(संशोधित) प्रधानमंत्री करेंगे वाराणसी में अमूल प्लांट का उद्घाटन, 26 महीने पहले किया था शिलान्यास
वाराणसी, 13 फरवरी (हि.स.)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी के प्रस्तावित दौरे में 622 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित करखियांव स्थित बनास काशी संकुल डेयरी (अमूल प्लांट) का लोकार्पण करेंगे। इस कार्यक्रम में राज्य की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ वाराणसी सहित पूर्वांचल के विभिन्न जिलों के लगभग एक लाख गोपालक किसान मौजूद रहेंगे। इस प्लांट की आधारशिला प्रधानमंत्री ने आज से 26 महीने पहले यानी 13 दिसंबर 2021 को रखी थी।
इस दौरान प्रधानमंत्री एक जनसभा के दौरान पूर्वांचल के विकास के जुड़े अन्य विकास परियोजनाओं का भी लोकार्पण करेंगे। प्रधानमंत्री के इस कार्यक्रम की थीम ''पूर्वांचल के विकास में सहकार का प्रयास'' है। प्रधानमंत्री के संकल्प को मूर्त रूप देने के लिए अमूल बनास डेयरी प्लांट ने भी पूरी तैयारी की है। आगामी 22 से 24 फरवरी के बीच प्रधानमंत्री का वाराणसी दौरा प्रस्तावित है।
बनास काशी संकुल डेयरी के पदाधिकारियों के अनुसार वर्तमान में उत्तर प्रदेश में बनास डेरी का दूध कारोबार 47 जिलों के 4,600 गांवों में फैला हुआ है। यह दूध संग्रहण अगले साल तक 70 जिलों के 7,000 गांवों तक विस्तारित हो जाएगा। इसमें पूर्वाचल में 15 नए जिलों का विस्तार भी शामिल है। पूर्वांचल में 600 से ज्यादा समितियां चालू हैं, 1,300 से ज्यादा बन चुकी हैं और जो वर्ष के आखिर तक बढ़कर 2,600 समितियां हो जांएगी। बनास डेरी मौजूदा समय में उत्तर प्रदेश में 3.5 लाख दूध उत्पादकों के साथ काम कर रही है। इनमें से 58 हजार दूध उत्पादक पूर्वांचल एवं वाराणसी के हैं। गांवों में व्यापक काम करके, बनास डेरी उत्तर प्रदेश में दो लाख अतिरिक्त दुग्ध उत्पादक परिवारों को जोड़ेगी, जिनमें से एक लाख पूर्वांचल और वाराणसी के अन्य जिलों से आएंगे।
प्रधानमंत्री की पहल पर पूर्वांचल में शुरू हुए विकास के अंतर्गत वर्तमान में ख़ुशीपुर, चोलापुर, मिर्ज़ापुर, ग़ाज़ीपुर और दूबेपुर में 5 चिलिंग सेंटर काम कर रहे हैं। अगले महीने तक 8 और चालू हो जाएंगे। प्रदेश में कुल मिलाकर 29 चिलिंग सेंटर चालू हैं और साल के अंत तक यह बढ़कर 50 हो जाएंगे। इस बुनियादी ढांचे के माध्यम से वर्तमान में उत्तर प्रदेश से 19 लाख लीटर प्रतिदिन से अधिक दूध एकत्रित किया जा रहा है। इसमें औसतन 3 लाख लीटर प्रतिदिन दूध पूर्वांचल और वाराणसी से आ रहा है। उत्तर प्रदेश में इस साल के अंत तक यह बढ़कर प्रतिदिन 25 लाख लीटर हो जाएगी, जिसमें 7 लाख लीटर प्रतिदिन वाराणसी और पूर्वांचल से आएगा।
बनास काशी संकुल डेयरी 30 एकड़ में फैला हुआ है, यह 8 लाख लीटर प्रति दिन का दूध प्रोसेसिंग संयंत्र है। इस परियोजना को प्रधानमंत्री मोदी की पहल पर 622 करोड रुपये की कुल लागत से स्थापित किया गया है। बनास डेयरी अपने वाराणसी प्लांट के जरिए 750 लोगों को प्रत्यक्ष और 81 हजार को परोक्ष रूप से रोजगार देगी, जिसमें दुग्ध उत्पादक और किसान भी शामिल हैं। वाराणसी की प्रसिद्ध मिठाई लौंगलता और काशी का लाल पेड़ा भी इस संयंत्र में निर्मित होगा।
हिन्दुस्थान समाचार/श्रीधर/पवन
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