शनिवार को बंगाल आएंगे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मतुआ समाज की चिंताओं पर करेंगे बात
कोलकाता, 19 दिसंबर (हि. स.)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार को पश्चिम बंगाल के दौरे पर आ रहे हैं। इस दौरान वह नदिया जिले में एक तांत शिल्प के सरकारी कार्यक्रम में शामिल होंगे और इसके बाद स्थानीय मतुआ समुदाय के लाेगों से भी संवाद करेंगे।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रदेश अध्यक्ष समिक भट्टाचार्य ने शुक्रवार को यहां प्रेस वार्ता में बताया कि प्रधानमंत्री सुबह 10 बजे नदिया के राणाघाट उपमंडल के तहत तहेपुर स्थित नेताजी पार्क में रैली करेंगे और वहां से लोगों की चिंताओं पर खुलकर बात करेंगे।
प्रदेश अध्यक्ष ने मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के बीच मतदाताओं को आश्वस्त करने पर जोर देते हुए कहा कि भाजपा खासतौर पर नामशूद्र समाज के लोगों को भरोसा दिला सकती है कि किसी भी शरणार्थी का नाम मतदाता सूची से नहीं हटाया जाएगा।
प्रधानमंत्री का यह दौरा ऐसे समय हो रहा है, जब एसआईआर प्रक्रिया को लेकर मतुआ समाज में गहरी चिंता देखी जा रही है। मतुआ समाज नदिया और आसपास के जिलों में बड़ी संख्या में मौजूद है और राजनीतिक रूप से काफी अहम माना जाता है। राणाघाट को राज्य के सबसे बड़े मतुआ बहुल इलाकों में गिना जाता है।
पार्टी सूत्रों के अनुसार, इस दौरे की योजना नई दिल्ली में पश्चिम बंगाल के भाजपा सांसदों के साथ हुई बंद कमरे की बैठक के बाद तय की गई। बैठक में सांसदों ने प्रधानमंत्री को मतुआ समाज में फैल रहे डर और अविश्वास की जानकारी देते हुए कहा था कि यदि समय रहते मतुआ समाज की आशंकाओं को दूर नहीं किया गया, तो आगामी विधानसभा चुनाव से पहले पार्टी को इन इलाकों में गंभीर चुनावी चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है। इस पर प्रधानमंत्री ने भरोसा दिलाया कि वह राणाघाट की रैली में सीधे इस मुद्दे पर बात करेंगे।
बताया जा रहा है कि प्रधानमंत्री एसआईआर को लेकर बंगाली हिंदुओं में फैली बेचैनी से पहले से अवगत थे और सांसदों से मुलाकात से पहले ही मतुआ बहुल क्षेत्र में सार्वजनिक कार्यक्रम करने पर विचार कर रहे थे। बैठक में मौजूद लोगों के मुताबिक, प्रधानमंत्री ने इस मुद्दे और केंद्र सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं को लेकर प्रदेश संगठन की कमजोर संवाद नीति पर भी नाराजगी जताई।
उन्होंने सांसदों और पार्टी नेताओं को जमीनी स्तर और डिजिटल माध्यमों से संपर्क बढ़ाने, घर-घर जाकर लोगों को पुनरीक्षण प्रक्रिया समझाने और सामाजिक माध्यमों पर संदेश को और प्रभावी बनाने के निर्देश दिए। बुधवार को इसी मुद्दे पर राज्य विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी ने भी नई दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी।
वहीं, सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने भाजपा और निर्वाचन आयोग पर मतदाताओं में भय का माहौल बनाने का आरोप लगाया है। तृणमूल कांग्रेस का दावा है कि पुनरीक्षण प्रक्रिया के दबाव से जुड़े मामलों में कई आत्महत्याएं हुई हैं, जिनमें बूथ स्तरीय अधिकारियों के मामले भी शामिल बताए जा रहे हैं। इसी को लेकर पार्टी ने भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ अपना हमला तेज कर दिया है।
इस पृष्ठभूमि में भाजपा के सूत्रों का कहना है कि प्रधानमंत्री ने राज्य नेतृत्व को एसआईआर के फायदे अधिक मजबूती से सामने रखने और साथ ही केंद्र सरकार की योजनाओं को लेकर प्रचार तेज करने को कहा है। उन्होंने यह भी कहा है कि राज्य सरकार की कथित रुकावटों के कारण कई लाभ सही लोगों तक नहीं पहुंच पा रहे हैं और इसके लिए बूथ स्तर पर संगठन को मजबूत करने की जरूरत है।-------------------
हिन्दुस्थान समाचार / ओम पराशर

