63 देशों की 80 पुलिस एकेडमी को साथ जोड़कर वैश्विक स्तर पर पुलिसिंग को नई दिशा देने को तत्पर है पुलिस एकेडमीज: भूपेन्द्र पटेल
-गांधीनगर में इंटरनेशनल एसोसिएशन ऑफ पुलिस एकेडमीज की 12वीं कॉन्फ़्रेन्स
-“पुलिसिंग एट टाइम्स ऑ्फ टेक्नोलॉजिकल एक्सीडेंट्स एंड नेचुरल डिजास्टर्स” विषय पर सामूहिक चर्चा- मंथन का वैश्विक प्लेटफॉर्म
गांधीनगर, 22 नवंबर (हि.स.)। मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने कहा कि इंटरनेशनल एसोसिएशन ऑफ पुलिस एकेडमीज (इंटरपा) की 12वीं कान्फ्रेंस सदस्य देशों के लिए अपनी सर्वोत्तम पुलिसिंग प्रैक्टिस को उजागर करने का एक मंच बन गया है। मुख्यमंत्री ने विश्वास व्यक्त किया कि यह कान्फ्रेंस ट्रेनिंग, रिसर्च और प्रोफेशनल डेवलपमेंट के साथ-साथ टेक्नोलॉजी और इनोवेशन को अपनाने के लिए सहयोग करके पुलिसिंग को नए आयाम प्रदान करेगा।
मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने बुधवार को नेशनल फॉरेंसिक साइंस यूनिवर्सिटी, गांधीनगर में 12वें इंटरपा कान्फ्रेंस के शुभारंभ अवसर पर उपस्थित विश्वभर के पुलिसिंग क्षेत्र के महानुभावों, विशेषज्ञों और कर्मियों को संबोधित किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि इंटरनेशनल एसोसिएशन ऑफ पुलिस एकेडमीज 63 देशों की 80 पुलिस एकेडमी को साथ जोड़कर वैश्विक स्तर पर पुलिसिंग को नई दिशा और नया बल दे रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पुलिस बल की जिम्मेदारी मात्र समाज में कानून व्यवस्था या शांति एवं सुरक्षा बनाये रखने के साथ-साथ आपदा प्रबंधन, बचाव और सुरक्षा कार्यों के साथ-साथ कई प्राकृतिक या मानव निर्मित आपदाओं में भी लगातार सहयोग करना भी है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने हमेशा पुलिस बल में बेस्ट प्रैक्टिस और उनके सकारात्मक कार्यान्वयन को प्राथमिकता दी है। विश्व की एकमात्र फॉरेंसिक साइंस यूनिवर्सिटी उनके दिशा-निर्देशन में गुजरात में कार्यरत है।
नए परिप्रेक्ष्य में नईं चुनौतियां
मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि वर्तमान समय में अपराध और उसके प्रकार बदल रहे हैं। साइबर क्राइम, डिजिटल फ्रॉड, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का दुरुपयोग और ड्रग्स जैसे दूषण ने नई चुनौतियां उत्पन्न की हैं। यह कान्फ्रेंस जीरो टॉलरेंस की नीति के साथ इन चुनौतियों का सामना करने के लिए विचारों के आदान-प्रदान का माध्यम बनेगा। मुख्यमंत्री ने इस बात की भी सराहना की कि इस कान्फ्रेंस में वर्तमान समय के अनुरूप विभिन्न विषयों पर ज्ञान सत्र और चर्चा-परामर्श होने वाले हैं। मुख्यमंत्री ने एनएफएसयू और इंटरपा के सभी पदाधिकारियों को इस कान्फ्रेंस के उत्कृष्ट आयोजन के लिए बधाई दी।
फॉरेंसिक साइंसेज में विश्व ख्याति प्राप्त की : व्यास
नेशनल फॉरेंसिक साइंसेज यूनिवर्सिटी के कुलपति पद्मश्री डॉ जे.एम. व्यास ने कहा कि इस 12वीं इंटरपा कॉन्फ्रेंस में विश्व के 31 देशों के 110 से अधिक पुलिस अधिकारी उपस्थित हैं। इस इंटरपा कॉन्फ्रेंस का आयोजन करने का गौरव एनएफएसयू को दूसरी बार प्राप्त हुआ है। तत्कालीन मुख्यमंत्री तथा वर्तमान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की दूरदर्शिता के फलस्वरूप एनएफएसयू भारत की एकमात्र सरकारी यूनिवर्सिटी है, जिसने अपना कैम्पस विदेश में, युगांडा में शुरू किया है और फॉरेंसिक साइंसेज में विश्व ख्याति प्राप्त की है। यह यूनिवर्सिटी केवल शैक्षिक एवं अनुसंधान क्षेत्र में ही कार्य नहीं करती है; बल्कि ट्रेनिंग तथा कन्सल्टेंसी भी प्रदान करती है। अब तक 82 से अधिक देशों के इन-सर्विस परसन्स, पुलिस ऑफिसर्स को फॉरेंसिक साइंस संबंधी क्षेत्र में ट्रेनिंग प्रदान की गई है। अपराधी हाल में अत्याधुनिक टेक्नोलॉजी का दुरुपयोग कर अपराध कर रहे हैं। ऐसे में पुलिसिंग क्षेत्र में जांच प्रक्रिया भी हमें अधिक दक्ष और प्रभावी बनाना है। एनएफएसयू में टेक्नोलॉजी बेस्ड इन्वेस्टिगेशन की सुविधा है जिस वजह से यह भारत में ही नहीं, बल्कि विदेश के मामलों की भी गुत्थी सुलझाने में सहायक हो रही है। इस अवसर पर इंटरपा के सदस्य देशों के विशेषज्ञ, पुलिस अधिकारी, पुलिस महानिदेशक विकास सहाय, एनएफएसयू, गांधीनगर के कैम्पस निदेशक प्रो. डॉ एस.ओ. जुनारे तथा अन्य अधिकारी भी उपस्थित रहे।
हिन्दुस्थान समाचार/बिनोद/आकाश
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