साउथेम्प्टन विश्वविद्यालय भारत में खोलेगा कैंपस, सौंपा गया आशय पत्र
नई दिल्ली, 29 अगस्त (हि.स.)। यूके स्थित साउथेम्पटन विश्वविद्यालय (यूओएस) भारत में अपना कैंपस खोलेगा। गुरुवार को इस संबंध में सुषमा स्वराज भवन में विश्वविद्यालय को आशय पत्र सौंपा गया। नई शिक्षा नीति2020 के तहत विदेशी विश्वविद्यालयों के भारतीय परिसरों की स्थापना के लिए यूजीसी विनियमों के तहत आशय पत्र जारी किया जाने वाला यह पहला विदेशी विश्वविद्यालय है। इस मौके पर विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर मौजूद रहे।
डॉ. एस. जयशंकर ने अपने संबोधन में साउथेम्प्टन विश्वविद्यालय को आशय पत्र सौंपने पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि एनईपी 2020 के तहत भारत में यह पहला परिसर हरियाणा के गुरुग्राम में अगले साल स्थापित होगा। उन्होंने कहा कि यह हमारे शैक्षिक मानकों को उच्चतम वैश्विक स्तर तक ले जाने और भारत-ब्रिटेन सहयोग के शिक्षा स्तंभ को पूरा करने के दृष्टिकोण को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि इस तरह के प्रयासों से हमारे युवाओं में वैश्विक समझ और सहयोग की भावना को बढ़ावा मिलेगा।
विदेश मंत्री ने कहा कि यह पहल शैक्षिक क्षेत्र में ब्रांड इंडिया के एक मजबूत इंटरेक्शनल पदचिह्न स्थापित करने में मदद करेगी। नई प्रौद्योगिकियों और सेवा मांगों को जनसांख्यिकीय घाटे के साथ सामंजस्य स्थापित करने की कोशिश की जा रही है। उन्हाेंने कुछ प्रमुख पहलों का भी उल्लेख किया जो भारत-यूके रोड मैप 2030 का हिस्सा हैं। उन्हाेंने कहा कि शिक्षा में सहयोग इसका एक प्रमुख हिस्सा रहा है। उन्होंने दोनों देशों के बीच शैक्षणिक योग्यताओं की पारस्परिक मान्यता पर समझौता ज्ञापन और नेतृत्व द्वारा संयुक्त रूप से घोषित युवा पेशेवर योजना (वाईपीएस) का उल्लेख किया। यह दोनों देशों के युवा स्नातकों को एक-दूसरे के संस्थानों, यूके-इंडिया एजुकेशन एंड रिसर्च इनिशिएटिव (यूकेआईईआरआई) और अकादमिक, अनुसंधान सहयोग को बढ़ावा देने की योजना (एसपीएआरसी) जैसे कार्यक्रमों से सीखने और लाभ उठाने का एक अनूठा अवसर प्रदान करेगा।
भारत में यूओएस परिसर का निर्माण छात्रों के लिए भारत में वैश्विक पाठ्यक्रम और अध्ययन के अवसरों के विस्तार और अनुसंधान, ज्ञान विनिमय, उद्यम और जुड़ाव के संदर्भ में फायदेमंद होगा। पाठ्यक्रम व्यवसाय और प्रबंधन, कंप्यूटिंग, कानून, इंजीनियरिंग, कला और डिजाइन, जैव विज्ञान और जीवन विज्ञान पर पेश किए जाएंगे। विश्वविद्यालय ने 10 साल की अनुमानित पाठ्यक्रम रोलआउट योजना प्रस्तुत की है। पहले तीन वर्षों के प्रथम वर्ष में बीएससी कंप्यूटर साइंस, बीएससी बिजनेस मैनेजमेंट, बीएससी लेखा और वित्त, बीएससी अर्थशास्त्र और एमएससी अंतरराष्ट्रीय प्रबंधन, एमएससी वित्त कोर्स उपलब्ध होगा। दूसरे साल में बीएससी सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग, बीएससी क्रिएटिव कम्प्यूटिंग, एमएससी अर्थशास्त्र शामिल हैं औऱ तीसरे वर्ष एलएलबी लॉ और फिर मैकेनिकल इंजीनियरिंग भी शुरू होगा।
इस अवसर पर गणमान्य व्यक्तियों की भागीदारी रही, जिनमें संजय मूर्ति, सचिव, उच्च शिक्षा विभाग, शिक्षा मंत्रालय; विक्रम मिश्री, विदेश सचिव, विदेश मंत्रालय; क्रिस्टीना स्कॉट, उप उच्चायुक्त, भारत में ब्रिटेन; एंड्रयू एथर्टन, उपाध्यक्ष, इंटरनेशनल, साउथेम्प्टन विश्वविद्यालय; एम. जगदीश कुमार, अध्यक्ष, यूजीसी मौजूद रहे।
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हिन्दुस्थान समाचार / विजयालक्ष्मी
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