सुनियोजित विकास के लिए गठित होगा शाहजहांपुर विकास प्राधिकरण
मुख्यमंत्री का निर्देश, खाली पड़े अथवा अधूरे सरकारी निर्माण कार्यों को चिन्हित कर पूरा कराएं, उन्हें उपयोगी बनाएं
होटल इंडस्ट्री के विकास लिए प्रदेश में अनुकूल अवसर: मुख्यमंत्री
होटल इंडस्ट्री को प्रोत्साहित करने के लिए बिल्डिंग बाइलॉज में परिवर्तन करने की आवश्यकता: मुख्यमंत्री
● मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शाहजहांपुर के दीर्घकालिक सुनियोजित विकास के लिए शाहजहांपुर विकास प्राधिकरण के गठन की आवश्यकता जताई है। सोमवार को आवास विभाग के अधिकारियों के साथ महत्वपूर्ण बैठक की और आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।
● मुख्यमंत्री ने कहा कि हालिया वर्षों में शाहजहांपुर व आस-पास के क्षेत्र में इंफ्रास्ट्रक्चर विकास की अनेक परियोजनाओं से यहां एक ओर जहां औद्योगिक विकास तेज हुआ है, वहीं, आबादी में भी बढ़ोतरी देखी गई है। वर्तमान सरकार के पहले कार्यकाल में ही शाहजहांपुर को नगर निगम बनाया गया है। यहां पूर्व से ही विनियमित क्षेत्र है। हाल ही में यहां का मास्टर प्लान-2031 भी तैयार कराया गया है और अब आवश्यकता है कि शाहजहांपुर विकास प्राधिकरण का गठन किया जाए। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि विकास प्राधिकरण के गठन करते समय यह ध्यान रखा जाए कि प्राधिकरण के अंतर्गत आ रहे गांवों में आबादी की भूमि को ग्रीन लैंड कतई न घोषित किया जाए। आम आदमी को किसी प्रकार की समस्या न हो।
● मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के विभिन्न जिलों में अनेक सरकारी भवन या तो उपयोग में नहीं है अथवा निर्माण कार्य अधूरा है। इन्हें चिन्हित कर पूरा करायें और सदुपयोग किया जाए, साथ ही कहा कि पीएम जनविकास कार्यक्रम के कार्यों के तेजी लाई जाए।
● होटल इंडस्ट्री के विकास पर चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के टूरिज्म पोटेंशियल को प्रोत्साहित करने के प्रयासों का ही परिणाम है कि आज उत्तर प्रदेश पर्यटकों की पहली पसंद बनकर उभरा है। देश से सबसे ज्यादा पर्यटक उत्तर प्रदेश में आते हैं। इन सकारात्मक परिस्थितियों ने होटल इंडस्ट्री के लिए अपार संभावनाओं को जन्म दिया है। बड़ी संख्या में होटलों की आवश्यकता का अनुभव किया जा रहा है। होटल इंडस्ट्री को प्रोत्साहित करने के लिए हमें अपने बिल्डिंग बाइलॉज में परिवर्तन करने की आवश्यकता है।
● आवासीय क्षेत्र में 06 कमरों से 20 कमरों तक के होटल निर्माण के लिए न्यूनतम भूमि और होटल तक पहुंच मार्ग की चौड़ाई की न्यूनतम सीमा में बदलाव किया जाना चाहिए। साथ ही, पार्किंग, सिक्योरिटी और फ़ायर सेफ्टी जैसे अतिमहत्वपूर्ण विषयों में मानक का सख्ती से अनुपालन कराया जाए।
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