रक्षा मंत्री अरुणाचल में चीन सीमा पर सैनिकों संग मनाएंगे दशहरा पर्व, करेंगे शस्त्र पूजा
- असम के तेजपुर में बड़ाखाना में शामिल होकर सैनिकों के साथ भोजन किया
- कहा, सभी वर्गों को भोजन करने के लिए एक साथ लाता है सैनिकों का बड़ाखाना
नई दिल्ली, 23 अक्टूबर (हि.स.)। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह इस बार अरुणाचल प्रदेश से लगी चीन सीमा पर तैनात सैनिकों के साथ दशहरा पर्व मनाएंगे और शस्त्र पूजा भी करेंगे। वह सोमवार की शाम को असम के तेजपुर पहुंचे और बड़ाखाना में शामिल होकर सैनिकों के साथ भोजन किया।
रक्षा मंत्री हर साल सैनिकों के साथ दशहरा पर्व मनाने और शस्त्र पूजा करने के लिए किसी न किसी सीमा पर जाते हैं। उन्होंने पिछले साल चमोली (उत्तराखंड) के औली मिलिट्री स्टेशन में 'शस्त्र पूजा' की थी। इसके बाद चीन सीमा से सटे देश के अंतिम गांव माणा जाकर सेना और आईटीबीपी की अग्रिम चौकियों का निरीक्षण करने के साथ ही सैनिकों के संग दशहरा पर्व मनाया था। इस बार रक्षा मंत्री अरुणाचल प्रदेश से लगी चीन सीमा पर तैनात सैनिकों के साथ दशहरा पर्व मनाएंगे और शस्त्र पूजा भी करेंगे।
सैनिकों के साथ दशहरा मनाने और उनके साथ शस्त्र पूजा करने के लिए अरुणाचल प्रदेश की अपनी यात्रा से पहले वह आज असम के तेजपुर पहुंचे। रक्षा मंत्री ने तेजपुर में 4 कोर के मुख्यालय में आयोजित बड़ाखाना के दौरान सैनिकों के साथ बातचीत की। उनके साथ थल सेनाध्यक्ष जनरल मनोज पांडे, पूर्वी कमान के जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ (जीओसी-इन-सी) लेफ्टिनेंट जनरल आरपी कलिता, जीओसी, 4 कोर लेफ्टिनेंट जनरल मनीष एरी और अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
अपने संबोधन में राजनाथ सिंह ने बड़ाखाना की अवधारणा की सराहना करते हुए कहा कि यह सभी वर्गों को एक ही परिवार के सदस्यों के रूप में एक साथ भोजन करने के लिए एक साथ लाता है। उन्होंने कहा कि इस बड़ाखाना में मेरा आपके बीच उपस्थित होना दर्शाता है कि हम एक परिवार हैं और साथ मिलकर हम अपने देश के रक्षक हैं। रक्षा मंत्री ने भारतीय सेना को भाईचारे और एकता का सच्चा उदाहरण बताया, क्योंकि वे अलग-अलग राज्यों, धर्मों और पृष्ठभूमि से होने के बावजूद एक ही बैरक और इकाई में एक साथ काम करते हैं और रहते हैं।
उन्होंने सशस्त्र बलों और उनके परिवारों के बलिदान और हमेशा मातृभूमि की सुरक्षा सुनिश्चित करने के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा कि राष्ट्र सदैव वीर सैनिकों का ऋणी रहेगा। राजनाथ सिंह ने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि भारतीय सैनिकों की वीरता और प्रतिबद्धता को पूरी दुनिया में मान्यता प्राप्त है। रक्षा मंत्री ने अपनी हाल की इटली यात्रा को याद किया, जिसके दौरान उन्होंने द्वितीय विश्व युद्ध में इतालवी अभियान में लड़ने वाले नाइक यशवंत घाडगे और अन्य भारतीय सैनिकों के लिए हाल ही में बनाए गए मोंटोन स्मारक (पेरुगिया प्रांत) पर श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने संयुक्त राष्ट्र शांति मिशनों के माध्यम से दुनिया के विभिन्न हिस्सों में शांति और सुरक्षा बनाए रखने वाले भारतीय सैनिकों के योगदान का भी उल्लेख किया।
हिन्दुस्थान समाचार/सुनीत/सुनीत
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