डिजिटल जीवन प्रमाण पत्र जमा करने वाले ईपीएफओ पेशनभोगियों की संख्या में तीन गुना इजाफा
नई दिल्ली, 08 जून (हि.स.)। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) के डिजिटल जीवन प्रमाण पत्र जमा करने के लिए मामले में क्रांतिकारी बदलाव आया है। डिजिटल जीवन प्रमाण पत्र जमा करने वाले ईपीएफओ पेंशनभोगियों की संख्या में तीन गुना इजाफा हुआ है।
श्रम और रोजगार मंत्रालय ने शनिवार को जारी एक बयान में बताया कि चेहरे से पहचान (फेस ऑथेंटिकेशन) तकनीक पर आधारित डिजिटल जीवन प्रमाण पत्र जमा करने वाले ईपीएस पेंशनभोगियों की संख्या वित्त वर्ष 2022-23 में 2.1 लाख से तीन गुना बढ़कर वित्त वर्ष 2023-24 में 6.6 लाख हो गई है, जो इस टेक्नोलॉजी की सफलता को दर्शाता है।
मंत्रालय के मुताबिक इस तकनीक के उपयोग में साल-दर-साल 200 फीसदी की वृद्धि हुई है। ये भी उल्लेखनीय है कि वित्त वर्ष 2023-24 में 6.6 लाख फेस ऑथेंटिकेशन टेक्नोलॉजी (एफएटी) आधारित डिजिटल जीवन प्रमाण पत्र (डीएलसी) इस दौरान प्राप्त कुल डीएलसी का लगभग 10 फीसदी है। पिछले वित्त वर्ष के दौरान पेंशनभोगियों से कुल मिलाकर लगभग 60 लाख डीएलसी प्राप्त हुए थे।
उल्लेखनीय है कि कर्मचारी भविष्य निधि संगठन में 78 लाख से अधिक पेंशनभोगी हैं, जिन्हें पेंशन पाते रहने के लिए हर साल जीवन प्रमाण पत्र जमा करना अनिवार्य है। पहले उन्हें भौतिक जीवन प्रमाण पत्र जमा करने के लिए बैंकों में जाना पड़ता था, जिसमें कई तरह की परेशानियां होती थीं। लेकिन अब पेंशन जीवन प्रमाण पत्र प्रक्रिया में क्रांतिकारी बदलाव आया है। अब डिजिटल प्रक्रिया से चेहरे की पहचान कर ईपीएस पेंशनभोगियों को सुविधा प्रदान की जाने लगी है।
हिन्दुस्थान समाचार/प्रजेश शंकर/जितेन्द्र
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