प्रधानमंत्री 11 फरवरी को पहुंचेंगे झाबुआ, जनजातीय सम्मेलन से करेंगे चुनाव प्रचार का आगाज
भोपाल, 05 फरवरी (हि.स.)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आगामी 11 फरवरी को झाबुआ में जनजातीय सम्मेलन को संबोधित करेंगे। सम्मेलन से प्रधानमंत्री लोकसभा चुनाव प्रचार का आगाज करेंगे। प्रधानमंत्री के कार्यक्रम की भाजपा ने तैयारी शुरू कर दी है। इसी सिलसिले में मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने सोमवार को दिल्ली में प्रधानमंत्री मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की। संसद भवन में इन दोनों ही नेताओं से मुलाकात के बाद मुख्यमंत्री भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से भी मिले। इस दौरान उन्होंने झाबुआ में प्रधानमंत्री की सभा और लोकसभा चुनाव की तैयारियों को लेकर बातचीत की।
झाबुआ में जनजातीय सम्मेलन के जरिए भाजपा ने आदिवासी वर्ग को साधने की तैयारी में हैं। प्रधानमंत्री मोदी 11 फरवरी को होने वाले इस सम्मेलन में मध्य प्रदेश और गुजरात दोनों राज्यों के आदिवासी वर्ग को साधेंगे। रैली को सफल बनाने के लिए भाजपा कार्यकर्ता घर-घर संपर्क करेंगे। इसकी तैयारियों को लेकर सोमवार को प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीडी शर्मा, प्रदेश चुनाव प्रभारी डॉ महेंद्र सिंह ने तैयारियों का जायजा लिया।
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीडी शर्मा ने निरीक्षण के बाद कार्यकर्ताओं का कहा कि रैली में हर मन में भी भगवा नजर आना चाहिए। प्रधानमंत्री की रैली में जनजातीय समाज के अधिक से अधिक लोगों की सहभागिता सुनिश्चित करें। 15 विधानसभाओं में लोगों से संपर्क करना है। हमें जनजातीय समाज के प्रमुख लोगों, संत-महात्माओं को भी इन कार्यक्रमों से जोड़ना है और जनजातीय भाई-बहनों के बीच विशेष रूप से प्रधानमंत्री जी के कार्यक्रम का प्रचार-प्रसार करना है।
लोकसभा चुनावों के लिए प्रदेश प्रभारी डॉ महेंद्र सिंह ने कहा कि हम सभी के लिए सौभाग्य की बात है कि भगवान श्रीराम को अयोध्या लाने वाले प्रधानमंत्री मोदी 11 तारीख को झाबुआ पधार रहे हैं। हम सभी कार्यकर्ताओं को पूरे प्राण प्रण से तैयारी में जुटना है और कार्यक्रम को सफल बनाना है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के कार्यक्रमों में सभी की सहभागिता सुनिश्चित हो, इसके लिए हमें घर-घर जाना है और हर घर कुंडी खटखटाना है।
प्रदेश संगठन महामंत्री हितानंद ने उपस्थित कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि हमें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का स्वागत गौरवशाली जनजातीय परंपराओं और संस्कृति के अनुरूप करना है। उनके स्वागत के लिए जनजातीय संस्कृति के प्रतीकों तीर-कमान, ढोल, फालिया आदि का प्रयोग होना चाहिए।
हितानंद शर्मा ने कहा कि प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र से कम से कम 10,000 कार्यकर्ता आएं। कुल 15 विधानसभा क्षेत्र कवर किए जाएं।
हिन्दुस्थान समाचार/मुकेश/आकाश
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