शास्त्रीय तरीके से होना चाहिए अयोध्या धाम का विकास : विजयेन्द्र सरस्वती

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शास्त्रीय तरीके से होना चाहिए अयोध्या धाम का विकास : विजयेन्द्र सरस्वती


लखनऊ, 07 नवंबर (हि.स.)। श्री कांची कामकोटि पीठ के 70वें आचार्य जगद्गुरु श्री शंकर विजयेन्द्र सरस्वती शंकराचार्य स्वामी जी ने माधव सभागार निरालानगर में आयोजित सत्संग में कहा कि अयोध्या धाम का विकास शास्त्रीय तरीके से होना चाहिए। अयोध्या प्राचीन नगरी है इसलिए अयोध्या नगर का विकास प्राचीन संस्कृति को ध्यान में रखकर करना चाहिए, जिससे नगर की पौराणिकता कायम रहे।

शंकराचार्य ने कहा कि अयोध्या के छोटे मंदिरों का भी जीणोद्धार होना चाहिए। अयोध्या नगर में होटलों व अन्य निर्माण के साथ ही साथ पुरानी धर्मशालाओं व भवनों का भी जीणोद्धार होना चाहिए। इसके साथ ही अयोध्या में शास्त्र विद्या, संगीत विद्या और शिल्प शास्त्र की शिक्षा की भी व्यवस्था होनी चाहिए। जगद्गुरु विजयेन्द्र सरस्वती ने कहा कि सनातन धर्म भारत का व्यक्तित्व और भारत की पहचान है। हिन्दू धर्म सामाजिक है। हिन्दू धर्म वैज्ञानिक है। हिन्दू सामाजिक व आध्यात्मिक होता है। हिन्दू धर्म का उद्देश्य विश्व में शांति स्थापित करना है। विकास का मूल कारण शांति है। शांति से विकास होता है।

संयुक्त परिवार की टूटती परंपरा और नैतिक मूल्यों के विघटन पर चिंता जाहिर करते हुए शंकराचार्य ने कहा कि वर्तमान समय में संयुक्त परिवार दुर्लभ और दुर्बल हो रहा है। हमें ऐसे प्रयास करने हैं कि दुर्लभ को सुलभ और दुर्बल को सबल बनाना है। उन्होंने कहा कि 70 साल तक हमने प्रजातंत्र को बचाया है, अब हमें प्रजा को बचाना है। समाज के जो असमर्थ व गरीब हैं उनकी सहायता होनी चाहिए। मंदिरों के द्वारा धर्म और संस्कृति का प्रचार प्रसार होना चाहिए। देश की उन्नति के लिए धर्म संरक्षण करना है।

शंकराचार्य विजयेन्द्र सरस्वती ने कहा कि प्राचीन संस्कृति और नवीन विज्ञान के साथ भारत का विकास होना चाहिए। काशी के विकास के लिए बहुत सुंदर कार्य हो रहा है। अयोध्या में भी बहुत अच्छा काम हो रहा है। जनता सर्वोपरि पुस्तक की चर्चा करते हुए उन्होंने कि पुस्तक में इन्हीं सब कार्यों का उल्लेख किया गया है।

शंकराचार्य ने कहा कि उत्तर प्रदेश का विकास उत्तर भारत का विकास है। उत्तर भारत का विकास भारत का विकास है। उत्तर प्रदेश भगवान की जन्मस्थली है। आप भाग्यशाली हैं कि आपका जन्म उत्तर प्रदेश में हुआ। कांची पीठाधीश्वर ने कहा कि अयोध्या के लिए भक्तों का आग्रह, संतों का आशीर्वाद रहा। अयोध्या की भांति काशी और मथुरा के लिए भी भक्तों की ओर से प्रयास हो रहा है। जो भी होगा वो भगवान् ही करेंगे लेकिन प्रार्थना और प्रयास भक्त ही करेंगे। धर्म का कार्य भक्तों द्वारा ही हो सकता है।

लखनऊ केंद्र के स्वामीनाथन शास्त्री, काशी के सुब्रमण्यम शास्त्री और विश्व हिंदू परिषद के प्रांतीय अध्यक्ष कन्हैया लाल अग्रवाल भी उपस्थित रहे।

हिन्दुस्थान समाचार/बृजनन्दन/पवन

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