भोपालः आलमी तब्लीगी इज्तिमा के दूसरे दिन उमड़ी भीड़, मौलाना इलियास ने दिया ईमान व यकीन पर जोर

भोपालः आलमी तब्लीगी इज्तिमा के दूसरे दिन उमड़ी भीड़, मौलाना इलियास ने दिया ईमान व यकीन पर जोर
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भोपालः आलमी तब्लीगी इज्तिमा के दूसरे दिन उमड़ी भीड़, मौलाना इलियास ने दिया ईमान व यकीन पर जोर


भोपाल, 9 दिसंबर (हि.स.)। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में ईंटखेड़ी स्थित ग्राम घासीपुरा में चल रहे मुस्लिम समुदाय के चार दिवसीय अंतररराष्ट्रीय धार्मिक सम्मेलन आलमी तब्लीगी इज्तिमा में दूसरे दिन शनिवार को भी देश-दुनिया के मुस्लिम धर्मावलम्बी पहुंचे। यहां लोगों की भीड़ को देखते हुए पंडाल को बढ़ाया गया है। यहां पूरे दिन बयान और तकरीर के दौर के बीच सीखने-सिखाने का दौर भी जारी है। बड़ी तादाद में पहुंचे बुजुर्ग, जवान और बच्चे अलग-अलग तालिमी खेमों में बेहतरी की बातें सीख रहे हैं।

इज्तिमा के दूसरे दिन शनिवार को मौलाना इलियास ने तकरीर में ईमान और यकीन पर जोर दिया। फजर की नमाज के बाद तकरीर में उन्होंने कहा कि आज लोगों का यकीन कमजोर हो गया है। लोग सोचते हैं कि मेरी दुकान में चोरी नहीं होगी, क्योंकि मैं ताला डालकर आया हूं, मेरे घर में आग नहीं लग सकती, क्योंकि मेरे पास सभी तरह के इंतजाम हैं। इस तरह से लोग असबाब (घर गृहस्थी के समान) पर यकीन करने लगे हैं। जबकि यकीन आमाल (कर्म) और अल्लाह पर होना चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि जब भी हमारे सामने बुरा वक्त आता है तो हम सबसे पहले दुनियावी तौर पर सारी कोशिश करते हैं। फिर आखिर में जब कुछ हाथ नहीं लगता, तब दुआ पर यकीन करने लगते हैं। हमें पहले ही मस्जिद की ओर जाना चाहिए, क्योंकि पैगंबर ऐसा कहते थे, कलमा ही कामयाबी का रास्ता है।

मौलाना इलियास ने कहा कि आज का इंसान अल्लाह के खजानों से फायदा उठाने वाला नहीं है। वह अगर अल्लाह के तरीकों, कुरान की सीख और नबी के बताए रास्तों पर चलने का नियम बना ले तो वह दुनिया में भी कामयाब होगा और आखिर में भी उसके लिए आसानी होगी।

मौलाना ने जौहर की नमाज के बाद हुए बयान में कहा कि दीन का रास्ता सच्चा है। बाकी सब गुमराह करने वाले हैं। दुनिया में जिंदगी बिताने का हर तरीका इस्लाम ने सिखाया है, लेकिन इस रास्ते से लोग भटक रहे हैं। जिंदगी बिताने का कुरान का बताया रास्ता ही जिंदगी की कामयाबी की सीढ़ी है, इससे ही आखिर की जिंदगी संवर पाएगी।

असीर की नमाज के बाद मौलाना इलियास ने कहा कि इस्लाम में कई पैगंबर आए और उन्होंने दीन की बात लोगों तक पहुंचाई। हजरत मोहम्मद के बाद ये सिलसिला बंद हो गया, लेकिन इस्लाम की अच्छी बातों को लोगों तक पहुंचाने की जिम्मेदारी अब आपके हमारे जिम्मे है। जमातों, मुलाकातों और इज्तिमा के जरिए इसी बात की मेहनत की जा रही है। नबियों के इस काम को करने में आने वाली मुश्किलों से घबराने की बजाए हमें उन तकलीफों का ख्याल करना चाहिए, जो हमसे पहले नबियों ने इस्लाम के लिए उठाई हैं।

मगरिब की नमाज के बाद मौलाना मोहम्मद सआद साहब कंधालवी की तकरीर हुई। उन्होंने कहा कि हमारे पास जो बेहतर है, वह लोगों तक पहुंचे और उसको भी इससे फैज हासिल हो, इससे बड़ी बात क्या हो सकती है। हमें कोशिश करना चाहिए कि भलाई की बात, बेहतरी की बात और किसी के काम आने वाले नुस्खे खुद के पास महदूद रखने की बजाए इसको आगे बढ़ाकर इसमें इजाफा करें। उन्होंने कहा कि अब दौर आसान हो चुका है, नए दौर की टेक्नोलॉजी बेहतरी को फैलाने में मददगार हो सकती है। उन्होंने लोगों से अच्छे अखलाक, किसी का दिल न दुखाने और सबके लिए बेहतरी के काम करते रहने की ताकीद भी की।

भोपाल में शुक्रवार से शुरू हुआ 74वां आलमी तब्लीगी इज्तिमा आगामी 11 दिसम्बर तक चलेगा, जिसमें देश-विदेश की जमातें शामिल हुई हैं। इस बार इज्तिमा में पाकिस्तान को छोड़ कर कई देशों के लोग शामिल हुए हैं। इनमें किर्गिस्तान, मलेशिया, बांग्लादेश, इथोपिया, बर्मा (म्यांमार), श्रीलंका, सउदी अरब, कंबोडिया, इंग्लैंड, साउथ अफ्रीका, सीर्रा, लोन, फ्रांस, जॉर्जिया, तुर्की,आयरलैंड, जॉर्डन, ऑस्ट्रेलिया, थाईलैंड, ट्यूनिशिया, इजिप्ट शामिल हैं।

तब्लीगी इज्तिमा के लिए घासीपुरा ईंटखेड़ी में 250 एकड़ में ठहरने के लिए पंडाल तैयार किया गया है, जहां चार दिन में 10 लाख से अधिक लोगों के आने का अनुमान है। यहां जिला प्रशासन ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए हैं, साथ ही अन्य सभी तरह की व्यवस्थाएं भी की गई हैं। यहां लोगों को आने में कोई परेशानी न हो, इसके लिए 10 हजार वॉलिटियर्स को ट्रैफिक मैनेजमेंट के लिए तैयार किया गया है, जो ट्रैफिक व्यवस्था संभाल रहे हैं। वहीं, छह हजार लोग सफाई व्यवस्था में लगे हुए हैं।

14 ब्लाक में बांटा इज्तिमागाह

इज्तिमागाह को 14 ब्लाकों में बांटा गया है। इन ब्लाकों में आरिफ नगर मस्जिद, पीजीबीटी, मस्जिद मुल्तानी, करोंद, नन्नी बी, याकूब खां, कच्ची मस्जिद, मस्जिद अहमद नगर, ऐशबाग, आम वाली मस्जिद, अफजल कालोनी, नूर महल, बाग उमरावदूल्हा, स्टेशन, बुधवारा, तलैया, जुमेराती, हुजूर, तेहसील बैरसिया, इब्राहिमपुरा, छावनी, भेल बरखेडी, जहांगीराबाद शामिल है, जहां देश-विदेश से आई जमातों के रुकने की व्यवस्था की गई है।

हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश/संजीव

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