कान्हा राष्ट्रीय उद्यान पहुंचे सचिन तेंदुलकर, पत्नी के साथ उठाया जंगल सफारी का लुत्फ

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कान्हा राष्ट्रीय उद्यान पहुंचे सचिन तेंदुलकर, पत्नी के साथ उठाया जंगल सफारी का लुत्फ


कान्हा राष्ट्रीय उद्यान पहुंचे सचिन तेंदुलकर, पत्नी के साथ उठाया जंगल सफारी का लुत्फ


कान्हा राष्ट्रीय उद्यान पहुंचे सचिन तेंदुलकर, पत्नी के साथ उठाया जंगल सफारी का लुत्फ


मंडला, 25 अक्टूबर (हि.स.)। मध्य प्रदेश बाघ प्रेमियों की पहली पसंद बनता जा रहा है। बाघों की बढ़ती संख्या को देखते हुए यहां देश-विदेश से पर्यटक जंगल सफारी के लिए आ रहे है। क्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले सचिन तेंदुलकर बुधवार को कान्हा राष्ट्रीय उद्यान पहुंचे। उन्होंने यहां पत्नी के साथ कान्हा टाइगर रिजर्व के मुक्की रेंज में जंगल सफारी का लुफ्त उठाया। सचिन तेंदुलकर यहां दो दिवसीय प्रवास पर पहुंचे हैं। वे अपनी पत्नी डॉ. अंजलि तेंदुलकर के साथ मुक्की रेस्ट हाउस में ठहरे हैं।

सचिन तेंदुलकर बुधवार को पत्नी के साथ जंगल सफरी पर निकले और कान्हा राष्ट्रीय उद्यान की खूबसूरती को करीब से जाना। सचिन के यहां पहुंचने जानकारी लगते ही टाइगर रिजर्व के बाहर उनकी एक झलक पाने के लिए प्रशंसकों की भीड़ लग गई। टाइगर रिजर्व प्रबंधन द्वारा उनकी सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए गए हैं।

जानकारी के अनुसार सचिन तेंदुलकर बुधवार सुबह रायपुर एयरपोर्ट से सड़क के रास्ते बालाघाट होते हुए मंडला स्थित कान्हा टाइगर रिजर्व पहुंचे। उनके यहां पहुंचने की जानकारी लगते ही लोग बड़ी संख्या में उनके प्रशंसक कान्हा नेशनल पार्क के मुक्की रेंज में पहुंच रहे हैं।

सचिन तेंदुलकर भारत निर्वाचन आयोग के राष्ट्रीय मतदाता जागरूकता के एंबेसडर भी हैं। उनके आगमन से कान्हा टाइगर रिजर्व प्रबंधऩ भी उत्साहित है। वे मप्र विधानसभा चुनाव को लेकर आसपास के आदिवासी इलाकों में जनजागरण अभियान चलाकर ज्यादा से ज्यादा लोगों को मतदान में शामिल होने की अपील करेंगे। सचिन तेंदुलकर की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए यह दौरा फिलहाल गोपनीय रखा गया था। बुधवार को सचिन की सफारी के दौरान की तस्वीरें सामने आई। सचिन ने इस दौरान दो-तीन बार सफारी की और बाघों की साइटिंग भी की।

गौरतलब है कि बालाघाट और मंडला जिलों की सीमाओं से लगे सतपुड़ा की वादियों में स्थित कान्हा राष्ट्रीय उद्यान अपनी हरितिमा और वन्य प्राणियों की बाहुल्यता के कारण देश ही नहीं, बल्कि विदेशों में भी अपनी अलग विशेष पहचान रखता है। इसी कारण विदेशों के सैलानियों के आकर्षण का केन्द्र बना हुआ है। अक्टूबर में पार्क भ्रमण प्रारंभ होते ही यहां सैलानियों का आगमन होने लगता है देश और विदेश से बड़ी संख्या में सैलानी कान्हा पहुंचते हैं। यहां की प्राकृतिक सुंदरता और वास्तुकला के लिए विख्यात कान्हा उद्यान पर्यटकों के बीच हमेशा आकर्षण का केन्द्र बना हुआ है, जिसमें जीव-जंतुओं का संरक्षण एवं विभिन्न प्रजातियों के पशुओं का आवास है। यह पार्क 940 वर्ग फुट के दायरे में फैला हुआ है जहां विलुप्त हो रही बारहसिंगा की प्रजातियां देखने मिलती है जो कान्हा को अपने आप में अनूठा बनाती है। घास के खुले लंबे-चौड़े मैदानों में काले हिरण बारहसिंगा, सांभर और चीतल को अठखेलियां करते हुए देखे जाते हैं, वहीं बांस और सागौन तथा लम्बे और बड़े विकसित पेड़ इसकी सुंदरता को और बढ़ा देते हैं।

हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश/संजीव

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