रेवाड़ी में सरिस्का का बाघ घुसने से लोगों में दहशत, वन विभाग की टीम कर रही मॉनिटरिंग

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रेवाड़ी में सरिस्का का बाघ घुसने से लोगों में दहशत, वन विभाग की टीम कर रही मॉनिटरिंग


रेवाड़ी में सरिस्का का बाघ घुसने से लोगों में दहशत, वन विभाग की टीम कर रही मॉनिटरिंग


अलवर, 19 जनवरी (हि.स.)। सरिस्का टाइगर रिजर्व के अलवर बफर जोन बाला किला से एक युवा बाघ एसटी2303 हरियाणा के रेवाड़ी जिले के भटसाना गांव पहुंच गया। शुक्रवार सुबह बाघ की लोकेशन रेवाड़ी में मिली जबकि गुरुवार की शाम वह कोटकासिम और खुशखेड़ा के आसपास था। रेवाड़ी में जैसे ही ग्रामीणों को टाइगर दिखाई दिया, सब अलर्ट हो गए। हरियाणा का पुलिस और प्रशासन भी लोगों से घर में रहने की अपील कर रहा है। अलवर की टीम ने रेवाड़ी के विभाग को सूचना दी थी। फिलहाल रेवाड़ी और अलवर दोनो की टीमें मौके पर नजर बनाए हुए हैं।

टाइगर ने गुरुवार की शाम खुशखेड़ा ग्राम में एक व्यक्ति पर हमला कर दिया। घायल व्यक्ति को इलाज के लिए हरियाणा के रेवाड़ी चिकित्सालय में भर्ती कराया गया। वन विभाग ने अब बाघ को ट्रेंकुलाइज करने का फैसला लिया है। इसके लिए जयपुर से भी टीम आ रही है। वन विभाग के डीएफओ अपूर्वकृष्ण श्रीवास्तव ने बताया कि तीन महीने से एक युवा बाघ एसटी2303 रेंज किशनगढ़बास के अधीन वनखंड रुंध इस्माइलपुर एवं आसपास के क्षेत्र में घूम रहा है। वन विभाग की टीम बाघ की नियमित रूप से ट्रैकिंग कर रही है। 17 जनवरी को सुबह बाघ वन क्षेत्र से निकलकर खेतों के रास्ते उत्तर दिशा की ओर मूवमेंट कर रहा है। बाघ के शाम काे पगमार्क तहसील कोटकासिम में ग्राम बसई वीरथल में मिले। उसके बाद बाघ ने दोपहर के समय खुशखेड़ा ग्राम में एक व्यक्ति पर हमला कर दिया।

घटनाक्रम के अनुसार रघुवीर यादव अपने बेटे मामन सिंह के साथ खेत में काम कर रहे थे। इसी दौरान अचानक बाघ ने रघुवीर पर हमला बोला और हाथ को मुंह में ले लिया। इस दौरान लोगों के शोर मचाने पर बाघ मौके से चला गया। घटना में रघुवीर के हाथ और सीने पर चोट आई। वो घायल हो गया। वहां मौजूद लोगों ने घायल को इलाज के लिए हरियाणा के रेवाड़ी अस्पताल में भर्ती कराया। हॉस्पिटल में प्राथमिक उपचार के बाद उसे अस्पताल से छुट्टी दी गई। वन विभाग की ट्रैकिंग टीम ने बाघ के हमले की पुष्टि की है। इस घटना के बाद से क्षेत्र में दहशत का माहौल बना हुआ है।

वन मंत्री के जिले में जंगल से बाहर निकल रहे हैं बाघ

प्रदेश के वन मंत्री संजय शर्मा के गृह जिले अलवर में बाघ बाहर निकल रहे हैं लेकिन जिम्मेदार सरिस्का के अधिकारी चुप्पी साधे हुए हैं। नियम के हिसाब से प्रत्येक बाघ के पीछे सरिस्का की एक मॉनिटरिंग टीम रहती है। ऐसे में यह बाघ हरियाणा सीमा तक कैसे पहुंच गया। मॉनिटरिंग टीम को इसकी जानकारी क्यों नहीं मिली। अधिकारी बेखबर क्यों रहे। इस तरह के कई ऐसे सवाल हैं। जो इस घटना के बाद उठ रहे हैं।

वन विभाग ने जारी की चेतावनी

वन विभाग की ओर से लोगों को बाघ से बचाव के लिए चेतावनी जारी की गई है। साथ ही जागरुक करने के लिए पम्फलेट बांटे जा रहे हैं। लोगों से सुबह 7 से पहले और शाम 5 बजे बाद खेतों में नहीं जाने और अकेले नहीं घूमने के लिए कहा गया है। बाघ दिखाई देने पर या किसी मवेशी का शिकार होने पर तुरंत वन विभाग की टीम को सूचना देने तथा बाघ के दिखाई देने पर भीड़ व शोर नहीं करने, पत्थर व लकड़ी आदि मारकर वन्यजीव को परेशान नहीं करने की चेतावनी दी गई है। साथ ही किसी अफवाह पर भरोसा नहीं करने को कहा गया है।

हिन्दुस्थान समाचार/ मनीष/संदीप/दधिबल

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