भगवान बुद्ध के दो शिष्यों के पवित्र अवशेष थाईलैंड में एक महीने दर्शन के लिए रखे जाएंगे

भगवान बुद्ध के दो शिष्यों के पवित्र अवशेष थाईलैंड में एक महीने दर्शन के लिए रखे जाएंगे
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भगवान बुद्ध के दो शिष्यों के पवित्र अवशेष थाईलैंड में एक महीने दर्शन के लिए रखे जाएंगे


- केंद्र सरकार के निर्देश पर रायसेन के कलेक्टर ने पवित्र अस्थियों को राष्ट्रीय संग्रहालय, नई दिल्ली के प्रतिनिधि को सौंपा

रायसेन, 14 फरवरी (हि.स.)। केंद्र सरकार द्वारा सांची में बौद्ध स्तूप परिसर में स्थित मंदिर में रखे भगवान बुद्ध के शिष्यों अर्हन्त सारिपुत्र और अर्हन्त महामोगल्यान के पवित्र अवशेषों (अस्थियों) को दर्शनार्थ बैंकाक, थाईलैंड और कंबोडिया विहार ले जाने की अनुमति दी गई है। केंद्र सरकार के संस्कृति मंत्रालय और मप्र शासन के संस्कृति विभाग के निर्देशानुसार सांची में बौद्ध स्तूप परिसर में स्थित चैतियगिरी विहार मंदिर में रखे भगवान बुद्ध के इन दो शिष्यों के पवित्र अवशेषों को बुधवार को महाबोधि सोसायटी श्रीलंका के प्रमुख वानगल उपतिस्स नायक थेरो की उपस्थिति में कलेक्टर अरविंद दुबे ने केंद्र सरकार द्वारा अधिकृत तथा राष्ट्रीय संग्रहालय के प्रतिनिधि डीजे प्रदीप को सुरक्षित तरीके से सौंपा।

भोपाल से पवित्र अवशेषों को हवाई जहाज के माध्यम से दिल्ली और फिर वहां से बैंकाक, थाईलैंड और कंबोडिया विहार दर्शनार्थ हेतु ले जाया जाएगा। यह पवित्र अवशेष वहां 22 फरवरी से 18 मार्च तक दर्शनार्थ रहेंगे और इसके उपरांत पुनः वापस भारत लाए जाएंगे।

शासन के निर्देशानुसार महाबोधि सोसायटी श्रीलंका के अध्यक्ष वानगल उपतित्स्स की उपस्थिति में कलेक्टर अरविंद दुबे द्वारा द्वारा शिष्य अर्हन्त सारिपुत्र और अर्हन्त महामोगल्यान के पवित्र अवशेषों को राष्ट्रीय संग्रहालय के प्रतिनिधि डीजे प्रदीप को सुरक्षित तरीके से पूर्ण प्रक्रिया का अभिलेखीकरण, वीडियोग्राफी तथा पंचनामा तैयार कर सौंपा गया। इस अवसर पर आईबीसी के डायरेक्टर विजयेंद्र थापा, पुलिस अधीक्षक विकास शहवाल भी साथ रहे।

पवित्र अवशेषों को सर्वप्रथम सांची में बौद्ध स्तूप परिसर स्थित चैतियगिरी विहार में स्थित तहखाने से विधिवत पूजा-अर्चना कर मंदिर में लाया गया। इसके उपरांत यहां भी पवित्र अवशेषों की पूजा-अर्चना करने के उपरांत कलेक्टर दुबे द्वारा महाबोधि सोसायटी श्रीलंका के प्रमुख वानगल उपतिस्स नायक थेरो की उपस्थिति में राष्ट्रीय संग्रहालय के प्रतिनिधि डीजे प्रदीप को सौंपा गया। पवित्र अवशेषों को मंदिर के बाहर लाते समय गार्ड ऑफ ऑनर भी दिया गया। इसके पश्चात पवित्र अस्थियों को लेकर महाबोधि सोसायटी श्रीलंका के प्रमुख वानगल उपतिस्स नायक थेरो, राष्ट्रीय संग्रहालय के प्रतिनिधि डीजे प्रदीप तथा आईबीसी के डायरेक्टर विजयेन्द्र थापा वाहन से पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था के साथ भोपाल के लिए रवाना हुए।

हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश/दधिबल

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