रक्षाबंधन का चंद्रमा होगा सुपरब्लूमून
- साल का पहला सुपरब्लूमून सोमवार को
भोपाल, 18 अगस्त (हि.स.)। खगोल विज्ञान में रुचि रखने वाले लोगों के लिए रक्षाबंधन का पर्व खास होने जा रहा है। इस दिन सोमवार (19 अगस्त) की शाम को आसमान में सावन पूर्णिमा का चंद्रमा सुपरमून के रूप मे दिखने जा रहा है। यह आम पूर्णिमा के चंद्रमा से ज्यादा बड़ा और अधिक चमकदार होगा। यह साल 2024 का पहला सुपरब्लूमून होगा।
नेशनल अवार्ड प्राप्त विज्ञान प्रसारक सारिका घारू ने रविवार को बताया कि पृथ्वी के चारों ओर अंडाकार पथ में परिक्रमा करता पूर्णिमा का चंद्रमा पास के बिंदु पर होता है तो चंद्रमा बड़ा और चमकदार दिखता है। इसे सुपरमून कहते हैं। सोमवार को चंद्रमा 3 लाख 61 हजार 969 किलोमीटर की दूरी पर रहते हुए पृथ्वी से नजदीक होगा। चंद्रमा माह में एक दिन पृथ्वी से सबसे दूर होता है। इसे अपोजी कहते हैं और एक दिन पास के बिंदु पर आ जाता है, जिसे पेरिजी कहते हैं। सोमवार के इस सुपरमून को ब्लूमून भी नाम दिया गया है, क्योंकि 21 जून से 22 सितम्बर के खगोलीय सीजन में पड़ने वाले चार पूर्णिमा में से यह तीसरी पूर्णिमा का चांद है।
सारिका ने बताया कि ब्लूमून सिर्फ नामरकण है। चांद का रंग तो बाकी पूर्णिमा की ही तरह होगा। रक्षाबंधन के दिन चंद्रमा सुबह की स्थिति में श्रवण नक्षत्र में स्थित रहेगा। पूर्णिमा के चंद्रमा के नक्षत्र के नाम के आधार पर ही इस महीने का नाम सावन रखा गया है।
हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश तोमर / पवन कुमार
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