दिल्ली में प्रदूषण गंभीर स्तर पर पहुंचा, ग्रैप-3 की पाबंदिया हुईं लागू

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दिल्ली में प्रदूषण गंभीर स्तर पर पहुंचा, ग्रैप-3 की पाबंदिया हुईं लागू


नई दिल्ली, 02 नवंबर (हि.स.)। दिल्ली में वायु गणवत्ता के गंभीर स्तर पर पहुंचने के बाद गुरुवार को ग्रैप-3 (ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान) को लागू कर दिया गया। दिल्ली में अब बीएस-3 पेट्रोल और बीएस-4 डीजल वाहनों के प्रवेश और गैर-जरूरी निर्माण कार्यों पर रोक सहित कई सख्त पाबंदियां लग गई हैं।

ग्रैप के तहत कार्रवाई करने के लिए गठित उप-समिति ने गुरुवार को अपनी बैठक में क्षेत्र में वायु गुणवत्ता परिदृश्य के साथ-साथ आईएमआई व आईआईटीएम द्वारा उपलब्ध मौसम संबंधी स्थितियों और वायु गुणवत्ता सूचकांक के पूर्वानुमानों की व्यापक समीक्षा की। उप-समिति ने पाया कि दिल्ली का औसत एक्यूआई तेजी से बढ़ते हुए शाम 5 बजे तक 402 दर्ज किया गया। इसके आगे और भी बढ़ने की उम्मीद है।

वायु गुणवत्ता की मौजूदा स्थिति को ध्यान में रखते हुए उप-समिति ने निर्णय लिया कि जीआरएपी के चरण III 'गंभीर वायु गुणवत्ता (401-450 के बीच दिल्ली AQI) के तहत परिकल्पित सभी कार्रवाई की जाएगी। पहले से ही लागू चरण I और II की कार्रवाइयों के अलावा, एनसीआर में सभी संबंधित एजेंसियों द्वारा तुरंत प्रभाव से सही ढंग से कार्यान्वित किया जाना चाहिए।

इस अवधि के दौरान धूल पैदा करने वाली और वायु प्रदूषण को बढ़ावा देने वाली गतिविधियों पर सख्ती से प्रतिबंध लगाया जाएगा। इसमें बोरिंग और ड्रिलिंग कार्यों सहित खुदाई और भराई के लिए मिट्टी का काम नहीं किया जा सकेगा। निर्माण और वेल्डिंग संचालन सहित सभी संरचनात्मक निर्माण कार्य और तोड़फोड़ का काम प्रतिबंधित रहेगा। परियोजना स्थलों के भीतर या बाहर कहीं भी निर्माण सामग्री की लोडिंग और अनलोडिंग नहीं होगी। पेंटिंग, पॉलिशिंग और वार्निशिंग आदि कार्य। सड़क निर्माण व मरम्मत कार्य जिसमें फुटपाथ और रास्ते और सेंट्रल वर्ज आदि को पक्का करना शामिल है। स्टोन क्रशरों का संचालन बंद करने के साथ ही एनसीआर में सभी खनन और संबंधित गतिविधियों को बंद करें।

दिल्ली और गुरुग्राम, फरीदाबाद, गाजियाबाद और गौतमबुद्ध नगर जिलों में बीएस III पेट्रोल और बीएस IV डीजल एलएमवी (4 पहिया वाहन) के संचालन पर सख्त प्रतिबंध लगाएगा। इसके साथ राज्य सरकारें (एनसीआर और जीएनसीटीडी में) पांचवीं कक्षा तक के बच्चों के लिए स्कूलों में भौतिक कक्षाएं बंद करने और ऑनलाइन मोड में कक्षाएं संचालित करने पर निर्णय ले सकती हैं। संस्थान लोगों के घर से काम करने की अनुमति दे सकते हैं।

हिन्दुस्थान समाचार/सुशील/आकाश

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