रामलला की प्रतिष्ठापना में बढ़ चढ़कर भाग लेंगे स्वयंसेवक, संघ के प्रशिक्षण पाठ्यक्रम में भी होगा बदलाव

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रामलला की प्रतिष्ठापना में बढ़ चढ़कर भाग लेंगे स्वयंसेवक, संघ के प्रशिक्षण पाठ्यक्रम में भी होगा बदलाव


नई दिल्ली, 03 नवंबर (हि.स.)। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (रा.स्व.संघ) ने तय किया है कि श्रीराम जन्मभूमि पर रामलला की प्रतिष्ठापना समारोह को ध्यान में रखते हुए पूरे देश में आयोजित होने वाले कार्यक्रमों में सहभाग करेगा। इसका उद्देश्य पूरे देश में सकारात्मक वातावरण तैयार करना है। इस निमित्त श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के द्वारा आयोजित किए जाने वाले सभी आयोजनों और कार्यक्रमों में संघ के कार्यकर्ता सहभागी होंगे। संघ ने स्पष्ट किया है कि वह राष्ट्र और समाज जीवन के सभी महत्वपूर्ण कार्यक्रमों में सहभाग लेता है और उसमें हो रहे परिवर्तन के अनुरूप अपने कार्यकर्ताओं को भी सजग करता है और उनका प्रशिक्षण करता है। संघ पिछले कुछ समय से अपने प्रशिक्षण पाठ्यक्रम की समीक्षा कर रहा था और अब प्रशिक्षण पाठ्यक्रम में बदलाव करने जा रहा है। गुजरात के कच्छ जिले के भुज में हो रही रा.स्व.संघ के अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल की बैठक से पहले शुक्रवार को आयोजित पत्रकार वार्ता में अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुनील आंबेकर ने उक्त बातें कहीं।

हर वर्ष होने वाली अ.भा.कार्यकारी मंडल की तीन दिवसीय बैठक इस बार 5 से 7 नवंबर तक भुज के सरदार पटेल संकुल में हो रही है। इसमें संघ की दृष्टि से 45 प्रांतों के प्रांत संघचालक, सह प्रांत संघचालक, प्रांत कार्यवाह, सह प्रांत कार्यवाह, प्रांत प्रचारक और सह प्रांत प्रचारक प्रमुख रूप से आमंत्रित किए जाते हैं। इसी प्रकार संघ विचार से प्रेरित प्रमुख संगठनों, जैसे- विश्व हिन्दू परिषद्, भारतीय जनता पार्टी, भारतीय मजदूर संघ व किसान संघ, अ.भा. विद्यार्थी परिषद, राष्ट्र सेविका समिति आदि के अ.भा. संगठन मंत्री इस बैठक में आमंत्रित होते हैं। इस वर्ष कुल मिलाकर 381 प्रतिनिधि सम्मिलित हो रहे हैं।

सुनील आंबेकर ने कहा कि रा.स्व. संघ की यह महत्वपूर्ण बैठक भुज में पहली बार हो रही है। बैठक में सम्मिलित होने के लिए सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत, सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले सहित केन्द्रीय टीम के अनेक पदाधिकारी पहले ही पहुंच चुके हैं। उन्होंने साफ किया कि इस बैठक में राष्ट्र और समाज जीवन से जुड़े सभी विषयों पर चर्चा होती है। इस बार की बैठक में भी संघ प्रमुख मोहन भागवत के विजयादशमी पर दिए गए उद्बोधन पर चर्चा होगी। उस संदेश में उन्होंने सामाजिक समरसता, पर्यावरण, कुटुम्ब प्रबोधन, स्वदेशी और नागरिक प्रबोधन के लिए जो विचार प्रस्तुत किए हैं, उन्हें घर-घर और व्यक्ति-व्यक्ति तक कैसे पहुंचाना, इस पर कार्ययोजना बनेगी। इसके साथ ही पिछले दिनों पुणे (महाराष्ट्र) में आयोजित हुई अ.भा. समन्वय बैठक में आये सुझावों पर भी चर्चा होगी।

उन्होंने बताया कि अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि पर बन रहे भव्य मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का जो कार्यक्रम 22 जनवरी 2024 को निर्धारित है, उससे पूरे देश और समाज के साथ जोड़ने और उस अनुरूप कार्यक्रमों को अंतिम रूप देने के लिए भी इस बैठक में चर्चा होगी। इसके साथ ही संघ की स्थापना के शताब्दी वर्ष (2025) को लेकर अब तक किए गए कार्य विस्तार की समीक्षा की जाएगी और निर्धारित लक्ष्य प्राप्त करने के लिए आगे के कार्यक्रमों की रूपरेखा तय की जाएगी। संघ ने अपना लक्ष्य तय किया है कि हम अपने शताब्दी वर्ष तक ग्राम सभा स्तर पर नियमित शाखा के माध्यम से समाज के सभी वर्गों तक पहुंच जाएं।

संघ के प्रचार प्रमुख ने बताया कि प्रतिवर्ष होने वाले प्रथम वर्ष, द्वितीय वर्ष और तृतीय वर्ष के प्रशिक्षण वर्ग हमारे लिए बहुत महत्व के होते हैं। इसमें दिए जाने वाले प्रशिक्षण पाठ्यक्रम में समयानुसार बदलाव होता रहता है। पिछले कुछ समय से पाठ्यक्रम में परिवर्तन की चर्चा चल रही थी, उसे भी इस बैठक में अंतिम रूप दिया जाएगा।

हिन्दुस्थान समाचार/जितेन्द्र/पवन

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