भारतीय शास्त्रीय व पुष्टिमार्गीय संगीत को पंडित जसराज ने दी नई ऊंचाई : अमित शाह
नई दिल्ली, 27 दिसंबर (हि.स.)। केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने कहा कि पंडित जसराज ने 08 दशकों से अधिक समय तक भारतीय शास्त्रीय, पुष्टिमार्गीय संगीत और वैष्णव परंपरा के भक्ति पद को पूरी दुनिया के संगीत प्रेमियों के लिए चिरंजीव बना दिया। उन्होंने कहा कि पंडित जसराज अष्टसखा भजन इतनी भक्ति भावना से गाते थे कि श्रोताओं के सामने भगवान कृष्ण की छवि जीवंत हो जाती थी।
शाह ने बुधवार को नई दिल्ली में पंडित जसराज संगीत समारोह- 'पंडित मोतीराम पंडित मणिराम संगीत समारोह' के 50 साल पूरे होने के अवसर पर एक स्मारक डाक टिकट जारी किया। उन्होंने कहा कि पंडित जसराज ने भारतीय शास्त्रीय संगीत और भक्ति पद को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया और यही कारण है कि दुनिया भर के लोग उन्हें इतना प्यार करते हैं। देश भारतीय शास्त्रीय और भक्ति संगीत को मजबूत करने में उनके योगदान को कभी नहीं भूल सकता।
उल्लेखनीय है कि 'पंडित मोतीराम पंडित मणिराम संगीत समारोह' की शुरुआत पंडित जसराज ने 1972 में अपने पिता संगीत रत्न पंडित मोतीराम और उनके बड़े भाई और बाद में उनके गुरु बने संगीत महामहोपाध्याय पंडित मणिराम की स्मृति के प्रति संगीतमय प्रेम व्यक्त करने के लिए की थी। अपने जीवनकाल के 47 वर्षों तक हर वर्ष बिना एक भी अंतराल के पंडित जसराज ने इस वार्षिक संगीत समारोह की मेजबानी स्वयं की। यह हैदराबाद का सबसे पुराना संगीत समारोह है। इस विरासत को पंडित जसराज सांस्कृतिक फाउंडेशन द्वारा आगे बढ़ाया गया है। इस अद्वितीय योगदान के लिए उन्हें सन ऑफ हैदराबाद भी कहा गया।
डाक टिकट जारी करने के अवसर पर पंडित जसराज की पुत्री दुर्गा जसराज और पंडित मणिराम के पुत्र एवं पंडित मोतीराम के पोते पंडित दिनेश सहित कई अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
हिन्दुस्थान समाचार/आशुतोष/पवन
हमारे टेलीग्राम ग्रुप को ज्वाइन करने के लिये यहां क्लिक करें, साथ ही लेटेस्ट हिन्दी खबर और वाराणसी से जुड़ी जानकारी के लिये हमारा ऐप डाउनलोड करने के लिये यहां क्लिक करें।