झारखंड की पूर्व पुलिस महानिदेशक निर्मल कौर ने कहा- संदेशखाली में महिलाओं के एक वर्ग को हाशिए पर धकेला गया

झारखंड की पूर्व पुलिस महानिदेशक निर्मल कौर ने कहा- संदेशखाली में महिलाओं के एक वर्ग को हाशिए पर धकेला गया
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झारखंड की पूर्व पुलिस महानिदेशक निर्मल कौर ने कहा- संदेशखाली में महिलाओं के एक वर्ग को हाशिए पर धकेला गया


नई दिल्ली, 13 मार्च (हि.स.)। झारखंड की पूर्व पुलिस महानिदेशक निर्मल कौर ने बुधवार को कहा कि संदेशखाली की घटनाएं साबित करती है कि पश्चिम बंगाल में महिलाओं का एक वर्ग हाशिए पर जा रहा है और अकल्पनीय भयावहता के साथ जी रहा है।

झारखंड की पूर्व पुलिस महानिदेशक निर्मल कौर ने 13 मार्च को दिल्ली में कॉन्स्टिट्यूशन क्लब में पेशेवर महिलाओं के समूह नारी शक्ति संगम की ओर से आयोजित एकजुटता सम्मेलन में भाग लिया। इसमें उन्होंने पश्चिम बंगाल के संदेशखाली की महिलाओं के लिए स्पष्टता और दृढ़ता से बात रखी।

उल्लेखनीय है कि नारी शक्ति संगम अधिवक्ता प्रतिमा लाकरा एवं अन्य व्यवसायी महिलाओं का एक सशक्त समूह है, जो महिलाओं के मानवाधिकारों के संरक्षण के लिए प्रतिबद्ध है।

पूर्व पुलिस महानिदेशक ने इस बात पर प्रकाश डाला कि कैसे संदेशखाली और उसके आसपास के गांवों जैसे झुपखाली की महिलाएं और अन्य लोग अब शेख शाहजहां, तृणमूल कांग्रेस नेता और उनके रिश्तेदारों और पार्टी कैडर के बलात्कार और आर्थिक शोषण के खिलाफ खुलकर सामने आ गए हैं।

''संदेशखाली फाइल्स: बंगाल का लोकतंत्र कोमा में'' विषय पर आयोजित कार्यक्रम में अधिवक्ता मोनिका अरोड़ा ने बताया कि कैसे पश्चिम बंगाल में सरकार ने सबसे कमजोर और सबसे सीमांत महिलाओं को बलात्कार और उत्पीड़न के लिए चुना। वहां कैसे व्यवस्थित रूप से महिलाओं के अधिकारों और बुनियादी मानवाधिकारों की हत्या कर दी गई।

उन्होंने कहा कि सत्तारूढ़ दल बलात्कार की शिकार महिलाओं को एक पार्टी का समर्थक बताकर हिंसा और शोषण को वैध करार दे रहा है । उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि चर्चा का केंद्र अपराध होना चाहिए न कि पीड़ितों की राजनीतिक पहचान। उन्होंने दिल्ली की महिलाओं से पश्चिम बंगाल की अपनी दुर्भाग्यपूर्ण बहनों के लिए आवाज उठाने को कहा।

एनएचआरसी के पूर्व सदस्य और भारत के सुप्रीम कोर्ट के वकील ओपी व्यास ने बंगाल दौरे और संदेशखाली की महिलाओं से मिलने के अपने अनुभव को साझा किया । उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि गांव और आसपास के इलाकों की महिलाएं शेख शाहजहां के आतंक के तहत जी रही हैं। न केवल इन महिलाओं को निशाना बनाया गया बल्कि सबसे कमजोर लोगों की जमीनें भी छीनी गईं।

इस दौरान वरिष्ठ पत्रकार और मीडियाकर्मी अश्वनी द्वारा बनाई गई एक डॉक्यूमेंट्री दिखाई गई। संदेशखाली फाइलों के विवरण से स्तब्ध प्रतिभागियों के साथ कार्यक्रम एक गंभीर सन्देश देते हुए समाप्त हुआ।

हिन्दुस्थान समाचार/ अनूप/दधिबल

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