राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री मोदी ने स्वराज कौशल के निधन पर जताया शोक
नई दिल्ली, 4 दिसंबर (हि.स.)। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुरुवार को पूर्व विदेश मंत्री स्वर्गीय सुषमा स्वराज के पति और मिजोरम के पूर्व राज्यपाल स्वराज कौशल के निधन पर दुख व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि स्वराज कौशल के योगदान को हमेशा याद रखा जाएगा।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने सोशल मीडिया एक्स पर पोस्ट कर लिखा कि मिजोरम के पूर्व राज्यपाल, पूर्व संसद सदस्य और एक प्रतिष्ठित कानूनी विशेषज्ञ स्वराज कौशल के निधन के बारे में जानकर दुख हुआ। उनके योगदान को हमेशा याद रखा जाएगा। उनकी बेटी और सांसद बांसुरी स्वराज, परिवार के अन्य सदस्यों और प्रशंसकों के प्रति अपनी हार्दिक संवेदना व्यक्त करती हूं।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने एक्स पर लिखा, ''स्वराज कौशल के गुजर जाने से दुख हुआ। उन्होंने एक वकील और ऐसे इंसान के तौर पर अपनी अलग पहचान बनाई, जो कानूनी पेशे का इस्तेमाल जरूरतमंदों की जिंदगी बेहतर बनाने में करते थे।''
उन्होंने आगे लिखा कि वे भारत के सबसे कम उम्र के राज्यपाल बने और अपने कार्यकाल के दौरान मिजोरम के लोगों पर गहरी छाप छोड़ी। एक सांसद के तौर पर उनकी समझ भी काबिले-तारीफ थी। इस दुख की घड़ी में मेरी दुआएं उनकी बेटी बांसुरी और परिवार के दूसरे सदस्यों के साथ हैं।
उल्लेखनीय है कि स्वराज कौशल का जन्म 12 जुलाई 1952 को हुआ था। दिल्ली विश्वविद्यालय और पंजाब विश्वविद्यालय से उन्होंने पढ़ाई की। स्वराज कौशल की पहचान उच्चतम न्यायालय के वरिष्ठ वकीलों में होती थी। वे छह साल तक राज्यसभा में सांसद रहे, साथ ही मिजोरम में राज्यपाल की भी जिम्मेदारी संभाली थी। स्वराज कौशल सबसे कम आयु में राज्यपाल का पद प्राप्त करने वाले व्यक्ति बने थे। 1975 में इनका विवाह सुषमा स्वराज के साथ हुआ था।
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हिन्दुस्थान समाचार / माधवी त्रिपाठी

