तेलंगाना को दलित विरोधी कांग्रेस और बीआरएस से सावधान रहने की जरूरत: मोदी

तेलंगाना को दलित विरोधी कांग्रेस और बीआरएस से सावधान रहने की जरूरत: मोदी
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तेलंगाना को दलित विरोधी कांग्रेस और बीआरएस से सावधान रहने की जरूरत: मोदी


नई दिल्ली, 11 नवंबर (हि.स.)। भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को कहा कि तेलंगाना की जनता को भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) और कांग्रेस से सावधान रहने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि बीआरएस की तरह ही कांग्रेस का इतिहास भी दलितों और पिछड़ों से नफरत का रहा है। मोदी ने कहा कि भ्रष्टाचार में भी कांग्रेस और बीआरएस एक जैसे हैं। बीआरएस सरकार ने भ्रष्टाचार में दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार के साथ गठबंधन किया। वे शराब घोटाले में शामिल हैं। वे काम में नहीं बल्कि भ्रष्टाचार में सहयोग करते हैं।

प्रधानमंत्री तेलंगाना में सिकंदराबाद के परेड ग्राउंड में मडिगा आरक्षण संघर्ष समिति (एमआरपीएस) द्वारा आयोजित एक सार्वजनिक रैली को संबोधित किया। मडिगा सामुदायिक संगठन तेलुगु राज्यों में अनुसूचित जाति के सबसे बड़े घटकों में से एक है। इस दौरान मोदी के साथ मंच पर मौजूद समिति के संस्थापक अध्यक्ष मंदा कृष्णा मडिगा के आंसू छलक पड़े। इस पर मोदी ने उनका कंधा थपथपा कर सांत्वना दी और उन्हें सहयोग का विश्वास दिलाया।

मोदी ने कहा कि बीआरएस की तरह ही कांग्रेस का इतिहास भी दलितों और पिछड़ों से नफरत का रहा है। प्रधानमंत्री ने डॉ भीमराव आंबेडकर, बाबू जगजीवन राम, रामनाथ कोविंद, हीरालाल सामरिया, द्रौपदी मुर्मू और जीतन राम मांझी आदि दलित नेताओं से जुड़ी घटनाओं का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि बाबू जगजीवन राम को कांग्रेस के अपमान का सामना करना पड़ा। मोदी ने कहा कि बीआरएस ने नया संविधान मांगकर बाबा साहेब अंबेडकर का अपमान किया।

प्रधानमंत्री ने कहा कि जब भाजपा ने रामनाथ कोविंद को राष्ट्रपति का उम्मीदवार बनाया, तो कांग्रेस ने उन्हें हराने के लिए पूरी ताकत लगा दी। इसी प्रकार जब एक आदिवासी महिला को भारत का पहला आदिवासी राष्ट्रपति बनाने का प्रस्ताव रखा तो कांग्रेस ने द्रौपदी मुर्मू का भी विरोध किया। जब दलित सरकारी अफसर हीरालाल सामरिया को चीफ इन्फॉर्मेशन कमिश्नर बनाया गया तो कांग्रेस ने उनके शपथ समारोह का भी विरोध किया। कांग्रेस नहीं चाहती थी कि एक दलित अफसर इतना बड़ा सरकारी पद पर जाए।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि तेलंगाना के गठन के लिए संघर्ष के समय आपसे वादा किया गया था कि एक दलित तेलंगाना का पहला सीएम होगा। हालांकि, तेलंगाना के गठन के बाद केसीआर ने दलित आकांक्षाओं को कुचलते हुए सीएम की सीट संभाली। उन्होंने कहा कि राजनीतिक दलों, नेताओं ने एससी समुदाय मडिगा को धोखा दिया, मैं उनके पाप के लिए माफी मांग रहा हूं। उन्होंने कहा कि तेलंगाना इतिहास के एक बहुत ही महत्वपूर्ण मोड़ पर खड़ा है। तेलंगाना सरकार राज्य की विरासत की रक्षा करने में विफल रही। उसने मडिगा समुदाय सहित सभी को धोखा दिया है।

मोदी ने कहा कि बीआरएस सरकार ने तेलंगाना के सम्मान की रक्षा नहीं की है। 10 साल पहले यहां बनी सरकार तेलंगाना के गौरव और सम्मान की रक्षा करने में सक्षम नहीं थी। दुनिया तेलंगाना के लोगों की क्षमताओं की सराहना करती है। हालांकि, तेलंगाना सरकार ने लोगों को निराश किया है। इन दस वर्षों में, तेलंगाना सरकार ने मडिगा समुदाय सहित सभी को धोखा दिया।

उन्होंने कहा कि हमने दो दिन पहले देखा कि कैसे बिहार के सीएम ने राज्य विधानसभा में दलित नेता और पूर्व सीएम जीतन राम मांझी का अपमान किया। उन्हें एहसास कराया गया कि वह सीएम बनने के लायक नहीं हैं। इससे पता चलता है कि दलितों का अपमान करना कांग्रेस की पहचान बन गई है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता गरीबों का कल्याण और वंचितों को प्राथमिकता देना है। हम सामाजिक न्याय सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा ने एससी और एसटी पर होने वाले अत्याचारों को लेकर सख्त कानून बनाये। हमने सुनिश्चित किया कि गरीबों को बैंक खाता मिले, गैस कनेक्शन मिले, शौचालय मिले, घर मिले। इन सभी योजनाओं में एससी, एसटी और ओबीसी के लोगों को सबसे ज्यादा लाभ दिया गया।

उन्होंने कहा कि केवल भाजपा ही तेलंगाना को सामाजिक न्याय की गारंटी दे सकती है। केवल भाजपा ही तेलंगाना को विकास के पथ पर ले जा सकती है। तेलंगाना में डबल इंजन सरकार बनाने में भाजपा और आपका समर्थन महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

हिन्दुस्थान समाचार/ सुशील/दधिबल

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