सशस्त्र बल मेडिकल कॉलेज को प्लैटिनम जुबली वर्ष में मिलेगा 'प्रेसिडेंट्स कलर'
- राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू 01 दिसंबर को डाक टिकट, स्मारक सिक्का भी जारी करेंगी
- एएफएमसी को मिलने वाला यह पुरस्कार 75 वर्षों तक शानदार सेवा का प्रमाण
नई दिल्ली, 27 नवंबर (हि.स.)। भारतीय सशस्त्र बलों की सर्वोच्च कमांडर द्रौपदी मुर्मू 01 दिसंबर को पुणे के सशस्त्र बल मेडिकल कॉलेज (एएफएमसी) को उसके प्लैटिनम जुबली वर्ष में राष्ट्रपति सम्मान प्रदान करेंगी। इस मौके पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू एक विशेष कवर, डाक टिकट और एक स्मारक सिक्का भी जारी करेंगी। एएफएमसी को मिलने वाला यह पुरस्कार राष्ट्र के प्रति उसकी 75 वर्षों तक शानदार सेवा का प्रमाण है।
प्रेसिडेंट्स कलर को 'राष्ट्रपति का निशान' भी कहा जाता है। यह किसी भी सैन्य इकाई को दिया जाने वाला सर्वोच्च सम्मान है। देश के अग्रणी मेडिकल कॉलेजों में से एक एएफएमसी सशस्त्र बल चिकित्सा सेवा का प्रमुख प्रतिष्ठान है, जो 75 वर्षों से अपनी शानदार सेवाएं देकर प्लैटिनम जुबली वर्ष मना रहा है। भव्य समारोह में राष्ट्रपति एक विशेष कवर, डाक टिकट और एक स्मारक सिक्का भी जारी करेंगी। राष्ट्रपति कम्प्यूटेशनल मेडिसिन के लिए सशस्त्र बल केंद्र 'प्रजना' का भी ई-उद्घाटन करेंगी, जो आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग करके अत्याधुनिक स्वास्थ्य देखभाल अनुसंधान करने वाले अग्रणी वैश्विक संस्थानों के साथ एएफएमसी को स्थापित करेगा।
यह शानदार कार्यक्रम एएफएमसी के कैप्टन देवाशीष शर्मा कीर्ति चक्र परेड ग्राउंड में आयोजित किया जाएगा। इस मौके पर होने वाली औपचारिक परेड के मुख्य आकर्षणों में से एक सेना, नौसेना और वायु सेना में सेवारत सशस्त्र बल चिकित्सा सेवा कर्मियों की चार टुकड़ियों का नेतृत्व महिला चिकित्सा अधिकारी करेंगी, जो एएफएमएस में महिला सशक्तिकरण का प्रतीक हैं।
पुणे के सशस्त्र बल मेडिकल कॉलेज को सशस्त्र बल चिकित्सा सेवाओं में चिकित्सा शिक्षा का स्रोत और चिकित्सा प्रशिक्षण के उच्चतम मानकों के लिए दुनिया भर में जाना जाता है। इस कॉलेज का असाधारण प्रशिक्षण और प्रशासनिक बुनियादी ढांचा न केवल चिकित्सा शिक्षा में सर्वश्रेष्ठ प्रदान करता है बल्कि अपने विभिन्न खेलों और पाठ्येतर गतिविधि क्लबों के माध्यम से मेडिकल कैडेटों को विकास के अवसर भी प्रदान करता है।
इस प्रतिष्ठित संस्थान से निकलने वाले मेडिकल कैडेटों को सेना, नौसेना और वायु सेना में कमीशन मिलता है। इस संस्थान के पूर्व छात्रों ने स्वास्थ्य देखभाल वितरण और अनुसंधान में उत्कृष्ट योगदान दिया है और विभिन्न प्रतिष्ठित राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्वास्थ्य देखभाल संस्थानों में सेवा कर रहे हैं। इस संस्थान से निकलने वाले अधिकारी डॉक्टर के रूप में न केवल सीमा की रक्षा करने वाले सशस्त्र बलों के कर्मियों बल्कि विदेश में मिशनों पर तैनात कर्मियों और उनके परिवारों की भी स्वास्थ्य देखभाल करते हैं।
हिन्दुस्थान समाचार/सुनीत/दधिबल
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