राष्ट्रपति ने स्वच्छ सर्वेक्षण पुरस्कार प्रदान किये
नई दिल्ली, 11 जनवरी (हि.स.)। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने गुरुवार को नई दिल्ली में आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय द्वारा आयोजित एक समारोह में स्वच्छ सर्वेक्षण पुरस्कार प्रदान किए। इंदौर और सूरत को संयुक्त रूप से देश के सबसे स्वच्छ शहर घोषित किये गये।
इस अवसर पर राष्ट्रपति ने कहा कि व्यापक भागीदारी के साथ किया गया स्वच्छ सर्वेक्षण और पुरस्कार समारोह भी स्वच्छता के स्तर को ऊंचा करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने ‘स्वच्छता से संपन्नता’ की राह पर आगे बढ़ने के लिए सभी की सराहना की। उन्हें यह जानकर खुशी हुई कि स्वच्छता अभियान महिलाओं की आर्थिक आत्मनिर्भरता के अवसर पैदा कर रहे हैं।
राष्ट्रपति ने कहा कि हमारे सफाई मित्र हमारे स्वच्छता अभियान के अग्रिम पंक्ति के सैनिक रहे हैं। उन्हें यह जानकर खुशी हुई कि सफाई मित्रों की सुरक्षा, सम्मान और कल्याण सुनिश्चित करने के लिए प्रभावी कदम उठाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि मशीनीकृत सफाई के माध्यम से मैनहोल को खत्म करके और मशीन-होल के माध्यम से स्वच्छता के लक्ष्य को प्राप्त करके ही हम एक संवेदनशील समाज के रूप में अपनी सही पहचान बना सकेंगे।
राष्ट्रपति यह जानकर प्रसन्न हुईं कि स्वच्छ भारत मिशन के दूसरे चरण में अपशिष्ट प्रबंधन में चक्रीयता पर जोर दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सर्कुलर इकोनॉमी की अधिक से अधिक वस्तुओं के पुनर्चक्रण और पुन: उपयोग के तरीके सतत विकास के लिए मददगार साबित हो रहे हैं। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि ऐसी प्रणाली अपशिष्ट प्रबंधन के क्षेत्र में भी बहुत उपयोगी साबित होगी।
राष्ट्रपति ने कहा कि यदि हम अपशिष्ट से मूल्य की अवधारणा पर गहराई से विचार करें तो यह स्पष्ट हो जाता है कि सब कुछ मूल्यवान है, कुछ भी अपशिष्ट नहीं है। हरित कचरे से बायोगैस बनाने और कूड़े से प्राप्त ईंधन से बिजली बनाने के पीछे यही समग्र और प्रगतिशील सोच काम करती है।
राष्ट्रपति ने कहा कि हमारी लगभग एक-तिहाई आबादी शहरी क्षेत्रों में रहती है। शहरों और कस्बों की स्वच्छता उनके स्वास्थ्य और विकास के लिए आवश्यक है। उन्होंने कहा कि बड़ी मात्रा में शहरी भूमि कूड़े के पहाड़ों के नीचे दबी हुई है। राष्ट्रपति ने कहा कि कूड़े के ऐसे पहाड़ बहुत बड़ी शहरी आबादी के स्वास्थ्य के लिए बेहद हानिकारक हैं। उन्हें यह जानकर खुशी हुई कि स्वच्छ भारत अभियान के तहत ऐसी डंप-साइटों को खत्म किया जा रहा है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि सभी शहरी क्षेत्रों में प्रभावी कार्य किया जाएंगे और जीरो डंप-साइट का लक्ष्य हासिल किया जाएगा।
राष्ट्रपति ने कहा कि युवा हमारे सबसे महत्वपूर्ण हितधारक हैं। यदि युवा पीढ़ी सभी शहरों और पूरे देश को स्वच्छ रखने की ठान ले तो 2047 का भारत निश्चित ही विश्व के सबसे स्वच्छ देशों में शामिल होकर अपनी स्वाधीनता की शताब्दी मनाएगा। उन्होंने देश के सभी युवाओं से भारत को दुनिया का सबसे स्वच्छ देश बनाने के बड़े लक्ष्य के साथ आगे बढ़ने का आग्रह किया।
हिन्दुस्थान समाचार/ सुशील/अनूप
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