आरआरटीएस के भूमिगत स्टेशनों में ईसीएस सिस्टम यात्रा अनुभव को बनाएगा आरामदायक और सुरक्षित
गाजियाबाद, 8 अगस्त (हि.स.)। दिल्ली-मेरठ रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (दिल्ली-मेरठ आरआरटीएस) के भूमिगत स्टेशनों में ईसीएस सिस्टम यात्रा अनुभव को आरामदायक और सुरक्षित बनाएगा। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम (एनसीआरटीसी) इस सिस्टम के जरिए भूमिगत स्टेशनों में निरंतर ताज़ी हवा, कूलिंग और वेंटिलेशन आवश्यकताओं को लगातार विनियमित करके अनुकूलित तापमान सुनिश्चित करेगा, ताकि यात्रियों को बेहतर से बेहतर यात्रा अनुभव मिल सके।
एनसीआरटीसी के प्रवक्ता पुनीत वत्स ने गुरुवार को बताया कि यह ईसीएस दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ कॉरिडोर के सभी चार भूमिगत स्टेशनों, दिल्ली में आनंद विहार और मेरठ में मेरठ सेंट्रल, भैंसाली और बेगमपुल में स्थापित किया जा रहा है। ये स्टेशन जमीन से 8 से 23 मीटर की गहराई पर बनाए जा रहे हैं। भूमिगत स्टेशनों में एलिवेटेड स्टेशनों की तुलना में सीमित वायु प्रवाह होता है। इन स्टेशनों में हवा की गुणवत्ता बेहतर बनाए रखने के लिए इस सिस्टम को बनाया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि इस सिस्टम में अत्याधुनिक ऊर्जा-कुशल एयर हैंडलिंग यूनिट(एएचयू) होती हैं, जिन्हें उच्च वायु गुणवत्ता मानकों को पूरा करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। इसमें इलेक्ट्रॉनिक रूप से चलने वाली मोटर होती हैं, जो ऊर्जा की हानि को कम करने में मदद करती हैं और समग्र ऊर्जा दक्षता में वृद्धि सुनिश्चित करती हैं। इसके साथ ही वायुजनित संक्रमणों को रोकने के लिए अल्ट्रावाइलेट-सी लाइटों का प्रयोग भी किया जा रहा है। वहीं स्टेशनों में अनुकूलित तापमान और ताज़गी भरा वातावरण बनाए रखने के लिए उच्च-प्रदर्शन क्षमता वाले वाटर-कूल्ड चिलर भी लगाए जा रहे हैं। ये चिलर्स स्टेशन में नमी के स्तर को भी बनाए रखेंगे, जिससे यात्रियों के लिए आरामदायक यात्रा अनुभव सुनिश्चित होगा।
इतना ही नहीं, इस सिस्टम के तहत स्टेशनों में बेहतर वायु गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए कार्बन डाइऑक्साइड के स्तरों की निगरानी भी की जाएगी, जिसके लिए स्टेशन के सार्वजनिक हिस्सों में सीओ2 सेंसर लगाए गए हैं। यहां एक लॉजिक कंट्रोलर इस डेटा का विश्लेषण करेगा और स्टेशन में उचित वेंटिलेशन सुनिश्चित करते हुए आवश्यकतानुसार ताज़ी हवा के संचार को नियंत्रित करेगा। एनसीआरटीसी ने प्रभावी ईसीएस की रणनीतिक योजना बनाने के लिए विभिन्न उपकरणों को अपनाया है। ये उन्नत उपकरण स्टेशनों के भीतर आवश्यकतानुसार गर्म या ठंडे वातावरण को बनाने में मदद करते हैं।
मेरठ में मेरठ सेंट्रल और भैंसाली भूमिगत एमआरटीएस स्टेशनों की लंबाई ज्यादा है, जबकि स्टेशन प्लेटफॉर्म सिर्फ 75 मीटर लंबे हैं। इस वजह से इन स्टेशनों में इस सिस्टम के तहत वातावरण को अनुकूलित बनाना चुनौतीपूर्ण कार्य है लेकिन एनसीआरटीसी इस कार्य को प्रभावी ढंग से कर रहा है। यहां मेट्रो ट्रेनों और आरआरटीएस ट्रेनों के संचालन के लिए 2-2 यानी 4 ट्रैक बनाए गए हैं। वहीं, दिल्ली में आनंद विहार आरआरटीएस स्टेशन की गहराई महज़ 8 मीटर होने की वजह से एनसीआरटीसी ने ईसीएस पंखों को स्थापित करने के लिए कॉनकोर्स और प्लेटफॉर्म दोनों हिस्सों का उपयोग किया है, जबकि आमतौर पर ये पंखे स्टेशन के एक ही लेवल पर लगाए जाते हैं। इस स्टेशन में इन पंखों को पारंपरिक समानांतर ढंग से स्थापित करने के बजाए एक दूसरे के लंबवत स्थापित किया गया है।
हिन्दुस्थान समाचार / फरमान अली / बृजनंदन यादव / पवन कुमार श्रीवास्तव
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