लोगों को कानूनी सहायता दिलाने में मदद के लिए जागरुकता अभियान की जरूरत : राष्ट्रपति
नई दिल्ली, 28 नवंबर (हि.स.)। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने मंगलवार को कहा कि लोगों के बीच जागरुकता अभियान चलाने की जरूरत है ताकि न केवल उन्हें उनके अधिकारों के प्रति जागरूक किया जा सके, बल्कि जरूरत पड़ने पर उन्हें कानूनी सहायता दिलाने में भी मदद की जा सके। उन्होंने कहा कि इस तरह के जागरुकता अभियान को ग्रामीण क्षेत्रों और सामाजिक रूप से वंचित समूहों पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए ताकि इस धारणा को दूर किया जा सके कि न्याय अमीरों के लिए होता है।
राष्ट्रपति मुर्मू मंगलवार को नई दिल्ली में 'कानूनी सहायता तक पहुंच: वैश्विक दक्षिण में न्याय तक पहुंच को मजबूत करना' विषय पर पहले दो दिवसीय क्षेत्रीय सम्मेलन के समापन सत्र को संबोधित कर रही थीं। इस मौके पर भारत के मुख्य न्यायाधीश धनंजय वाई चंद्रचूड़, जस्टिस संजीव खन्ना, जस्टिस संजय किशन कौल और केंद्रीय विधि एवं न्याय राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) अर्जुनराम मेघवाल भी उपस्थित थे।
राष्ट्रपति ने कहा कि जरूरतमंद लोगों तक कानूनी सहायता पहुंचाना किसी भी आधुनिक राज्य की आधारशिला है। यह एक ऐसी सामाजिक व्यवस्था को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है जो न्यायसंगत, उचित और विश्वास के योग्य हो। इस सम्मेलन में ग्लोबल साउथ के 69 अफ्रीका-एशिया-प्रशांत देशों की भागीदारी न्याय और समानता की हमारी सामूहिक खोज में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है।
उन्होंने कहा कि समानता न केवल न्याय की नींव है, बल्कि न्याय की एक आवश्यक शर्त भी है। बहुत समय हो गया जब दुनिया ने यह घोषणा की कि सभी मनुष्य समान हैं, लेकिन हमें खुद से पूछने की ज़रूरत है कि क्या हम सभी को न्याय तक समान पहुंच प्राप्त है। व्यवहार में, इसका मतलब है कि कुछ लोग अक्सर कई कारकों के कारण अपनी शिकायतों का निवारण करने में असमर्थ होते हैं। हमारा मुख्य कार्य उन बाधाओं को दूर करना है।
राष्ट्रपति ने कहा कि प्रौद्योगिकी कानूनी सहायता तक पहुंच को और अधिक लोकतांत्रिक बनाने में बहुत बड़ी भूमिका निभाती है। इससे कई मामलों में दूरियां कम हो गई हैं और न्याय मिलना आसान हो गया है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि न्याय वितरण प्रणाली में प्रौद्योगिकी के एकीकरण में एक अभिनव दृष्टिकोण इसे अधिक समावेशी और साथ ही अधिक कुशल बना देगा।
उन्होंने कहा कि इस तरह के सम्मेलन न केवल ऐसा करने के लिए एक आदर्श मंच प्रदान करते हैं, बल्कि उनमें बहुत कुछ देने की क्षमता भी होती है। वे घर पर सामाजिक-आर्थिक असमानताओं को कम करने में हमारी मदद कर सकते हैं। इसके अलावा अधिक लोकतांत्रिक और कुशल न्याय प्रणालियों के साथ, ग्लोबल साउथ पूरी दुनिया के लिए अधिक टिकाऊ विकास का रास्ता दिखाने में अग्रणी भूमिका निभा सकता है।
राष्ट्रपति ने विश्वास व्यक्त किया कि दो दिनों के विचार-विमर्श के दौरान सम्मेलन के प्रतिभागियों ने क्षेत्रीय कानूनी सहायता नेटवर्क सहित अधिक से अधिक क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय सहयोग और नवाचारों, ज्ञान और रणनीतियों को साझा करने के अवसरों की खोज की है। राष्ट्रपति ने सभी हितधारकों से कानूनी सहायता और न्याय तक पहुंच बढ़ाकर हमारे देशों में लोगों के जीवन को बदलने के लिए मिलकर काम करने के लिए इस मंच का उपयोग करने का आग्रह किया।
हिन्दुस्थान समाचार/सुशील/पवन
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