(अपडेट) बजट पूर्व बैठक में अर्थशास्त्रियों से प्रधानमंत्री ने कहा- अब जन-आकांक्षा बन चुका है विकसित भारत@2047
नई दिल्ली, 30 दिसंबर (हि.स.)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को कहा है कि 2047 तक विकसित भारत का विजन अब केवल सरकार की नीति नहीं, बल्कि देशवासियों की सामूहिक जन-आकांक्षा बन चुका है। शिक्षा, उपभोग और वैश्विक अवसरों के प्रति बदलते दृष्टिकोण से यह स्पष्ट है कि भारत एक अधिक आत्मविश्वासी और आकांक्षी समाज के रूप में आगे बढ़ रहा है।
प्रधानमंत्री ने यह बातें मंगलवार को नीति आयोग में प्रख्यात अर्थशास्त्रियों और विशेषज्ञों के साथ संवाद के दौरान कही। इस संवाद का विषय ‘आत्मनिर्भरता और संरचनात्मक परिवर्तन: विकसित भारत का एजेंडा’ रहा। प्रधानमंत्री ने कहा कि विकसित भारत की यात्रा के लिए संस्थागत क्षमताओं को मजबूत करना और भविष्य की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए आधारभूत ढांचे की अग्रिम योजना बनाना आवश्यक है।
प्रधानमंत्री कार्यालय के अनुसार उन्होंने जोर दिया कि देश की नीतियां और बजट प्रक्रिया 2047 के दीर्घकालिक विजन से जुड़ी रहनी चाहिए। दीर्घकालिक और सतत विकास को बनाए रखने के लिए प्रधानमंत्री ने विभिन्न क्षेत्रों में मिशन-मोड में सुधारों का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि वैश्विक क्षमताओं के निर्माण और अंतरराष्ट्रीय एकीकरण के लिए सुधारों को तेजी से लागू करना जरूरी है, ताकि भारत वैश्विक कार्यबल और अंतरराष्ट्रीय बाजारों के लिए एक महत्वपूर्ण केंद्र बना रहे।
बैठक में शामिल अर्थशास्त्रियों ने विनिर्माण और सेवा क्षेत्रों में उत्पादकता तथा प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ाने पर अपने विचार साझा किए। चर्चा में घरेलू बचत को प्रोत्साहन देने, मजबूत अवसंरचना विकास और अत्याधुनिक तकनीकों को अपनाकर संरचनात्मक परिवर्तन को गति देने पर बल दिया गया।
विशेषज्ञों ने कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) को विभिन्न क्षेत्रों में उत्पादकता बढ़ाने वाला अहम साधन बताया और डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर (डीपीआई) के निरंतर विस्तार की आवश्यकता पर भी चर्चा की। प्रतिभागियों ने कहा कि 2025 में हुए बहु-क्षेत्रीय सुधारों की अभूतपूर्व पहल और आने वाले समय में उनका और सुदृढ़ीकरण भारत की विकास गति को मजबूती देगा तथा देश को विश्व की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में बनाए रखने में सहायक होगा।
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हिन्दुस्थान समाचार / सुशील कुमार

