प्रधानमंत्री मोदी ने बरेका निर्मित 10,000वां लोकोमोटिव राष्ट्र को किया समर्पित

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प्रधानमंत्री मोदी ने बरेका निर्मित 10,000वां लोकोमोटिव राष्ट्र को किया समर्पित


प्रधानमंत्री मोदी ने बरेका निर्मित 10,000वां लोकोमोटिव राष्ट्र को किया समर्पित


वाराणसी, 18 दिसम्बर (हि.स.)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को माडल ब्लाॅक सेवापुरी बरकी में विकसित भारत, संकल्प यात्रा के तहत आयोजित विशाल जनसभा में बनारस रेल इंजन कारखाना द्वारा निर्मित 10,000वां लोकोमोटिव का वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये हरी झण्डी दिखाकर राष्ट्र को समर्पित किया। बरेका परिसर में उत्सव सरीखे माहौल में दुल्हन की तरह सजे लोकोमोटिव (रेल इंजन) को प्रधानमंत्री के हाथों लोकार्पित होने पर कर्मचारियों और अफसरों के चेहरे पर हर्ष का भाव दिखा।

गौरतलब हो कि दिसम्बर 2014 में पहली बार प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ड्यूअल कैब डीजल लोकोमोटिव को हरी झंडी दिखाई थी और लोको उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से ‘मेक इन इंडिया’ का कर्मचारियों और अफसरों का मंत्र दिया था। तबसे बरेका न सिर्फ आत्मनिर्भरता के रास्ते पर तेजी से दौड़ा, बल्कि और शक्तिशाली इंजन बनाने में सफलता भी मिली। इसका परिणाम है कि आज बरेका 10,000वां लोकोमोटिव बनाकर एक इतिहास रचा है। इस ऐतिहासिक उपलब्धि के लिए संपूर्ण बरेका गौरवान्वित महसूस कर रहा है। महाप्रबंधक बासुदेव पांडा सहित समस्त अधिकारी एवं कर्मचारी में खुशी का माहौल व्याप्त है। खासकर महिला कर्मचारियों में अत्यधिक उत्साह देखने को मिला। इस अवसर पर काफी संख्या में बरेका अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित थे।

खास बात यह है कि बनारस रेल इंजन कारखाना जिसे पहले डीजल रेल इंजन कारखाना के नाम से जाना जाता था, ने लोको तकनीक पर आधारित पहला लोकोमोटिव तैयार करके अपनी यात्रा शुरू कर न केवल रेल इंजनों के उत्पानदन में कीर्तिमान स्थापित किया है, बल्कि रेल इंजनों की अश्व शक्ति में वृद्धि के साथ ही नयी-नयी तकनीक का भी विकास किया है। वर्ष 2017 से बरेका ने विद्युत लोको का निर्माण शुरू किया। वर्तमान में बरेका रेलवे के लिए यात्री सेवा के लिए डब्ल्यू एपी-7 और मालवाहक के लिए डब्ल्यूएजी-9 इंजनों के निर्माण के साथ ही गैर रेलवे ग्राहकों एवं निर्यात के लिए रेल इंजन का उत्पादन कर रहा है। अब तक बरेका 1687 विद्युत लोकोमोटिव, 7498 डीजल लोकोमोटिव, 172 निर्यातित लोकोमोटिव (11 देशों में), गैर रेलवे ग्राहक हेतु 634 लोकोमोटिव, 01 डुएल (डीजल विद्युत) मोड लोकोमोटिव, 08 डीजल से इलेक्ट्रिक में परिवर्तित लोकोमोटिव का निर्माण किया है।

बरेका की नींव प्रथम राष्ट्रपति डाॅ राजेन्द्र प्रसाद ने 23 अप्रैल 1956 को रखी गयी थी। अगस्त 1961 में बरेका अपने अस्तित्व में आया। 03 जनवरी 1964 में पहला ब्राड गेज डब्ल्यूडीएम-2 का लोकार्पण तत्कालीन प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री ने एवं नवम्बर 1968 में पहले मीटर गेज रेल इंजन का लोकार्पण तत्कालीन प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई ने किया था।

बरेका महाप्रबंधक के अनुसार प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के हाथों राष्ट्र को समर्पित 10,000वां एसी-एसी 6000 अश्व शक्ति पैसेंजर लोकोमोटिव साउथ सेंट्रल रेलवे के लालागुडा इलेक्ट्रिक लोको शेड को भेजा जा रहा है। ये लोकोमोटिव जो आरटीआईएस-वास्तविक समय सूचना प्रणाली, गर्मियों के लिए वातानुकूलित ड्राइवर कैब, सर्दियों के दौरान ड्राइवर के लिए गर्म हवा का प्रावधान, HOG- ट्रेन लाइटिंग के लिए हेड ऑन जेनरेशन, रिजेनरेटिव ब्रेक सिस्टम जैसी प्रमुख विशेषताओं से सुसज्जित है, जिसकी स्पीड 140 किमी प्रति घंटा है।

लोकार्पण समारोह में बरेका महाप्रबंधक बासुदेव पांडा, प्रमुख मुख्य विद्युत इंजीनियर एस.के. श्रीवास्तव, प्रमुख मुख्य सामग्री प्रबंधक रजनीश गुप्ता, प्रधान वित्त सलाहकार नीरज वर्मा, प्रमुख मुख्य इंजीनियर विनोद बमपाल आदि भी मौजूद रहे।

हिन्दुस्थान समाचार/श्रीधर/दिलीप/आकाश

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