देश के किसानों के हित में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ रहे- प्रधानमंत्री

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देश के किसानों के हित में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ रहे- प्रधानमंत्री


नई दिल्ली, 14 सितंबर (हि.स.)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि देश की खाद्य सुरक्षा के लिए दिन-रात जुटे रहने वाले अपने किसान भाई-बहनों के हित में हम कोई कोर-कसर नहीं छोड़ रहे हैं। उन्होंने आज सोशल मीडिया पर केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान के बयानों को साझा करते हुए यह बात कही। उन्होंने कहा कि चाहे प्याज का निर्यात शुल्क कम करना हो या खाद्य तेलों का आयात शुल्क बढ़ाना, ऐसे कई फैसलों से हमारे अन्नदाताओं को बहुत लाभ होने वाला है। इनसे जहां उनकी आय बढ़ेगी, वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे।

इससे पहले केन्द्रीय कृषि और किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सोशल मीडिया पोस्ट पर कहा कि नरेन्द्र मोदी किसान हितैषी प्रधानमंत्री हैं। कृषि व किसान कल्याण उनकी सर्वोच्च प्राथमिकता है। किसानों के हित में मोदी सरकार ने कुछ बड़े निर्णय साझा करते हुए शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि किसानों की आय दोगुनी करना हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है।

शिवराज सिंह चौहान ने अपने एक्स पोस्ट पर लिखा कि किसान हितैषी मोदी सरकार ने किसान भाइयों-बहनों के हित में निर्णय लेते हुए खाद्य तेलों के आयात शुल्क को 0% से बढ़ाकर 20% कर दिया है। अन्य उपकरणों को जोड़ने पर कुल प्रभावी शुल्क 27.5% हो जाएगा। आयात शुल्क बढ़ाने से सोयाबीन के फसल की कीमतों में वृद्धि होगी और खाद्य तेल निर्माता भी घरेलू किसानों से फसल खरीदने के लिए प्रेरित होंगे। जिससे किसानों को उनकी फसल के ठीक दाम मिल सकेंगे। इस निर्णय से सोया खली का उत्पादन बढ़ेगा और उसका निर्यात हो सकेगा। साथ ही सोया से जुड़े अन्य सेक्टर्स को भी लाभ मिलेगा।

वहीं किसानों के विकास के लिए प्रतिबद्ध मोदी सरकार ने रिफाइंड ऑयल के लिए मूल शुल्क (बेसिक ड्यूटी) को 32.5% तक बढ़ाने का निर्णय लिया है। इस निर्णय से रिफाइनरी तेल के लिए सरसों, सूरजमुखी और मूंगफली की फसलों की मांग बढ़ेगी। किसानों को इन फसलों के बेहतर दाम मिल सकेंगे और साथ ही छोटे एवं ग्रामीण क्षेत्रों में रिफाइनरी बढ़ने से वहां रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे।

मोदी सरकार ने बासमती चावल से न्यूनतम निर्यात शुल्क को हटाने का निर्णय लिया है। निर्यात शुल्क के हट जाने से बासमती उत्पादक किसानों को अपनी उपज के ठीक दाम मिलेंगे और बासमती चावल की मांग बढ़ने के साथ ही निर्यात में भी वृद्धि होगी।

इसके साथ ही प्याज के निर्यात शुल्क को 40% से कम कर 20% कर दिया है। निर्यात शुल्क के कम हो जाने से प्याज उत्पादक किसानों को प्याज के अच्छे दाम मिलेंगे और प्याज का निर्यात भी बढ़ेगा। सरकार के इस निर्णय से किसानों के साथ प्याज से जुड़े अन्य सेक्टर्स को भी सीधा लाभ मिलेगा।

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हिन्दुस्थान समाचार / अनूप शर्मा

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