आपसी बंधुत्व के भाव से यशस्वी बना है गणतंत्र: डॉ. भागवत

आपसी बंधुत्व के भाव से यशस्वी बना है गणतंत्र: डॉ. भागवत
WhatsApp Channel Join Now
आपसी बंधुत्व के भाव से यशस्वी बना है गणतंत्र: डॉ. भागवत


नागपुर, 26 जनवरी (हि.स.)। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत ने कहा कि स्वतंत्रता और समता के साथ पूरे देश में बंधुत्व का भाव होना आवश्यक है। आपसी भाईचारा (बंधु भाव) ही गणतंत्र को यशस्वी बनाता है।

नागपुर के महल इलाका स्थित राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ मुख्यालय में गणतंत्र दिवस के उपलक्ष्य में राष्ट्रीय तिरंगा फहराने के बाद अपने संबोधन में सरसंघचालक डॉ. भागवत ने कहा कि भारतीय संविधान हमारी व्यवस्थाओं का आधार है। संविधान की प्रस्तावना, मार्गदर्शक तत्त्व, नागरिक कर्तव्य और अधिकार, इन चार चीजों में बदलाव नहीं हो सकता। डॉ. आंबेडकर ने हमारे संविधान में लिबर्टी (स्वतंत्रता) और इक्वॅलिटी (समानता) के साथ बंधुत्व भाव (फेटरलिटी) शब्द का समावेश किया था।

विदेशों में ऐसा देखा गया है कि जहां स्वतंत्रता है वहां समानता नहीं होती। सरसंघचालक ने कहा कि स्वतंत्रता और समानता एकसाथ रखने के लिए बंधुत्व भाव होना बेहद जरूरी है। यह बंधुत्व भाव 22 जनवरी को अयोध्या में दिखाई दिया। यही भाव गणतंत्र दिवस के मौके पर भी दिखाई देता है।

डॉ. भागवत ने कहा कि बंधुत्व के भाव से भारत की शक्ति जागी है। नतीजतन, भारतीय लोगों के कार्य का चमत्कार पूरा विश्व देख रहा है। आज से 40 साल पहले कोई कहता कि भारत दुनिया के हर क्षेत्र में अपना लोहा मनवाएगा तो शायद कोई यकीन नहीं करता लेकिन भारतीय लोगों के आपसी स्नेह और बंधुत्व भाव के चलते यह संभव हुआ।

इस अवसर पर सरसंघचालक ने कहा कि राष्ट्र ध्वज का केसरिया रंग त्याग का प्रतीक है। वहीं, राष्ट्रीय ध्वज पर अंकित धर्मचक्र गति का प्रतीक है। डॉ. भागवत ने आह्वान किया कि इन प्रतीकों से प्रेरणा लेकर त्याग और अनुशासन का पालन करना चाहिए।

हिन्दुस्थान समाचार/मनीष//संजीव

हमारे टेलीग्राम ग्रुप को ज्‍वाइन करने के लि‍ये  यहां क्‍लि‍क करें, साथ ही लेटेस्‍ट हि‍न्‍दी खबर और वाराणसी से जुड़ी जानकारी के लि‍ये हमारा ऐप डाउनलोड करने के लि‍ये  यहां क्लिक करें।

Share this story