भारत-रूस उत्पादन, अन्वेषण और निर्माण में सहयोग की नई यात्रा पर – प्रधानमंत्री

WhatsApp Channel Join Now
भारत-रूस उत्पादन, अन्वेषण और निर्माण में सहयोग की नई यात्रा पर – प्रधानमंत्री


नई दिल्ली, 5 दिसंबर (हि.स.)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रूस के उद्यमियों और व्यापारियों को भारत आने और यहां सह-उत्पादन, सह-अन्वेषण एवं सह-निर्माण के अवसरों का लाभ उठाने का न्यौता दिया तथा कहा कि हमारा लक्ष्य केवल आपसी व्यापार को बढ़ाना ही नहीं बल्कि पूरी मानवता का कल्याण सुनिश्चित करना है। उन्होंने कहा कि दोनों देशों को वैश्विक चुनौतियों का स्थायी समाधान करने के लिए मिलकर प्रयास करना होगा।

राष्ट्रपति पुतिन के साथ शुक्रवार को भारत-रूस व्यापार मंच को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि रूस में काम करने के लिए भारतीय श्रम शक्ति को सक्षम बनाने के लिए दोनों देशों को मिलकर प्रशिक्षित करना चाहिए। रूस में जनसंख्या गिरावट संबंधी तथ्य की ओर संकेत करते हुए उन्होंने कहा कि भारत में प्रशिक्षित श्रम शक्ति पर्याप्त है। हमारी युवा प्रतिभा विश्व की जरूरत को पूरा करने की क्षमता रखती है। दोनों देशों को मिलकर भारतीय श्रम शक्ति को रूसी भाषा और कौशल क्षमता से सम्पन्न बनाने के लिए मिलकर काम करना चाहिए।

प्रधानमंत्री ने विश्वास जताया कि पिछले साल राष्ट्रपति पुतिन के साथ मुलाकात में 2030 तक 100 अरब डॉलर का व्यापार सुनिश्चित करने का लक्ष्य तय समय से पहले पूरा हो जाएगा। दोनों देशों के सहयोग की संभावनाओं के चलते इस दिशा में तेजी से प्रगति हो रही है। भारत में बिजनेस के लिए आसान और तय प्रक्रिया बनाई जा रहे हैं। भारत और यूरेशिया आर्थिक संघ के बीच मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) पर चर्चा शुरू हो गई है।

उन्होंने कहा, “बिजनेस हो या डिप्लोमेसी, किसी भी साझेदारी की नींव आपसी विश्वास है। भारत और रूस संबंधों की सबसे बड़ी शक्ति यही विश्वास है। यही हमारे साझे प्रयासों को दिशा भी देता है और गति भी देता है। यही वो लॉन्चपैड है, जो हमें नए सपनों और नई आकांक्षाओं की उड़ान भरने के लिए प्रेरित करता है।”

प्रधानमंत्री ने भारत के इलेक्ट्रिक व्हीकल और सीएनजी मोबिलिटी में दुनिया में आगे होने और रूस के एडवांस मेटिरियल के बड़े उत्पादक के होने की बात कही और कहा कि इस क्षेत्र में सहयोग दोनों देशों के जरूरतों को ही नहीं बल्कि वैश्विक दक्षिण के विकास में भी सहयोग कर सकता है। उन्होंने कहा, “11 वर्षों से सुधाराें की इस यात्रा में हम न थके हैं और न ही रुके हैं। हमारे संकल्प पहले से भी अधिक मजबूत हैं, और हम अपने लक्ष्य की दिशा में बड़े आत्मविश्वास के साथ तेज गति से आगे बढ़ रहे हैं।”

प्रधानमंत्री ने कहा कि विकसित भारत के सपने को साकार करने के लिए आज भारत रक्षा, अंतरिक्ष के बाद नागरिक परमाणु क्षेत्र को भी निजी क्षेत्र के लिए खोल रहा है। इसके अलावा जीएसटी सुधारों और अनुपालन को सुगम बनाने से बिजनेस करना अधिक आसान हो गया है।

---------------

हिन्दुस्थान समाचार / अनूप शर्मा

Share this story