श्रीराम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह को चुनावी लाभ के लिए इस्तेमाल करना अनुचित : जमाअत-ए- इस्लामी हिंद

श्रीराम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह को चुनावी लाभ के लिए इस्तेमाल करना अनुचित : जमाअत-ए- इस्लामी हिंद
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श्रीराम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह को चुनावी लाभ के लिए इस्तेमाल करना अनुचित : जमाअत-ए- इस्लामी हिंद


नई दिल्ली, 06 जनवरी (हि.स.)। जमाअत-ए-इस्लामी हिंद के मुख्यालय में आज आयोजित मासिक प्रेस कॉन्फ्रेंस में देश के ताज़ा हालात पर चर्चा के साथ-साथ श्रीराम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह के राजनैतिक इस्तेमाल पर चिंता व्यक्त की गई। कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए जमाअत-ए-इस्लामी हिंद के उपाध्यक्ष प्रो. मोहम्मद सलीम इंजीनियर ने कहा कि श्रीराम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह को राजनीतिक प्रचार और चुनावी लाभ के लिए एक उपकरण बनाना और इसका राजनीतिक उद्देश्यों और ध्रुवीकरण के लिए उपयोग करना गलत है। ऐसा महसूस होता है कि यह कोई धार्मिक आयोजन नहीं बल्कि भाजपा का चुनावी कार्यक्रम और प्रधानमंत्री की राजनीतिक रैली है।

प्रो. सलीम ने कहा कि चीजें अलग हो सकती थीं, अगर कार्यक्रम का प्रबंधन वास्तव में मंदिर ट्रस्ट द्वारा किया जाता। राजनेताओं, नौकरशाहों और निर्वाचित प्रतिनिधियों को दूर रहने के लिए कहा जाना चाहिए था। दूसरे शब्दों में, कोई विवाद नहीं होता यदि उद्घाटन बिना किसी राजनीतिक भाषण, पोस्टर और नारे के एक धार्मिक समारोह तक ही सीमित होता। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव की राम मंदिर के आगामी उद्घाटन की तुलना हमारे स्वतंत्रता दिवस से करने की टिप्पणी गलत और कष्टदायक है। यह 'हम बनाम वे' का नैरेटिव स्थापित करने और धार्मिक आधार पर देश का ध्रुवीकरण करने की कोशिश है। जमाअत घटना की ऐसी व्याख्याओं की निंदा करती है। यह सत्तारूढ़ व्यवस्था से उनके पद की शपथ का पालन करने का आह्वान करती है, जो उन्हें भय या पक्षपात, स्नेह या द्वेष के बिना कार्यालय के कर्तव्यों का विधिवत और ईमानदारी से पालन करने और देश के संविधान और कानूनों को बनाए रखने का आदेश देता है।

देश की वर्तमान स्थिति के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि हमारा देश धीरे-धीरे संवैधानिक लोकतंत्र से पक्षपात और बहुसंख्यकवाद की ओर बढ़ रहा है। जैसे कि हाल के शीतकालीन सत्र से लगभग सभी विपक्षी सदस्यों को बिना किसी ठोस कारण के निलंबित कर दिया गया था। संसद में विपक्ष की उपस्थिति कानून में पारदर्शिता लाती है लेकिन भाजपा ने सदस्यों को निलंबित कर जो कानून पारित किया है, वह हमारे लोकतांत्रिक देश के लिए खतरनाक है।

दूरसंचार विधेयक, 2023 के पारित होने पर चिंता व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि कानून सरकार को उन सभी संचारों तक पहुंचने का अधिकार देता है जो वाणिज्यिक हितों और नागरिक स्वतंत्रता के लिए खतरा पैदा कर सकते हैं और इसका उपयोग धार्मिक अल्पसंख्यकों और हाशिए पर रहने वाले समुदायों से संबंधित लोगों को परेशान करने के लिए किया जा सकता है। कॉन्फ्रेंस में जमाअत के राष्ट्रीय सचिव मोहम्मद अहमद और मीडिया सहायक सचिव सैयद खालिक अहमद भी उपस्थित थे। कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए जमाअत के सहायक सचिव इनामुर्रहमान ने दिल्ली की सुनहरी बाग़ मस्जिद पर राजनीति और इसकी सुरक्षा के संबंध में जमाअत की प्रगति और अदालत में पीआईएल दायर करने के बारे में बताया।

हिन्दुस्थान समाचार/ एम ओवैस/दधिबल

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