रक्षा मंत्री ने राजघाट के पास राष्ट्रपिता की 10 फीट ऊंची प्रतिमा का अनावरण किया

रक्षा मंत्री ने राजघाट के पास राष्ट्रपिता की 10 फीट ऊंची प्रतिमा का अनावरण किया
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रक्षा मंत्री ने राजघाट के पास राष्ट्रपिता की 10 फीट ऊंची प्रतिमा का अनावरण किया

- राजनाथ सिंह ने कहा, गांधीजी ने भारत को विदेशी शासन से मुक्त कराने में केंद्रीय भूमिका निभाई

नई दिल्ली, 10 दिसंबर (हि.स.)। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने रविवार को नई दिल्ली में राजघाट के पास गांधी दर्शन एवं स्मृति परिसर में महात्मा गांधी की 10 फीट ऊंची प्रतिमा का अनावरण किया। अपने संबोधन में रक्षा मंत्री ने इस प्रतिमा को राष्ट्रपिता के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि बताया, जिन्होंने भारत को विदेशी शासन से मुक्त कराने में केंद्रीय भूमिका निभाई और समाज के कमजोर वर्गों के उत्थान के लिए काम किया, ताकि वे सम्मानजनक जीवन जी सकें।

राजनाथ सिंह ने कहा कि गांधीजी ने मजबूत, समृद्ध और स्वच्छ भारत की कल्पना की थी। उन्होंने जोर देकर कहा कि महात्मा गांधी आज भी हर भारतीय के दिल में रहते हैं। मार्टिन लूथर किंग जूनियर और नेल्सन मंडेला जैसे महान नेताओं ने अपने-अपने देशों में लोगों की भलाई के लिए गांधीजी के विचारों और दृष्टिकोण से प्रेरणा ली। रक्षामंत्री ने महात्मा गांधी, बाबा साहेब डॉ. बीआर अंबेडकर और पंडित दीनदयाल उपाध्याय का स्मरण करते हुए कहा कि इन सभी ने देशभक्ति और प्रतिबद्धता के साथ समाज के अंतिम पायदान पर खड़ेवर्गों के उत्थान के लिए काम किया। उन्होंने कहा कि हमारी विचारधारा शांति, सामाजिक सद्भाव, एकता और विकास पर आधारित बदलाव लाने की है।

रक्षा मंत्री ने गांधीजी को न केवल स्वतंत्रता सेनानी, बल्कि एक आर्थिक विचारक बताते हुए कहा कि जब से हमारी सरकार सत्ता में आई है, हमारा प्रयास न केवल कमजोर वर्ग के लोगों का उत्थान करना है, बल्कि उन्हें सशक्त बनाना भी है। रक्षा मंत्री ने हाशिए पर मौजूद वर्गों को देश का सबसे बड़ा आकांक्षी वर्ग करार देते हुए कहा कि अब उनकी पहचान के लिए एक नई शब्दावली गढ़ने का समय आ गया है, जो इन वर्गों की आकांक्षाओं को परिभाषित कर सके।

राजनाथ सिंह ने कहा कि एक समय था जब नारी के साथ अबला (कमजोर) जैसे शब्दों का प्रयोग किया जाता था, लेकिन अब अबला की जगह शक्ति ने ले ली है, क्योंकि हमने अपनी महिलाओं की असली ताकत को पहचान लिया है। वे न केवल निर्वाचित होकर राजनीति में प्रवेश कर रही हैं, बल्कि मातृभूमि की रक्षा के लिए सशस्त्र बलों में भी शामिल हो रही हैं। महिलाओं को उनके राजनीतिक अधिकार देने के लिए नारी शक्ति वंदन अधिनियम पारित किया गया। रक्षा मंत्री ने देश को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए ईमानदारी और समर्पण के साथ लोगों की सेवा जारी रखने की सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई। उन्होंने कहा कि यही महात्मा गांधी को सच्ची श्रद्धांजलि होगी।

हिन्दुस्थान समाचार/सुनीत/जितेन्द्र

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