प्रभात झा ने देश, समाज और विचार के लिए अपना जीवन जियाः शिवराज सिंह चौहान
भोपाल, 06 अगस्त (हि.स.)। केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि अपने लिए तो सब जीते हैं। कीट पतंगे भी जीते हैं, पशु पक्षी भी जीते हैं, अपने लिए जिए तो क्या जिए। स्वर्गीय प्रभात झा ने देश, समाज और विचार के लिए अपना जीवन जिया। हर काम कैसे सफल हो यह तड़प उनके अंदर थी। वह सचमुच के एक व्यक्ति नहीं, बल्कि एक संस्था थे। वे एक मौलिक चिंतक, राष्ट्रवादी विचारक थे। उसकी प्लानिंग और अनेक स्मृतियां मेरे हृदय में हैं।
केन्द्रीय मंत्री चौहान भारतीय जनता पार्टी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष व पूर्व सांसद स्व. प्रभात झा के देवलोकगमन पर मंगलवार शाम को पार्टी कार्यालय में आयोजित शोकसभा में आयोजित श्रद्धांजलि सभा को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि प्रदेश अध्यक्ष के नाते हर मंडल अध्यक्ष से प्रभात जी का सीधा संवाद होता था। कार्यकर्ताओं को प्रेरित करते हुए एक दिन में कई मंडलों की बैठक और कार्यकर्ताओं से संवाद करते रहे। जो काम में नहीं लगे उनको कम लगते थे, मुझे कई आईडिया देते थे कि यह करना चाहिए। दिन और रात केवल काम कैसे बेहतर हो इसकी चिंता उन्होंने सदैव की। दिल्ली इलाज के लिए ले गए तब भी लगता था कि जल्दी स्वस्थ होंगे फिर वापस लौटेंगे।
उन्होंने कहा कि आत्मा तो अजर अमर है। शास्त्र काट नहीं सकते, आग जला नहीं सकती, पानी गीला नहीं कर सकता, हवा सुख नहीं सकती। अजर, अमर अविनाशी शाश्वत सनातन और सच्चिदानंद यानी सच्चिदानंद यह वास्तविक स्वरूप है और इस रूप में प्रभात जी सदैव हमारे बीच रहेंगे और हमें प्रेरणा देते रहेंगे। जितने पत्र प्रभात झा जी ने लिखे हैं, उतने पत्र किसी ने भी नहीं लिखे होंगे। मैं युवा मोर्चा का प्रदेश अध्यक्ष बनने के बाद क्रांति मसल यात्रा निकलने वाला था, उसके लिए प्रभात झा जी ने पत्रकार रहते हुए हजारों कार्यकर्ताओं को पत्र लिखकर यात्रा को सफल बनाने के लिए कार्य किया। युवा मोर्चा की ग्वालियर में एक सभा थी, उसे सफल बनाने के लिए बिना कहे प्रभात झा जी ने कार्यकर्ताओं को लगाकर कार्य किया। उन्होंने एक कुशल संगठक के रूप में अमिट छाप छोड़ी है।
केन्द्रीय मंत्री चौहान ने कहा कि उन्होंने अपने स्वास्थ्य पर ध्यान नहीं दिया। उनके पांव में घाव हो गया था, मैं पकड़कर उन्हें अस्पताल लेकर गया। 2013 के विधानसभा चुनाव में दिनरात कार्य में लगे रहे, सरकार व संगठन का कामकाज कैसे अच्छा हो, इसके लिए हमेशा मागर्दशन करते रहे। प्रभात झा जी सचमुच एक उजास थे, कुसल संगठन के रूप में हजारों कार्यकर्ता तैयार किए। भले ही वे आज भौतिक शरीर से नहीं हैं, लेकिन आत्मा अजर, अमर है, हमेशा हमारे बीच रहेंगे। उनके किए गए कार्यों से प्रेरणा लेकर जीवन को और सार्थक बनाएं। उनके चरणों में विनम्र श्रद्धांजलि।
प्रभात जी के जो दिल में होता था, वही उनके स्वर में होता थाः सिंधिया
केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने श्रद्धांजलि सभा को संबोधित करते हुए कहा कि जहां एक परिवार का संबंध न हो, लेकिन जीवन के इस यात्रा में कई ऐसे घनिष्ठ संबंध हो जाते हैं जो कभी-कभी पारिवारिक संबंध से भी ज्यादा महत्वपूर्ण हो जाते हैं। यह क्षमता और अद्भुत प्रतिभा स्व. प्रभात झा में थी। स्व. प्रभात झा की जीवन हम सबके लिए प्रेरणा है। मेरा उनसे एक पीढ़ी, दो पीढ़ी नहीं आजी, अम्मा जी एवं पूज्य पिताजी के समय से संबंध है। उनका असमय चले जाना मेरे लिए एक व्यक्तिगत क्षति है। उनका आशीर्वाद सदैव मेरे ऊपर रहा है। प्रभात जी के जो दिल में होता था, वही उनके स्वर में होता था। हर जिम्मेदारी को हिम्मत के साथ धर्म की तरह निभाने की एक क्षमता उनमें थी, ऐसे बहुत बिरले लोगों में मैंने देखा है। उनकी जीवन शैली हमारे लिए प्रेरणादायक रहे, यही कामना करते हुए विनम्रता पूर्वक श्रद्धांजलि अर्पित करता हॅू।
प्रभात झा जी अतुलनीय थे, उनकी यादें अविस्मरणीयः डॉ महेन्द्र सिंह
पार्टी के प्रदेश प्रभारी डॉ महेंद्र सिंह ने कहा कि महान पुरूष आते हैं और अपने पद चिन्ह छोड़कर चले जाते हैं। 2007 में स्व. प्रभात झा का मुझे सानिध्य मिला। मैं उत्तर प्रदेश में महामंत्री था, चुनाव की दृष्टि से स्व. प्रभात झा पार्टी का कार्य करने लखनऊ आए थे। एक छोटे से कमरे में रहते थे और चुनाव में किस प्रकार कार्य करना है, कार्यकर्ताओं को कैसे कार्य पर लगाएं रखना है, यह बताते थे। मीडिया से लेकर सभी कामों को देखते थे। 2004-2005 में मैं राष्ट्रीय मंत्री बना, वे उपाध्यक्ष थे। उन्होंने मुझे घर बुलाया, एक अभिभावक की तरह बहुत सारी बातें बताईं। प्रभात जी एक संरक्षक, एक पत्रकार, एक स्वयंसेवक, कुशल संगठनकर्ता, प्रदेश अध्यक्ष, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष, सांसद के रूप में कार्य करते रहे। मेरे पास उनके लिए शब्द नहीं है। वे अतुलनीय थे, उनकी यादें अविस्मरीण हैं। मैं अपनी ओर से उन्हें भावांजलि, श्रद्धांजलि और पुष्पांजलि अर्पित करता हूं।
हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश तोमर / आकाश कुमार राय
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