रूस-यूक्रेन युद्ध में बीकानेर के अजय गोदारा की माैत, तीन महीने बाद शव लाया गया
बीकानेर, 17 दिसंबर (हि.स.)। रूस-यूक्रेन युद्ध में बीकानेर के अर्जुनसर निवासी अजय गोदारा की मौत हो गई है। लगभग तीन महीने पहले 22 सितम्बर को अपने घर वालों से अंतिम बार बात करने वाले अजय का शव बुधवार को सुबह दिल्ली इंटरनेशनल एयरपोर्ट पहुंचा। उसका शव लेकर परिजन बीकानेर पहुंच गए हैं। अजय के साथ ही उत्तराखंड के भी एक युवक का शव भारत लाया गया है।
अजय गोदारा बीकानेर के अरजनसर गांव से 28 नवम्बर, 2024 को वीजा लेकर रूस गया था। वहां एक महिला से मुलाकात हुई, तो उसने सेना का कुकिंग इंचार्ज बना देने की बात कही। अजय को हर महीने दो लाख रुपये सैलेरी देने का आश्वासन दिया गया। अजय सहित कई लड़के रुसी सेना के कुकिंग डिपार्टमेंट में नौकरी के लिए तैयार हो गए। जब अजय सहित अन्य लड़कों को रूसी सेना में भेजा गया, तो वहां उन्हें सैन्य यूनीफॉर्म पहनाकर उन्हें युद्ध के मैदान में उतार दिया गया।
इसके बाद 22 सितम्बर को अजय ने अपने परिजनों को फोन करके बताया कि उन्हें रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध में उन्हें बिना किसी ट्रेनिंग के हथियार देकर उतार दिया गया है। अजय ने वीडियो में कहा था कि आज हम युद्ध करने आगे जा रहे हैं। अगर कल से मेरा कॉल नहीं आए तो समझ लेना कि हमारी मौत हो गई। ये वीडियो सोशल मीडिया पर भी जमकर वायरल हुआ था। अजय के परिजनों ने इसके बाद अपने स्तर पर केंद्रीय मंत्री अर्जुनराम मेघवाल से बातचीत की। करीब पांच दिन तक अजय के परिजन दिल्ली में मेघवाल के घर पर रहे। स्वयं मेघवाल ने विदेश मंत्री से बात करके अजय की सुरक्षा के लिए प्रयास किया। हालांकि, इसके बाद भी कोई परिणाम नहीं निकला। अब करीब तीन महीने बाद उसका शव ही भारत आया है।
दस दिसम्बर को सूचना मिलने के बाद से ही अजय का परिवार दिल्ली में डेरा डाले हुआ था। इसके बाद बुधवार सुबह अजय का शव भारत पहुंच गया, जिसे लेकर परिजन बीकानेर के अरजनसर गांव पहुंच गए हैं। अजय की मौत कब हुई? इस बारे में कोई जानकारी अब तक नहीं मिल पाई है। उसका शव इस कदर खराब हो चुका है कि परिजनों को दिखाया तक नहीं गया। शव का मुंह एक बार खोलकर वापस बंद कर दिया गया। ऐसा प्रतीत हो रहा है कि शव काफी पुराना हो चुका है।
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हिन्दुस्थान समाचार / राजीव

