प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में प्रगति की 50वीं बैठक, 85 लाख करोड़ से अधिक की परियोजनाओं को मिली गति
नई दिल्ली, 31 दिसंबर (हि.स.)।प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को ‘प्रगति’ (सक्रिय शासन और समय पर कार्यान्वयन) मंच की 50वीं बैठक की अध्यक्षता की। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि पिछले एक दशक में प्रगति आधारित तंत्र ने 85 लाख करोड़ रुपये से अधिक मूल्य की परियोजनाओं को गति देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। प्रधानमंत्री ने अगले चरण के लिए मंत्र दिया— “सरलता के लिए सुधार, परिणाम देने के लिए प्रदर्शन, प्रभाव डालने के लिए परिवर्तन”।
प्रधानमंत्री ने कहा कि प्रगति सुधारों की गति बनाए रखने और धरातल पर परिणाम सुनिश्चित करने के लिए अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने रेखांकित किया कि लंबे समय से लंबित कई राष्ट्रीय महत्व की परियोजनाएं प्रगति मंच के माध्यम से पूरी की गई हैं। यह मंच सहकारी संघवाद का सशक्त उदाहरण है और विभागीय साइलो तोड़कर समन्वय आधारित कार्यसंस्कृति को बढ़ावा देता है।
पांच राज्यों की प्रमुख परियोजनाओं की समीक्षा
50वीं बैठक में प्रधानमंत्री ने सड़क, रेलवे, बिजली, जल संसाधन और कोयला क्षेत्रों की पांच महत्वपूर्ण अवसंरचना परियोजनाओं की समीक्षा की, जो पांच राज्यों में फैली हैं और जिनकी कुल लागत 40 हजार करोड़ रुपये से अधिक है।
पीएम श्री स्कूलों पर विशेष जोर
पीएम श्री योजना की समीक्षा करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि इसे भविष्य के लिए तैयार, समग्र और परिणामोन्मुखी शिक्षा का राष्ट्रीय मानक बनना चाहिए। उन्होंने सभी मुख्य सचिवों से योजना की कड़ी निगरानी करने, वरिष्ठ अधिकारियों को क्षेत्रीय निरीक्षण करने तथा पीएम श्री स्कूलों को राज्य सरकार के अन्य स्कूलों के लिए बेंचमार्क बनाने का आग्रह किया।
प्रगति की उत्पत्ति और प्रभाव
प्रधानमंत्री ने बताया कि गुजरात के मुख्यमंत्री रहते हुए शुरू किए गए ‘स्वागत’ मॉडल से प्रेरित होकर केंद्र में प्रगति मंच की स्थापना की गई। 2014 से अब तक प्रगति के तहत 377 परियोजनाओं की समीक्षा हुई है, जिनमें चिन्हित 3,162 मुद्दों में से 2,958 (लगभग 94 प्रतिशत) का समाधान किया गया है, जिससे देरी, लागत बढ़ोतरी और समन्वय की बाधाएं कम हुई हैं।
दशकों से अटकी परियोजनाओं को मिला समाधान
प्रगति के माध्यम से दशकों से लंबित कई परियोजनाएं पूरी हुईं या निर्णायक रूप से आगे बढ़ीं, जिनमें असम का बोगीबील रेल-सड़क पुल, जम्मू-उधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेल लिंक, नवी मुंबई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा, भिलाई इस्पात संयंत्र का आधुनिकीकरण तथा गाडरवाड़ा और लारा सुपर थर्मल पावर परियोजनाएं शामिल हैं।
टीम इंडिया की भावना
प्रधानमंत्री ने कहा कि परियोजनाएं अक्सर इरादों की कमी से नहीं, बल्कि समन्वय के अभाव से विफल होती हैं। प्रगति ने केंद्र और राज्यों को एक मंच पर लाकर साझा लक्ष्य की दिशा में काम करने की संस्कृति विकसित की है। अब तक करीब 500 केंद्रीय सचिव और राज्य मुख्य सचिव प्रगति बैठकों में भाग ले चुके हैं।
2047 के विकसित भारत की दिशा में
प्रधानमंत्री ने कहा कि ‘विकसित भारत @2047’ एक समयबद्ध राष्ट्रीय संकल्प है और प्रगति इसे हासिल करने का सशक्त माध्यम है। उन्होंने राज्यों से सामाजिक क्षेत्र में भी मुख्य सचिव स्तर पर प्रगति जैसे तंत्र संस्थागत करने और परियोजना जीवनचक्र के हर चरण में तकनीक के उपयोग पर बल दिया।
प्रधानमंत्री ने कहा कि प्रगति@50 केवल एक उपलब्धि नहीं, बल्कि नागरिकों के लिए तेज़ निष्पादन, बेहतर गुणवत्ता और मापनीय परिणामों की प्रतिबद्धता है।
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हिन्दुस्थान समाचार / सुशील कुमार

