बांग्लादेश मामले में शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानन्द ने राष्ट्रपति को लिखा पत्र

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बांग्लादेश मामले में शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानन्द ने राष्ट्रपति को लिखा पत्र


- भारत में रह रहे राेहिंग्या एवं बांग्लादेशी घुसपैठियाें काे अविलम्ब उन्हें बाहर निकाला जाए : शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानन्द

—बांग्लादेशी हिंदुओं के भोजन और वस्त्र की व्यवस्था करेगा हिन्दू समाज

वाराणसी, 14 अगस्त (हि.स.)। बांग्लादेश देश में हिन्दुओं के उत्पीड़न और नरसंहार पर ज्योतिष्पीठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानन्द सरस्वती भी चिंतित हैं। इस मामले को लेकर शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने देश की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु को पत्र लिखा है।

पत्र में शंकराचार्य ने लिखा कि पड़ोसी राष्ट्र बांग्लादेश में 05 अगस्त 2024 के दिन हुए सत्ता परिवर्तन के पश्चात् वहां के मूल निवासी अल्पसंख्यक हिन्दू धर्मावलम्बी निरपराध स्त्री, पुरुष एवं अबोध बालकों की नृशंस हत्या की जा रही है। हिन्दू महिलाओं के साथ बलात्कार किया जा रहा है। हिन्दुओं की संपत्तियों को नष्ट किया जा रहा है। वहां की वर्तमान सत्ता बर्बर अत्याचारों को रोकने में अब तक समर्थ नहीं हो सकी है। ऐसे में बांग्लादेश से विस्थापित भारत में प्रवेश कर चुके हिन्दुओं को अल्पकाल शरण देने के साथ उनके लिए बांग्लादेश के भीतर उनको सुरक्षित रूप से रहने की स्थायी व्यवस्था भारत सरकार करें।

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु को भेजे पत्र में उन्हाेंने लिखा है कि आपसे और आपके माध्यम से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मेरा यह व्यक्तिगत और सभी हिन्दुओं की ओर से उनके जगद्गुरु के रूप में यह साग्रह अनुरोध है। हम यह वचन देते हैं कि उन शरणार्थी हिन्दुओं के भोजन और वस्त्र पर होने वाले व्यय भार का वहन हम हिन्दू धर्माचार्य, हमारे धर्मावलम्बी और हमारे हिन्दू धन कुबेर करेंगे। हम सरकारी कोष पर भार नहीं आने देंगे।

शंकराचार्य ने लिखा कि भारत में सवा करोड़ के लगभग रोहिंग्या और बांग्लादेशी मुसलमान घुसपैठिए रह रहे हैं। उनको अविलम्ब भारत से उनके देश में भेजा जाए। विश्व में कहीं भी हिन्दुओं पर संकट आए तो भारत भूमि से यह स्पष्ट सन्देश सदा रहना चाहिए कि विपत्ति आने पर हिन्दू अपने भारत देश में कभी भी जाकर शरण ले सकते हैं।

हिन्दुस्थान समाचार / श्रीधर त्रिपाठी / राजेश

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