बाधाओं से परे होंगे 2024 के चुनाव परिणाम : प्रधानमंत्री मोदी
गरीबी को नारों से नहीं, नीति और नीयत से ही हराया जा सकता है : पीएम मोदी
नई दिल्ली, 04 नवंबर (हि.स.)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को एचटी लीडरशिप समिट 2023 के 21वें संस्करण में समापन भाषण देते हुए कहा कि 2024 के लोकसभा चुनाव परिणाम बाधाओं से परे होंगे।
प्रधानमंत्री मोदी ने 2014 में रीशेपिंग इंडिया से लेकर 2019 में बेहतर कल के लिए बातचीत और अब 2023 में बाधाओं से परे तक एचटी लीडरशिप समिट के विषयों के विकास पर भी बात की। वह इसे एक संदेश के रूप में व्याख्या करते हैं, जिसका जनता समर्थन करेगी। वह इसे उज्जवल भारत की नींव के रूप में देखते हैं।
मोदी ने इसकी व्याख्या एक संदेश के रूप में की कि जनता सभी बाधाओं को तोड़कर राजनीतिक प्रतिनिधियों का समर्थन करेगी। वह इसे उज्जवल भारत की नींव के रूप में देखते हैं। उन्होंने कहा, “2014 में जब हमारी सरकार बनी थी और हमारा सेवा काल शुरू हुआ था उस समय एचटी ग्रुप शिखर सम्मेलन का विषय भारत को नया आकार देना था, इसका मतलब है कि एचटी समूह यह मानकर चल रहा था कि आने वाले समय में भारत में बहुत कुछ बदलेगा। 2019 में, एचटी शिखर सम्मेलन का विषय बेहतर कल के लिए वार्तालाप था। उस समय हमारी सरकार पहले से भी ज्यादा बहुमत से आई। एचटी समिट के माध्यम से दुनिया को संदेश दिया गया कि भारत एक बेहतर भविष्य के रास्ते पर आगे बढ़ रहा है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि अब 2023 में जब देश अगले वर्ष होने वाले लोकसभा चुनावों पर चर्चा कर रहा है तो आपकी थीम- बाधाओं से परे रखी गई है। चूंकि मैं एक जनप्रतिनिधि हूं तो मुझे इसमें कुछ संदेश दिखता है और आपने साफ संकेत दे दिया है कि देश की जनता इस बार बाधाओं को तोड़कर हमारा समर्थन करने वाली है। उन्होंने कहा कि इसी नींव पर विकसित भारत का निर्माण होगा, भव्य और समृद्ध भारत का निर्माण होगा। लंबे समय तक हम भारतीयों को अनेक बैरियर्स का सामना करना पड़ा है। हमलों और उपनिवेशवाद ने हमें बाधाओं में बांध दिया। स्वतंत्रता आंदोलन ने कई बाधाओं को तोड़ दिया था। आजादी के बाद उम्मीद थी कि यह गति जारी रहेगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। हम अपनी क्षमता के अनुरूप विकास नहीं कर सके।
मोदी ने यह भी कहा कि भारत नई ऊंचाइयों तक पहुंचने के लिए बाधाओं को तोड़ रहा है- चाहे वह स्टार्ट-अप, मोबाइल विनिर्माण और डिजिटल लेनदेन हो। उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि भारत मानसिक बाधाओं के कारण अपनी क्षमता के अनुरूप प्रगति नहीं कर सका, जिनमें से कुछ को समझा गया और कुछ को बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया गया। उन्होंने कहा, भारत सक्रिय रूप से इन बाधाओं को तोड़ रहा है, और आज राष्ट्र ने उल्लेखनीय मील के पत्थर हासिल किए हैं, जैसे कि चंद्रमा पर उन स्थानों तक पहुंचना जहां पहले कोई नहीं पहुंचा था। आज भारत हर चुनौती को पार करते हुए डिजिटल ट्रांजेक्शन में नंबर वन बना है। आज भारत, हर बाधा से निकलकर, मोबाइल मैन्यूफैक्चरिंग में लीड ले रहा है। आज भारत, स्टार्ट अप्स की दुनिया में टॉप तीन में है। आज भारत, दुनिया का सबसे बड़ा स्किल पूल अपने यहां बना रहा है। आज भारत, जी-20 जैसे आयोजनों में अपना परचम लहरा रहा है।
उन्होंने कहा कि पहले खादी को कोई पूछता तक नहीं था, लेकिन पिछले 10 साल में खादी की बिक्री 3 गुना से ज्यादा बढ़ गई है। आज हर भारतीय बुलंद हौसले से भरा हुआ है। आज लोगों के माइंडसेट में परिवर्तन आया है। आज माइंडसेट बदलने का प्रभाव हम खेलों की दुनिया में भी देख रहे हैं। आज एक के बाद एक टूर्नामेंट्स में मेडल्स की बारिश हो रही है।
प्रधानमंत्री ने गरीबी को एक बड़ी बाधा बताते हुए कहा कि गरीबी को स्लोगन से नहीं सॉल्यूशन से ही लड़ा जा सकता है। गरीबी को नारों से नहीं, नीति और नीयत से ही हराया जा सकता है। उन्होंने पिछली सरकारों पर कटाक्ष करते हुए कहा कि पहले की सरकारों की जो सोच रही, उसने देश के गरीबों को सामाजिक और आर्थिक रूप से आगे नहीं बढ़ने दिया। हमारी सरकार ने इन बाधाओं को तोड़ने के लिए गरीब को इम्पॉवर करने का काम किया।
उन्होंने कहा कि भारत के विकास के सामने परिवारवाद और भाई-भतीजावाद भी एक बहुत बड़ा रियल बैरियर रहा है। वही आदमी आसानी से आगे बढ़ पाता था जो खास परिवार से जुड़ा हो या फिर किसी शक्तिशाली आदमी को जानता हो। इसलिए सामान्य नागरिक की कहीं पूछ नहीं थी।
प्रधानमंत्री ने कहा कि पहले आतंकी हमला होता था, तो हमारी सरकारें दुनिया से अपील करती थीं कि हमारी मदद करिए, आतंकियों को रोकिए। हमारी सरकार में आतंकी हमला हुआ, तो हमले का जिम्मेदार देश दुनिया भर से खुद को बचाने की गुहार लगाता रहा। उन्होंने कहा कि महिला आरक्षण बिल दशकों तक लटकने के बाद ऐसा लगने लगा था कि ये बिल कभी पास नहीं होगा, लेकिन ये बाधा भी हमने पार कर ली है। नारीशक्ति वंदन अधिनियम आज एक सच्चाई है।
उन्होंने कहा कि आज भारत में बढ़ता हुआ मिडिल क्लास और कम होती हुई गरीबी, ये दो फैक्टर्स एक बहुत बड़ा आर्थिक चक्र का आधार बन रहे हैं। देश 2047 तक विकसित भारत बनने के लिए काम कर रहा है। मुझे विश्वास है कि हर बाधा पार करते हुए हम सफल होंगे।
हिन्दुस्थान समाचार/सुशील/आकाश
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