रश्न भी किये और सारी बात सुनने के बाद कल्पनाथ राय को कहा - ”छोटे प्रदेश का मुख्यमंत्री समझ कर इनकी बातों को नजर अन्दाज मत करना इनकी बातों में बहुत दम है। केन्द्र और हिमाचल के कुछ अधिकारियों की एक कमेटी बनाओं और 15 दिन में मुझे रिपोर्ट दो।

शान्ता कुमार ने कहा कि एक महीने के अन्दर अनुकूल रिपोर्ट आई और तीन महीनों के अन्दर लिखित समझौता हुआ। हिमाचल में लगने वाली पन बिजली परियोजनाओं में हिमाचल प्रदेश को 12 प्रतिशत मुफ्त बिजली रायॅल्टी के रूप में मिलेगी। देश के इतिहास में पहली बार ऐसा निर्णय हुआ। इसके बाद बाकी पहाड़ी प्रदेशों को भी लाभ हुआ और प्रति वर्ष हिमाचल प्रदेश को सैकड़ों करोड़ रुपये रायॅल्टी के रूप में मिलते हैं। यदि उनकी जगह कोई और प्रधानमंत्री होता तो शायद इस रूप में इतनी बड़ी मांग स्वीकृत नहीं होती। इसलिए मैं और हिमाचल प्रदेश नरसिम्हा राव का हमेशा ऋणी रहेंगे।

हिन्दुस्थान समाचार/ सुनील/प्रभात

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