दिल्ली में 21 भारतीय भाषाओं के बाल साहित्यकार हुए पुरस्कृत
- साहित्य अकादमी बाल साहित्य पुरस्कार अर्पण समारोह संपन्न
नई दिल्ली, 09 नवंबर (हि.स.)। साहित्य अकादमी के प्रतिष्ठित बाल साहित्य पुरस्कार-2023 से 21 भारतीय भाषाओं के साहित्यकारों को गुरुवार को पुरस्कृत किया गया। ये पुरस्कार साहित्य अकादमी के अध्यक्ष माधव कौशिक ने यहां के तानसेन मार्ग स्थित त्रिवेणी सभागार में आयोजित समारोह में प्रदान किए।
बाल साहित्य पुरस्कार प्राप्त करने वाले लेखकों में- रथींद्रनाथ गोस्वामी (असमिया), प्रतिमा नंदी नार्जारी (बोडो), बलवान सिंह जमोड़िया (डोगरी), सुधा मूर्ति (अंग्रेज़ी), रक्षाबहेन प्र. दवे (गुजराती), सूर्यनाथ सिंह (हिंदी), विजयश्री हालाडि (कन्नड), तुकाराम रामा शेट (कोंकणी), अक्षय आनंद ‘सन्नी’ (मैथिली), प्रिया ए.एस. (मलयालम्), दिलीप नाङ्माथम (मणिपुरी), एकनाथ आव्हाड (मराठी), मधुसूदन बिष्ट (नेपाली), जुगल किशोर षडंगी (ओडिया), गुरमीत कड़िआलवी (पंजाबी), किरण बादल (राजस्थानी), राधावल्लभ त्रिपाठी (संस्कृत), मानसिंह माझी (संताली), के. उदयशंकर (तमिल), डीके चादुवुल बाबु (तेलुगु) शामिल हैं। बांग्ला और सिंधी के लेखक स्वास्थ्य कारणों से समारोह में सम्मिलित नहीं हो पाए। स्वर्गीय मतीन अचलपुरी (उर्दू) का पुरस्कार उनके सुपुत्र यूसुफ़ ने ग्रहण किया। इस वर्ष कश्मीरी में कोई पुरस्कार नहीं दिया गया है।
पुरस्कार समारोह के मुख्य अतिथि प्रख्यात अंग्रेज़ी लेखक हरीश त्रिवेदी थे। त्रिवेदी ने कहा कि पहले हमारे परिवारों में दादा-दादी, नाना-नानी कहानियां सुनाने की परंपरा निभाते थे, जो अब एकल परिवार होने के कारण ख़त्म हो गई है, इसलिए बाल पुस्तकों की भूमिका अब अधिक महत्वपूर्ण है।
अध्यक्षीय वक्तव्य में साहित्य अकादमी के अध्यक्ष माधव कौशिक ने कहा कि बाल साहित्य भविष्य के रचनाकार तैयार करता है, इसलिए उसकी भूमिका दूसरे साहित्य से अधिक महत्वपूर्ण है। उन्होंने हाल ही में फ्रैंकफर्ट पुस्तक मेले के अनुभवों को साझा करते हुए कहा कि वहां सबसे अधिक स्टाॅल बाल साहित्य के थे और वे प्रकाशन पुस्तकों की सुंदर छपाई और विविधता में सबको आकर्षित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि आने वाला दशक बाल साहित्य का ही होगा।
साहित्य अकादमी के सचिव डॉ. के. श्रीनिवासराव ने बताया कि शुक्रवार (10 नवंबर) को पुरस्कृत बाल साहित्यकारों के साथ “लेखक सम्मिलन” का आयोजन साहित्य अकादमी के नई दिल्ली स्थित मुख्यालय के प्रथम तल स्थित सभागार में किया जाएगा। इसमें पुरस्कार विजेता अपने स्वीकृति वक्तव्य देंगे तथा रचनात्मक लेखन के अनुभवों को साझा करेंगे।
हिन्दुस्थान समाचार/पवन कुमार/दधिबल
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