राजकोट गेमजोन अग्निकांडः एसआईटी ने सरकार को सौंपी 100 पन्नों की जांच रिपोर्ट, 27 लोगों की गई थी जान

राजकोट गेमजोन अग्निकांडः एसआईटी ने सरकार को सौंपी 100 पन्नों की जांच रिपोर्ट, 27 लोगों की गई थी जान
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राजकोट गेमजोन अग्निकांडः एसआईटी ने सरकार को सौंपी 100 पन्नों की जांच रिपोर्ट, 27 लोगों की गई थी जान


राजकोट गेमजोन अग्निकांडः एसआईटी ने सरकार को सौंपी 100 पन्नों की जांच रिपोर्ट, 27 लोगों की गई थी जान


- लोगों की मौत के लिए महानगर पालिका, पुलिस और मार्ग-मकान विभाग जिम्मेदार

- रिपोर्ट में टीआरपी गेम जोन में कई बड़ी लापरवाही करने का उल्लेख

अहमदाबाद, 21 जून (हि.स.)। राजकोट शहर में 25 मई को हुए टीआरपी गेम जोन अग्निकांड की जांच रिपोर्ट स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (एसआईटी) ने शुक्रवार को राज्य सरकार को सौंप दी है। रिपोर्ट में चार सरकारी विभागों की लापरवाही का उल्लेख किया गया है। साथ ही गेम जोन में कई बड़ी लापरवाही बरतने का भी जिक्र है। राज्य सरकार ने गेम जोन अग्निकांड की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया था। 3 जून को गठित एसआईटी ने अग्निकांड की प्राथमिक रिपोर्ट 72 घंटे और फाइनल रिपोर्ट 672 घंटे में सौंपी है।

राजकोट टीआरपी गेम जोन अग्निकांड में 27 लोगों की मौत हो गई थी। शवों की हालत इतनी खराब थी कि सभी 27 शवों का पता लगाने के लिए डीएनए टेस्ट किया गया। इसके बाद शवों को परिजनों को सौंपा जा सका। राज्य सरकार को सौंपी गई रिपोर्ट के आधार पर अब जिम्मेदार अधिकारियों पर गाज गिरने की आशंका है। उच्चाधिकारियों की भूमिका को लेकर भी जांच की जा रही है। एसआईटी की रिपोर्ट में कई चौंकाने वाले खुलासे किए गए हैं।

एसआईटी के अध्यक्ष सुभाष त्रिवेदी की रिपोर्ट में यह निष्कर्ष दिया गया है कि टीआरपी गेम जोन अग्निकांड के लिए राजकोट महानगर पालिका (मनपा), पुलिस विभाग और मार्ग और मकान विभाग के अधिकारी जिम्मेदार हैं। तीनों विभाग की संयुक्त लापरवाही और मिलीभगत से यह दुर्घटना हुई। टीआरपी गेम जोन के मालिक-संचालक इसके सबसे बड़े गुनाहगार हैं।

रिपोर्ट में बताया गया है कि राजकोट महानगर पालिका के टाउन प्लानिंग विभाग और फायर विभाग ने 3 साल से चल रहे अवैध गेम जोनिंग के विरुद्ध कोई कार्रवाई नहीं की। गेमिंग जोन के लिए पक्के निर्माण होने के 3 साल बीतने के बाद भी विभागों ने आंखें मूंदे रखी। आवासीय उद्देश्य के लिए आवंटित जमीन पर व्यवसायिक गतिविधियां धड़ल्ले से चलाई जाती रहीं, जिसे रोकने का प्रयत्न नहीं किए गए। मनपा के टाउन प्लानिंग ऑफिसर और इंजीनियर ने अवैध बिल्डिंग को अस्थाई निर्माण के वर्ग में डालकर गंभीर लापरवाही बरती। इसके अलावा फायर विभाग के अधिकारियों ने एक बार भी स्थल की विजिट नहीं की। फायर विभाग के अधिकारियों की लापरवाही और गैर जिम्मेदाराना रवैये के कारण 27 लोगों की मौत हुई।

एसआईटी की रिपोर्ट में मुख्यरूप से 3 विभागों की गैर जिम्मेदाराना रवैये को अलग-अलग उल्लेखित किया गया है। इसमें मार्ग और मकान विभाग के अधिकारियों के गेमिंग जोन स्थल पर जांच नहीं करने का उल्लेख है। जिस किसी स्थल पर विशाल जन-समुदाय एकत्रित होता हो तो वहां अस्थाई स्ट्रक्चर के लिए मार्ग और मकान विभाग की मंजूरी लेनी पड़ती है। टीआरपी गेम जोन के लिए मार्ग और मकान विभाग के कार्यपालक इंजीनियर और सहायक इंजीनियर ने स्थल जांच नहीं की।

इसके अलावा रिपोर्ट में अन्य कमियों को भी रेखांकित किया गया है, जिसमें टीआरपी गेमिंग जोन में प्रवेश और बाहर निकलने के लिए एक ही रास्ता होने, पहली मंजिल की सीढ़ी महज 4 फीट की होने से आग लगने के बाद दूसरी मंजिल के लोग पहली मंजिल पर नहीं आ सके, गेमिंग जोन, रेस्टोरेंट के बीच बहुत कम फासला था, आपात स्थिति में बाहर निकलने का कोई रास्ता नहीं था और गो कार्टिंग स्थान पर कार में इस्तेमाल होने वाले ईंधन की टंकी रखी थी।

इसी तरह फायर एनओसी की जांच के लिए जिम्मेदार दो पुलिस इंस्पेक्टरों ने जांच नहीं की। बिजली कंपनी के पास किसी तरह की मंजूरी या अभिप्राय नहीं लिये गए। पुलिस ने स्थल की बगैर जांच किए ही लाइसेंस जारी कर दिए थे।

हिन्दुस्थान समाचार/बिनोद/दधिबल

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