‘एक देश, एक चुनाव’ पर राजग और इंडी गठबंधन आमने-सामने, कुछ दल चाहते हैं व्यापक विमर्श
नई दिल्ली, 12 दिसंबर (हि.स.)। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने गुरुवार को ‘एक देश, एक चुनाव’ विधेयक को संसद में पेश किए जाने को मंजूरी प्रदान की। इस पर देशभर से राजनीतिक क्षेत्र से जुड़ी व्यापक प्रतिक्रिया सामने आ रही है। भाजपा और राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन से जुड़े दलों ने इसका समर्थन किया है। विपक्षी आईएनडीआई गठबंधन ने इसका विरोध किया है। हालांकि कुछ विपक्षी पार्टियों ने व्यापक विचार-विमर्श और विधेयक के सार्वजनिक होने तक इंतजार करने की बात कही है।
भारतीय जनता पार्टी ने विधेयक का समर्थन किया है। मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने ‘एक देश, एक चुनाव’ की अवधारणा का ही विरोध किया है। पार्टी ने अपने इसी साल जनवरी में मल्लिकार्जुन खरगे के इससे जुड़ी समिति को लिखे पत्र का हवाला दिया है। पार्टी ने कहा है कि उसका इस पर रुख नहीं बदला है। इसमें खरगे ने कहा था कि कांग्रेस ‘एक देश एक चुनाव’ के विचार का ही पुरजोर तरीके से विरोध करती है। यह हमारे जीवंत लोकतंत्र के लिए जरूरी है कि इस पूरे विचार को ही त्याग दिया जाए।
आईएनडीआई गठबंधन के नेता एवं तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने कहा है कि यह पूरा विषय अलोकतांत्रिक है और इससे क्षेत्रीय आवाज़ मिट जाएगी। यह संघवाद को नष्ट कर देगा और शासन को बाधित कर देगा। उन्होंने आईएनडीआई गठबंधन की पार्टियों से अनुरोध किया है कि इसका पुरजोर तरीके से विरोध किया जाए।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा है कि मंत्रिमंडल ने विशेषज्ञ और विपक्षी नेताओं की हर जायज चिंता को नजर अंदाज करते हुए असंवैधानिक संघीय व्यवस्था के विरोधी एक राष्ट्र एक चुनाव विधेयक को अपना लिया है। यह सावधानीपूर्वक सोचा गया सुधार नहीं है। यह भारत के लोकतंत्र और संघीय व्यवस्था को कमजोर करने के लिए बनाया गया है। हमारे सांसद संसद में इसका पुरजोर विरोध करेंगे। बंगाल कभी भी दिल्ली की तानाशाही सनक के आगे नहीं झुकेगा। यह लड़ाई भारत के लोकतंत्र को निरंकुशता के चंगुल से बचाने की है।
भारतीय जनता पार्टी के नेता एवं असम के मुख्यमंत्री हिमंत विस्वा सरमा ने कहा है कि ओडिशा में लोकसभा के साथ ही चुनाव हुए। अन्य राज्यों में भी ऐसे ही चुनाव हुए। लोकसभा और विधानसभा में चुनाव एक साथ नहीं होने से कई बार विकास कार्य रुक जाते हैं। हम एक देश एक चुनाव का पूरी तरह समर्थन करते हैं।
राजद गठबंधन में शामिल जनता दल (यू) के सांसद संजय कुमार झा ने कहा है कि उनकी पार्टी विधेयक का समर्थन करती है। नीतीश कुमार ने हमेशा एक साथ चुनाव कराए जाने का समर्थन किया है।
आईएनडीआई गठबंधन झारखंड मुक्ति मोर्चा की सांसद महुआ मांझी ने कहा है कि इससे क्षेत्रीय पार्टियों को सबसे ज्यादा नुकसान होगा। केन्द्र सरकार क्षेत्रीय पार्टियों खत्म करना चाहती है और चाहती है कि देश में एक या दो पार्टियां रह जाएं। हम इसे क्षेत्रीय पार्टियों के खिलाफ एक साजिश करार देते हैं। हम सभी को इसका विरोध करना चाहिए। हम आईएनडीआई गठबंधन का हिस्सा हैं और हमें इसका विरोध करना चाहिए।
शिवसेना (उद्धव बाला साहेब ठाकरे) के नेता अरविंद सावंत ने कहा है कि इस मुद्दे पर व्यापक चर्चा होनी चाहिए। यह कोई आसान विषय नहीं है। संघवाद पर विश्वास करने वाले देश में ऐसे किसी भी मुद्दे पर चर्चा के बिना कुछ नहीं होना चाहिए। इस विषय को संयुक्त संसदीय समिति को भेजा जाना चाहिए।
लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) ने विधेयक का समर्थन किया है। पार्टी सांसद शांभवी चौधरी ने कहा है कि जब भी चुनाव होते हैं, सभी का ध्यान चुनाव की तरफ केंद्रित हो जाता है। विकास और प्रशासनिक व्यवस्था पीछे चली जाती है। एक देश एक चुनाव इस बात को सुनिश्चित करेगा कि संसाधनों का नुकसान ना हो और विकास को प्राथमिकता मिले।
आईएनडीआई गठबंधन का हिस्सा जनता दल(यू) के सांसद मनोज झा ने कहा है कि संयुक्त संसदीय समिति में इस विषय पर व्यापक विचार होना चाहिए। मसौदे पर विचार के बाद विस्तार से चर्चा होनी चाहिए और इस बात पर चर्चा होना चाहिए। उन्हें लगता है कि इस तरह के मुद्दे उठाए जाते हैं ताकि लोग अन्य महत्वपूर्ण मुद्दों पर विचार ना करें। वर्तमान में महिला आरक्षण पर परिसीमन होना है। जनसंख्या सर्वे कराया जाना है लेकिन यह कब होगा, पता नहीं और किससे पूछा जाए, यह भी नहीं पता।
कांग्रेस सांसद प्रमोद तिवारी ने कहा कि पहले वह विधेयक का मसौदा देखना चाहते हैं। अगर विधेयक में कुछ गलत होगा तो हम उसका विरोध करेंगे। यह बात समझी जा सकती है कि इससे समय बचेगा। पर यह नहीं समझ में आ रहा कि कैसे इससे सकल घरेलू आय 1.5 प्रतिशत बढ़ जाएगी।
भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) विपक्षी इंडी गठबंधन का हिस्सा नहीं है। भारत राष्ट्र समिति के नेता अध्यक्ष केटी रामा राव ने फिलहाल इस पर प्रतिक्रिया देने से इनकार किया है। उनका कहना है कि पहले केंद्र सरकार इसे किस तरह से लाने वाली है, वह सबके सामने आने के बाद ही इस पर कोई बयान दिया जाएगा।
बीजू जनता दल भी इंडी का हिस्सा नहीं है। उसके नेता सस्मित पात्रा ने कहा है कि इस विषय पर व्यापक विचार विमर्श होना चाहिए। कई ऐसे विषय हैं जिन पर विचार होना बाकी है। विचार-विमर्श सभी पार्टियों से भी होना चाहिए।
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हिन्दुस्थान समाचार / अनूप शर्मा
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