जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 को समाप्त करना ऐतिहासिक उपलब्धि : शान्ता कुमार
शिमला, 13 दिसंबर (हि.स.)। पूर्व मुख्यमंत्री एवं पूर्व केन्द्रीय मंत्री शान्ता कुमार ने कहा है कि इस वर्ष की सबसे बड़ी ऐतिहासिक उपलब्धि जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 को समाप्त करना है। कई बार आडवाणी जी को यह कहते हुए सुना था कि 1953 में हजारों लोगों ने सत्याग्रह किया। डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी का बलिदान हुआ परन्तु अनुच्छेद 370 समाप्त नहीं हुआ। अब इसे समाप्त करना बिलकुल असम्भव लगता है। उन्होंने कहा कि उस असम्भव को नरेन्द्र मोदी ने सम्भव करके दिखा दिया। देश का सौभाग्य है कि सर्वोच्च न्यायालय ने भी इस पर अपनी मुहर लगाई। भारत की एकता के लिए सबसे बड़ा कलंक अब हमेशा के लिए समाप्त हो गया।
शान्ता कुमार ने बुधवार को एक बयान में कहा कि आज से 70 साल पहले 1953 में डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी के नेतृत्व में भारतीय जनसंघ, हिन्दू महासभा और राम राज्य परिषद तथा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने इसी अनुच्छेद 370 को समाप्त करने के लिए ऐतिहासिक संघर्ष किया था। लगभग 70 हजार कार्यकर्ताओं ने सत्याग्रह किया, जेलों में गये। जम्मू-कश्मीर प्रजा परिषद के नेतृत्व में बड़ा आन्दोलन हुआ। हीरानगर जैसे कुछ स्थानों पर सरकार ने गोली चलाई। कुछ लोग शहीद हुए। प्रजा परिषद के अध्यक्ष पण्डित प्रेम नाथ डोगरा ने अपने हाथों से स्वयं अपना श्राद्ध किया और फिर सत्याग्रह करके जेल गये क्योंकि जेल से जीवित आने की आशा नहीं थी। उस समय पूरे भारत में इस सत्याग्रह के कारण सघंर्ष का वातावरण था।
शान्ता कुमार ने कहा कि अनुच्छेद 370 समाप्त करने के लिए 1953 का आन्दोलन ऐतिहासिक था। डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी का बलिदान हुआ और बहुत से सत्याग्रही मारे गये थे। अच्छा होता यदि अनुच्छेद 370 के समाप्त करने के लिए हुए उस ऐतिहासिक संघर्ष को भी आज याद कर लिया जाता। उस महत्वपूर्ण राष्ट्रीय आन्दोलन को आज के नेता व जनता भूल न जाये। इसलिए उस समय का एक सत्याग्रही में देश को याद दिलाने की कोशिश कर रहा हूं।
हिन्दुस्थान समाचार/सुनील/आकाश
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