पूरी दुनिया में संसदीय लोकतंत्र में हमारी प्रतिष्ठा बढ़ी: ओम बिरला

पूरी दुनिया में संसदीय लोकतंत्र में हमारी प्रतिष्ठा बढ़ी: ओम बिरला
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पूरी दुनिया में संसदीय लोकतंत्र में हमारी प्रतिष्ठा बढ़ी: ओम बिरला


रायपुर, 20 जनवरी (हि.स.)। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने शनिवार को छत्तीसगढ़ विधानसभा में दो दिवसीय प्रबोधन कार्यक्रम की शुरुआत की। लोकसभा अध्यक्ष ने दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम की शुरुआत की। इस अवसर पर ओम बिरला ने कहा कि पूरी दुनिया में संसदीय लोकतंत्र में हमारी प्रतिष्ठा बढ़ी है। हमने छत्तीसगढ़ की जनता का विश्वास जीता, इसलिए नक्सल प्रभावित क्षेत्र में भी मतदान बढ़ा।

प्रबोधन कार्यक्रम को संबोधित करते हुए लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि छत्तीसगढ़ प्राकृतिक संपदा, सौंदर्य, आध्यात्मिक और सांस्कृतिक समृद्धि का प्रतीक रहा है। प्रदेश छोटा है लेकिन विविधताएं बहुत हैं। यहां के पुरातत्व, संस्कृति, जनजातीय, लोकाचार पूरे देश को प्रभावित करते हैं। छत्तीसगढ़ की विशेष रूप से जीवंत कला, यहां के शिल्प, लोकगीत और नृत्य पूरे देश के लिए आकर्षण है। छत्तीसगढ़ और यहां के पुरातत्व संपत्ति को देखने के लिए देशभर और कई देशों के लोग यहां आते हैं।

उन्होंने कहा कि प्रबोधन कार्यक्रम में संसदीय कार्यों को जानते हुए संवैधानिक दायित्वों को निभाते हुए जिम्मेदारियों को पूरा कर सकें, यह सीखने को मिलेगा। संसदीय परंपराओं, नियमों, संविधान को जानने और किस तरीके से हम अपने संवैधानिक दायित्वों को निभाते हुए इस विधान मंडल के माध्यम से इस राज्य में समृद्धि और खुशहाली ला सकते हैं, इसका ज्ञान मिलेगा। दो दिन का यह प्रबोधन निश्चित रूप से हमारे जीवन में सार्थक होगा।

उन्होंने कहा कि भारत में लोकतंत्र बहुत पुराना है। लोकतंत्र हमारे जीवन का हिस्सा रहा है। पूरी दुनिया में संसदीय लोकतंत्र के मामले में हमारी प्रतिष्ठा बढ़ी है। आजादी के बाद से अब तक 18 से ज्यादा आम चुनाव और तीन सौ से ज्यादा विधानसभा के चुनाव हुए हैं। सत्ता का हस्तांतरण सामान्य ढंग से हुआ है।

लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य के गठन के साथ यहां की समृद्धि बढ़ी है। सरकार किसी की भी हो विधानमंडल एक ऐसा मंच है। जहां किसी भी दल का विधायक चाहे सत्तापक्ष का हो या विपक्ष का अपने क्षेत्र की बात को मज़बूती से रखता है। जनता की भावनाओं को रखता है। जब सामूहिक हित की बात हो तो सभी दलों को एक समूह में काम करने की जरूरत है। देश में जब ऐसे विषय आते हैं, हम सामूहिकता के साथ खड़े होते हैं। सर्व सम्मति से फैसले लेते हैं। विधान मंडल के भीतर प्रदेश के विभिन्न मुद्दों पर बेहतर चर्चा हो।

विधानसभा के अध्यक्ष से आग्रह करता हूं कि जितनी भी महत्वपूर्ण चर्चा है उसका डिजिटलाइजेशन कर दें। दो दिनों तक जो प्रबोधन कार्यक्रम चलेगा उस पर डिटेल में चर्चा होगी। नये-पुराने सभी विधायकों से आग्रह करता हूं कि, सदन में ज़्यादा से ज्यादा बैठें। मेरा मानना है कि जो विधायक सदन में ज्यादा देर तक बैठता है वह अपनी बात प्रभावी ढंग से रख पाता है। मेरा यह भी मानना है कि हम नई तकनीक के जरिए अपनी क्षमता को बढ़ायें। पिछड़े क्षेत्र के विधायकों की जवाबदारी ज्यादा बढ़ जाती है, उन क्षेत्रों में विकास अच्छी तरह हो सके और जो विधायक ऐसे क्षेत्र के हैं जो पिछड़े नहीं हैं, उन क्षेत्रों में भी विशेष कार्य करने की आवश्यकता होती है। विधान मंडलों का उपयोग आपको करना चाहिए, इस छोटे राज्य में सारी संभावनाओं को समझकर देश और राष्ट्रीय परिप्रेक्ष्य में हम कैसे राज्य को आगे बढ़ा सके। हम सभी सदस्य मिलकर इस प्रदेश को भव्य और विकसित बनाने की पहल को साकार करें।

इस दौरान केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया, उत्तर प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना, उप मुख्यमंत्री अरुण साव, संसदीय कार्य मंत्री बृजमोहन अग्रवाल, नेता प्रतिपक्ष चरणदास महंत सहित अन्य विधायक भी मौजूद रहे।

हिन्दुस्थान समाचार /केशव शर्मा/संजीव

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