अनुसूचित जाति के कृषकों के उत्थान में मील का पत्थर साबित होगा यह आयोजन : शिवराज सिंह
- सांची विकासखण्ड के भगवानपुरा में हुई एक दिवसीय विशाल किसान संगोष्ठी, प्रदर्शनी एवं आदान वितरण समारोह रायसेन, 13 दिसंबर (हि.स.)। केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि राष्ट्रीय डेरी अनुसंधान संस्थान, एशिया में डेरी एवं पशुपालन के क्षेत्र का एक उत्कृष्ट और अग्रणी संस्थान है। आज का यह आयोजन अनुसूचित जाति के कृषकों के सामाजिक और आर्थिक उत्थान में मील का पत्थर साबित होगा।
केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह शनिवार को राष्ट्रीय डेरी अनुसंधान संस्थान (एनडीआरआई), करनाल द्वारा भारत सरकार की ’अनुसूचित जाति उप-योजना’ के अंतर्गत मध्य प्रदेश के रायसेन जिले के सांची ब्लॉक स्थित ग्राम भगवानपुरा में एकदिवसीय ’विशाल किसान संगोष्ठी, प्रदर्शनी एवं आदान वितरण समारोह’ को संबोधित कर रहे थे।
केन्द्रीय कृषि मंत्री ने संस्थान के वैज्ञानिकों द्वारा भगवंतपुरा गांव में उन्नत पशुधन उत्पादन, प्रबंधन, डेरी प्रोसेसिंग और मूल्य संवर्धन की तकनीकों को प्रशिक्षण और प्रदर्शन के माध्यम से जमीनी स्तर पर उतारने के प्रयासों की मुक्तकंठ से प्रशंसा की। उन्होंने संस्थान के निदेशक और वैज्ञानिकों को निर्देशित किया कि वे इस क्षेत्र के लिए एक विस्तृत कार्ययोजना तैयार करें, ताकि इन प्रशिक्षण और प्रदर्शन कार्यक्रमों का व्यापक प्रचार-प्रसार हो और अधिक से अधिक पशुपालक वैज्ञानिक विधियों से लाभान्वित हो सकें।
उन्होंने संस्थान द्वारा ग्रामीण परिवेश में वैज्ञानिक तकनीक पहुँचाने के प्रयासों की सराहना करते हुए इसे क्षेत्र के किसानों के भविष्य को बदलने वाली एक युगांतरकारी पहल बताया। इस किसान संगोष्ठी, प्रदर्शनी एवं आदान वितरण कार्यक्रम का सफल आयोजन रायसेन के भगवंतपुरा गांव में एनडीआरआई संस्थान, कृषि विज्ञान केंद्र रायसेन और पशुपालन विभाग रायसेन के संयुक्त सहयोग से किया गया।
समारोह में मप्र के मछुआ कल्याण एवं मत्स्य विकास राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) और जिले के प्रभारी मंत्री नारायण सिंह पंवार तथा पशुपालन राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) लखन पटेल. सांची विधायक डॉ प्रभुराम चौधरी, जिला पंचायत अध्यक्ष यशवंत मीणा, पूर्व मंत्री रामपाल सिंह सहित अन्य जनप्रतिनिधि भी उपस्थित रहे। अतिथियों ने कृषि प्रदर्शनी का अवलोकन किया ।
कार्यक्रम के आरंभ में एनडीआरआई के निदेशक डॉ धीर सिंह ने अतिथियों का स्वागत करते हुए योजना की रूपरेखा प्रस्तुत की। उन्होंने बताया कि इस योजना के तहत क्षेत्र के चिन्हित 500 अनुसूचित जाति के किसान परिवारों का चयन किया गया है, जिन्हें वैज्ञानिक विधि से पशुपालन करने हेतु निरंतर प्रशिक्षित किया जाएगा। इस अवसर पर चयनित लाभार्थियों को उच्च गुणवत्ता वाला मिनरल मिक्सचर, पशु स्वास्थ्य रक्षक दवाएं और तकनीकी साहित्य जैसी आवश्यक सामग्री (आदान) का वितरण मुख्य अतिथि के कर-कमलों द्वारा किया गया। डॉ. सिंह ने आश्वस्त किया कि संस्थान का उद्देश्य केवल सामग्री वितरण नहीं, बल्कि वैज्ञानिक पद्धतियों के माध्यम से दुग्ध उत्पादन में वृद्धि कर किसानों की आय को दोगुना करना है।
समारोह में विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित क्षेत्रीय विधायक डॉ प्रभुराम चौधरी ने महिला एवं पुरुष कृषकों का आह्वान किया कि वे पारंपरिक तरीकों से हटकर वैज्ञानिक दृष्टिकोण अपनाते हुए पशुपालन को एक व्यवसाय के रूप में विकसित करें। वहीं, मध्य प्रदेश शासन के पशुपालन एवं डेयरी राज्यमंत्री लखन पटेल ने राज्य सरकार द्वारा चलाई जा रही विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी दी और किसानों से आग्रह किया कि वे केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं का लाभ उठाकर अपनी आजीविका को सुदृढ़ करें। इस भव्य आयोजन में तकनीकी सत्र का भी विशेष महत्व रहा, जिसमें एनडीआरआई के विषय विशेषज्ञों ने किसानों को महत्वपूर्ण जानकारी दी।
डॉ. डी.एन. यादव (अध्यक्ष, डेरी प्रौद्योगिकी विभाग), डॉ. पंकज कुमार सारस्वत (अध्यक्ष, कृषि विज्ञान केंद्र), प्रधान वैज्ञानिक डॉ. अनुपमा मुखर्जी और योजना के प्रभारी अधिकारी एवं डेरी विस्तार विभाग के अध्यक्ष डॉ. गोपाल सांखला ने ’स्वच्छ दुग्ध उत्पादन’, ’पशु पोषण’, ’नस्ल सुधार के नए आयाम’, ’दुग्ध प्रसंस्करण एवं मूल्य संवर्धन’ तथा ’सोयाबीन प्रसंस्करण’ जैसे विषयों पर तकनीकी व्याख्यान दिए। कार्यक्रम में कलेक्टर अरूण कुमार विश्वकर्मा, पुलिस अधीक्षक आशुतोष गुप्ता, विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारी और भगवानपुरा क्षेत्र के 2400 किसानों ने भाग लिया। एनडीआरआई की टीम द्वारा आयोजित इस सफल कार्यक्रम के लिए केंद्रीय मंत्री ने पूरी टीम को बधाई दी।____________
हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश तोमर

