भगवान श्रीराम महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश को जोड़ने वाले आद्य सेतु: राज्यपाल रमेश बैस
राजभवन में 'उत्तर प्रदेश राज्य स्थापना दिवस' का आयोजन
मुंबई, 24 जनवरी (हि.स.)। महाराष्ट्र के राज्यपाल रमेश बैस ने बुधवार को कहा कि भगवान श्रीराम उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र को जोड़ने वाले आद्य सेतु (पहले पुल) हैं। राज्यपाल ने कहा कि अगर दोनों राज्यों के लोग एक-दूसरे के राज्यों में जाएंगे तो इससे राष्ट्रीय एकता मजबूत होगी। महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश का संबंध प्राचीन काल से है। लोग प्रात: स्मरण में काशी विश्वेश्वर के साथ-साथ त्र्यंबकेश्वर का भी स्मरण करते हैं। अयोध्या में जन्मे भगवान राम पंचवटी में रहते थे।
राज्यपाल रमेश बैस आज राजभवन मुम्बई में 'उत्तर प्रदेश राज्य स्थापना दिवस' मनाये जाने के कार्यक्रम को संबोधित कर बोल रहे थे। 'एक भारत श्रेष्ठ भारत' पहल के तहत इस वर्ष राजभवन में बुधवार को 'उत्तर प्रदेश राज्य स्थापना दिवस' मनाया गया।
राज्यपाल ने कहा कि कई वर्षों तक काशी महाराष्ट्र के लोगों के लिए अध्ययन का केंद्र रही। उत्तर प्रदेश के क्रांतिकारियों ने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में प्रमुख भूमिका निभाई। उत्तर प्रदेश ने देश को प्रधानमंत्री दिया है। साथ ही कला, संस्कृति, साहित्य, रंगमंच के क्षेत्र में महान हस्तियां दी हैं। देश का सबसे बड़ा राज्य उत्तर प्रदेश विकसित होगा तो देश विकसित होगा। राज्यपाल ने कहा कि आद्य शंकराचार्य ने चार दिशाओं में चार धर्मपीठों की स्थापना की। धार्मिक पर्यटन के अवसर पर लोग भाषा, बोली, संस्कृति और खानपान को समझने लगे। राज्यपाल ने कहा कि इसके माध्यम से देश में सांस्कृतिक एकता का निर्माण हुआ है, उन्होंने कहा कि 'एक भारत श्रेष्ठ भारत' सिर्फ एक सरकारी कार्यक्रम नहीं है बल्कि यह देश को जोडऩे का एक सराहनीय प्रयास है।
इस अवसर पर महाराष्ट्र राज्य कौशल विश्वविद्यालय के चांसलर डॉ अपूर्वा पालकर, कौशल, रोजगार, उद्यमिता और नवाचार विभाग की आयुक्त निधि चौधरी और राज्य कौशल विश्वविद्यालय के छात्र, शिक्षक और कलाकार उपस्थित रहे।
हिन्दुस्थान समाचार/राजबहादुर/आकाश
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