अमेरिका से व्यापार समझौते में देश के हितों का रखा जाएगा ध्यान : जयशंकर

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अमेरिका से व्यापार समझौते में देश के हितों का रखा जाएगा ध्यान : जयशंकर


अमेरिका से व्यापार समझौते में देश के हितों का रखा जाएगा ध्यान : जयशंकर


नई दिल्ली, 26 मार्च (हि.स.)। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने विश्वास व्यक्त किया है कि अमेरिका से द्विपक्षीय व्यापार समझौते (बीटीए) की वार्ता के दौरान हमारा पक्ष देश के हितों विशेषकर कृषि से संबंधित मुद्दों पर देश के हितों की रक्षा करेगा। उन्होंने कहा कि कृषि उत्पादों को लेकर हमारी चिंतायें हैं लेकिन समझौता क्या अंतिम रूप लेगा इसे लेकर हमें पूर्व अनुमान नहीं लगाना चाहिए।

विदेश मंत्री राजधानी में एशिया सोसाइटी पॉलिसी संस्थान की अध्यक्ष डॉ किंग वा सांग की ओर से आयोजित एक संगोष्ठी में बुधवार को यह विचार व्यक्त किए। विश्व व्यापार संगठन में भारत के पूर्व वार्ताकार जेएस दीपक ने इनका ध्यान अमेरिकी सरकार द्वारा भारतीय आयात पर सीमा शुल्क बढ़ाने तथा भारत पर आयात निर्यात के लिए छूट देने पर दवाब बनाने की ओर आकृष्ट किया था।

जयशंकर ने इस बारे में कहा कि हमारे वार्ताकार सभी मुद्दों की जानकारी रखते हैं तथा हमें विश्वास है कि वार्ता के दौरान देश के हितों का ध्यान रखा जाएगा। उन्होंने कहा कि अमेरिका के साथ द्विपक्षीय व्यापार समझौते की बात नई नहीं है। डोनाल्ड ट्रम्प के पिछले राष्ट्रपति कार्याकाल के दौरान बीटीए पर चर्चा शुरू हुई थी लेकिन उस समय इसपर ज्यादा प्रगति नहीं हो पायी थी।

उल्लेखनीय है कि राष्ट्रपति ट्रम्प ने हाल में यह चेतावनी दी है कि उनका प्रशासन आगामी दो अप्रैल से अमेरिका में होने वाले आयात पर सीमा शूल्क में बढ़ोत्तरी करेगा। ट्रम्प के अनुसार अमेरिका से आयात पर सीमा शुल्क लगाने वाले देशों पर उतना ही सीमा शुल्क लगाया जाएगा।

ट्रम्प प्रशासन की इस घोषणा से भारत सहित कई देशों पर सीमा शूल्क लगने से दवाब पड़ेगा। इससे खाद्यान, डेयरी और मुर्गी पालन क्षेत्र अधिक प्रभावित होंगे।

जयशंकर ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की गत फरवरी में अमेरिका यात्रा के दौरान व्यापार के संबंध में दोनों पक्षों के बीच खुलकर चर्चा हुई थी। इस वर्ष के अंत तक बीटीए को अंजाम देने पर सहमति बनी थी। इसपर इस समय सक्रीय और गहन विचार-विमर्श जारी है।

विदेश मंत्री ने चीन के साथ संबंधों के बारे में कहा कि पिछले वर्ष द्विपक्षीय संबंधों में कुछ सुधार हुआ। विभिन्न मुद्दों पर विचार-विमर्श जारी है। भारत का प्रयास है कि वर्ष 2020 में गलवान घाटी में हुए घटनाक्रम से पहुंचे नुकसान से उबरा जाए तथा संबंधों को पटरी पर लाया जाए।

उन्होंने कहा कि हमारा मानना है कि अच्छे संबंध दोनों देशों के हित में हैं। वर्ष 2020 से लेकर 2025 तक हुए घटनाक्रम हमारे संबंधों के लिए अच्छे नहीं थे।

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हिन्दुस्थान समाचार / अनूप शर्मा

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