राष्ट्रपति मुर्मू ने पीबीजी को राष्ट्रपति के अंगरक्षक मानक और रेजिमेंटल मानक प्रस्तुत किये

राष्ट्रपति मुर्मू ने पीबीजी को राष्ट्रपति के अंगरक्षक मानक और रेजिमेंटल मानक प्रस्तुत किये
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राष्ट्रपति मुर्मू ने पीबीजी को राष्ट्रपति के अंगरक्षक मानक और रेजिमेंटल मानक प्रस्तुत किये


नई दिल्ली, 16 नवंबर (हि.स.)। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने गुरुवार को राष्ट्रपति भवन में आयोजित एक समारोह में राष्ट्रपति के अंगरक्षक (पीबीजी) के लिए नए बॉडीगार्ड मानक और नवीनीकृत रेजिमेंटल मानक प्रस्तुत किए। रेजिमेंट को 60 साल पहले 1963 में भारत के तत्कालीन राष्ट्रपति डॉ. एस. राधाकृष्णन द्वारा बॉडीगार्ड के मानक और उनके रेजिमेंटल मानक प्रस्तुत किए गए थे।

इस अवसर पर अपनी संक्षिप्त टिप्पणी में, राष्ट्रपति ने रेजिमेंट के 250 गौरवशाली वर्ष पूरे होने पर राष्ट्रपति अंगरक्षक के सभी अधिकारियों और सैनिकों को बधाई दी। उन्होंने उत्कृष्ट सैन्य परंपराओं और व्यावसायिकता के लिए पीबीजी की सराहना की। उन्होंने कहा कि वे हमारी भूमि की समृद्ध विरासत और संस्कृति के ध्वजवाहक हैं। राष्ट्रपति ने कहा कि राष्ट्रपति का अंगरक्षक होने का सम्मान उनके लिए अतिरिक्त जिम्मेदारी लेकर आता है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि वे राष्ट्रपति भवन की सर्वोत्तम परंपराओं को बनाए रखने के लिए समर्पण, अनुशासन और वीरता के साथ प्रयास करेंगे और भारतीय सेना की अन्य रेजिमेंटों के लिए उदाहरण स्थापित करेंगे।

उल्लेखनीय है कि राष्ट्रपति का अंगरक्षक भारतीय सेना की सबसे पुरानी रेजिमेंट है, जिसे 1773 में गवर्नर-जनरल के अंगरक्षक (बाद में वायसराय के अंगरक्षक) के रूप में स्थापित किया गया था। 27 जनवरी, 1950 को रेजिमेंट का नाम बदलकर राष्ट्रपति का अंगरक्षक कर दिया गया।

हिन्दुस्थान समाचार/ सुशील/प्रभात

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