फ़िल्में और सोशल मीडिया समाज में बदलाव लाने के सबसे सशक्त माध्यम हैं : राष्ट्रपति
नई दिल्ली, 08 अक्टूबर (हि.स.)। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने मंगलवार को नई दिल्ली में विभिन्न श्रेणियों में 70वें राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कार प्रदान किए। उन्होंने मिथुन चक्रवर्ती को वर्ष 2022 के लिए दादा साहब फाल्के लाइफ़टाइम अचीवमेंट पुरस्कार भी प्रदान किया।
इस अवसर पर राष्ट्रपति ने कहा कि फ़िल्में और सोशल मीडिया समाज में बदलाव लाने के सबसे सशक्त माध्यम हैं। उन्होंने कहा कि
भारतीय सिनेमा दुनिया का सबसे बड़ा फिल्म उद्योग है जिसमें कई भाषाओं में और देश के सभी क्षेत्रों में फिल्में बनाई जाती हैं। यह सबसे विविध कला रूप भी है। उन्होंने सभी पुरस्कार विजेताओं को बधाई दी और फिल्म उद्योग से जुड़े लोगों की सराहना की।
राष्ट्रपति ने दादा साहब फाल्के लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार प्राप्त करने पर मिथुन चक्रवर्ती को बधाई दी। उन्होंने कहा कि लगभग पांच दशकों की अपनी कलात्मक यात्रा में मिथुन ने न केवल गंभीर किरदारों को पर्दे पर उतारा है बल्कि अपनी अनूठी ऊर्जा के साथ कई साधारण कहानियों को भी सफलतापूर्वक पेश किया है।
राष्ट्रपति ने कहा कि पुरस्कार विजेता फिल्मों की भाषाएं और पृष्ठभूमि भले ही अलग-अलग हों, लेकिन वे सभी भारत का प्रतिबिंब हैं। ये फिल्में भारतीय समाज के अनुभवों का खजाना हैं। इन फिल्मों में भारतीय परंपराएं और उनकी विविधता जीवंत हो उठती है।
राष्ट्रपति ने कहा कि समाज में बदलाव लाने के लिए फिल्में और सोशल मीडिया सबसे शक्तिशाली माध्यम हैं। इन माध्यमों का लोगों में जागरूकता पैदा करने में किसी भी अन्य माध्यम से अधिक प्रभाव है। उन्होंने कहा कि आज वितरित किए गए 85 से अधिक पुरस्कारों में से केवल 15 पुरस्कार महिलाओं को मिले हैं। उन्होंने कहा कि फिल्म उद्योग महिलाओं के नेतृत्व वाले विकास की दिशा में और अधिक प्रयास कर सकता है।
राष्ट्रपति ने कहा कि सार्थक फिल्मों को अक्सर दर्शक नहीं मिल पाते। उन्होंने जागरूक नागरिकों, सामाजिक संगठनों और सरकारों से दर्शकों तक सार्थक सिनेमा की पहुंच बढ़ाने के लिए मिलकर काम करने का आग्रह किया।
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हिन्दुस्थान समाचार / सुशील कुमार
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