तकनीकी प्रगति के दौर में भी मुद्रित पुस्तकों का महत्व नहीं होगा कम: मेघवाल
- साहित्य अकादमी के पुस्तकायन पुस्तक मेले का शुभारंभ
नई दिल्ली, 01 दिसंबर (हि.स.)। केंद्रीय संस्कृति राज्यमंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने साहित्य अकादमी के पुस्तकायन पुस्तक मेले के द्वितीय संस्करण का शुक्रवार को शुभारंभ किया। मेघवाल ने इस दौरान साहित्य अकादमी पुस्तकालय में बच्चों के लिए नवनिर्मित चिल्ड्रन्स कॉर्नर का भी उद्घाटन किया। फिरोजशाह रोड स्थित साहित्य अकादमी के मुख्यालय परिसर में आयोजित यह पुस्तक मेला 09 दिसंबर तक चलेगा।
मंत्री मेघवाल ने कहा कि प्राचीन काल से अबतक पुस्तकों का महत्व कम नहीं हुआ है। हम कितनी भी तकनीकी प्रगति कर लें लेकिन मुद्रित पुस्तकों का महत्व हमेशा बना रहेगा। मुद्रित पुस्तकें हमारे संस्कार और चरित्र निर्माण में सहायक तो होती ही हैं, हमारे अंदर सकारात्मक निर्णय लेने की क्षमता भी विकसित करती हैं। उन्होंने बाबासाहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर के पुस्तक प्रेम के कई उदाहरण दिए। उन्होंने बताया कि पुस्तकों के कारण ही वे देश के लिए एक ऐसा संविधान बना पाए जो स्वतंत्रता से पहले समानता की बात करता है।
साहित्य अकादमी के अध्यक्ष माधव कौशिक ने अपने अध्यक्षीय वक्तव्य में कहा कि साहित्य अकादमी भारतीय भाषाओं का सबसे बड़ा प्रकाशनगृह है, जो भारतीय साहित्य के एकात्म को प्रदर्शित करता है। ज्ञान आधारित समाज ही सर्वश्रेष्ठ होता है और उसका निर्माण पुस्तकों के सहारे ही संभव है। आज हम पाषाण युग से अंतरिक्ष तक किताबों के कारण ही पहुंच पाए हैं। उन्होंने अच्छे पाठक को भविष्य का लेखक मानते हुए कहा कि हमें नई पीढ़ी को पढ़ने के आनंद से परिचित कराना होगा तभी वे बेहतर भविष्य के लिए तैयार हो सकेंगे।
साहित्य अकादमी के सचिव डॉ. के. श्रीनिवासराव ने सभी अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि पिछले वर्ष आयोजित पुस्तकायन की सफलता को देखते हुए इस मेले के दूसरे संस्करण का आयोजन किया गया है। उन्होंने साहित्य अकादमी पुस्तकालय में नवनिर्मित चिल्ड्रन्स कॉर्नर के बारे में कहा कि बच्चों के लिए विशेष तौर पर बनाया गया यह कॉर्नर उन्हें अपने बाल परिवेश में पढ़ने-लिखने के लिए प्रेरित करेगा। इस अवसर पर केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय की संयुक्त सचिव उमा नंदूरी, निदेशक प्रियंका चंद्रा तथा अनीश पी. राजन भी मौजूद रहे।
उल्लेखनीय है कि यह पुस्तक मेला साहित्य अकादमी परिसर में 09 दिसंबर तक प्रतिदिन सुबह 10 से शाम 08 बजे तक खुला रहेगा। इस बार पुस्तक मेले में 40 से अधिक महत्वपूर्ण प्रकाशक शामिल हो रहे हैं। पुस्तक मेले में अनेक साहित्यिक कार्यक्रमों के साथ ही कलाकारों द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रतिदिन प्रस्तुत किए जाएंगे। नौ दिनों तक चलने वाले इस पुस्तक मेले में विभिन्न भारतीय भाषाओं के लगभग 50 लेखक एवं कलाकार शामिल हो रहे हैं। मेले के दौरान आयोजित साहित्यिक कार्यक्रमों में मुशायरा, कवि सम्मिलन, युवा साहिती, बहुभाषी रचना-पाठ, पैनल चर्चा एवं अपने प्रिय साहित्यकार से मिलिए जैसे अनेक कार्यक्रम रखे गए हैं।
मेले में बच्चों के लिए भी कार्टून कार्यशाला एवं उनके प्रिय बाल लेखकों से मिलने के कार्यक्रम रखे गए हैं। कलाकारों द्वारा सांस्कृतिक प्रस्तुतियां, सांस्कृतिक स्रोत एवं प्रशिक्षण केंद्र के सहयोग से की जा रही हैं। पुस्तक मेले के दौरान शामिल होने वाले कुछ मुख्य लेखक हैं- ममता कालिया, अनामिका, बलदेव सिंह, चंद्रभान ख़याल, ख़ालिद जावेद, प्रकाश मनु, बुद्धिनाथ मिश्र, ज्ञानप्रकाश विवेक, ख़ालिद महमूद, महुआ माजी, माधव जोशी, इरशाद खान सिकंदर आदि।
हिन्दुस्थान समाचार/विजयलक्ष्मी/पवन
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